समस्या समाधान Publish Date : 24/05/2024
समस्या समाधान
डॉ0 आर. एस. सेंगर, कृषि वैज्ञानिक
समस्या- हमारे यहां लहसुन की खेती से अच्छा उत्पादन प्राप्त होता था, लेकिन अब पिछले कुछ वर्षों से यह कम होता जा रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि लहसुन जहां भी लगाते हैं, बाद में उस जगह उत्पादन नहीं मिलता नई जमीन में ही मिलता है कृपया कोई उपाय बतायें।
- नारायण पवार, छिंदवाड़ा।
समाधान- आपका जिला सब्जी फसलों के उत्पादन के लिये मशहूर है। आपने लहसुन की घटती उत्पादकता विषय पर पूछा है जो कि एक सामान्य सी बात है। कोई भी फसल एक ही क्षेत्र में सतत नहीं लगाना चाहिये। इससे भूमि क्षेत्र विशेष के पोषक तत्वों का जिस अनुपात में ह्रास होता है उस अनुपात में पूर्ति नहीं हो पाती है। लहसुन की जरूरत स्फुर (फास्फेट) उर्वरक की अधिक होती है ऐसे में जाहिर है उसकी कमी आपके खेत में हो रही है। इस समस्या के निवारण के लिए आप निम्न उपाय करें-
सर्वप्रथम अपने क्षेत्र की मिट्टी का परीक्षण करायें और तत्वों के अस्तित्व की जानकारी प्राप्त करें और संतुलित उर्वरक भूमि में दें।
आमतौर पर जिंक लघु तत्व की कमी खेत में हो सकती है। खेत की आखिरी जुताई के समय 25 किलो जिंक सल्फेट/हेक्टर के हिसाब से मिट्टी में मिलायें, ताकि सूक्ष्म तत्व जिंक और गंधक दोनों की कमी की पूर्ति हो सके।
गोबर की खाद उपलब्धि अनुरूप खेत में अवश्य डालें, ताकि भूमि की दशा में परिवर्तन हो सके क्योंकि छिंदवाड़ा क्षेत्र की अधिकांश भूमि भारी नहीं है गोबर खाद से भी लाभ होगा।
समस्या- मैंने मिर्च लगाई थी लाल होने पर उसका भंडारण कैसे करें तथा बीज का भंडारण कैसे करें, कृपया बतायें।
- पराग बैरागी
समाधान- आपका क्षेत्र मिर्च उत्पादन के लिये प्रख्यात है, सूखी लाल मिर्च भी वहां मंडी में मिलती है आपको इसके भंडारण के लिये निम्न कार्य करने होंगे।
मिर्च फसल पकने लगे तो उसकी तुड़ाई 8-10 बार करें।
पूर्ण पकी मिर्च जो लाल होने लगी हो तो ही उसकी तुड़ाई करें।
अच्छी साफ जगह में ‘तारपोलिन’ में डालकर उसे सुखायें।
मिट्टी को ढेर में कदापि नहीं रखें उसको हल्की पतली परत में बिछायें जहां हवा तथा धूप पर्याप्त हो ।
दिन में दो-चार बार उसकी परत को उलट-पलट किया जाये ताकि सूर्य की तेज किरण केवल एक ओर नहीं पड़े।
समस्या- मैंने अंगूर लगाये हैं फलों के गुच्छों पर सफेद कीट नजर आ रहे हैं, उपचार से अवगत कराये।
- गुलाब राय
समाधान- आपके फलों पर मिलीबग नामक कीट का प्रकोप हो गया है। यह कीट कपास में भी आता है और इसके अलावा अन्य फल, सब्जी तथा खाद्यान्नों पर भी असर कर रहा है। आप ध्यान से देखें तो पत्तियों, शाखाओं और मुख्य तनों पर भी गुच्छे इस कीट के पायेंगे। ये छोटे-छोटे कीट पौधों का रस चूसते हैं तथा एक चिकना पदार्थ छोड़ते हैं। जिस फफूंदी कहते हैं। साथ ही निम्न उपाय भी करें-
आसपास चीटियों के घरों को नष्ट करें ताकि चीटियों द्वारा मिलीबग के विस्तार पर पाबंदी लग सके।
डायक्लोरोफास 2 मि.ली. फिश आईल, 2 मि.ली. $ मिथोमिल 2 ग्राम,
बागवानी सीरीज साग-सब्जी उत्पादन उन्नत तकनीक
क्लोरोपाईरीफास 2 मि.ली. को एक साथ मिलाकर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर शाखाओं पर छिड़काव करें।
विवेरिया बेसियाना परजीवी फफूंद 5 ग्राम / ली. पानी में घोल बनाकर 15 दिनों के अंतर से दो छिड़काव करें।
समस्या- इस मौसम में सब्जी के लिये क्या और कब करें ताकि अच्छा लाभ मिले।
- सुरजीत सिंह
समाधान- यदि जून में आपने प्याज की रोपणी डाली हो या यदि आपको कहीं से प्याज के रोपे मिल जाते हैं तो खरीफ प्याज लगाने का उपयुक्त समय आ गया है। इसकी रोपाई जुलाई के द्वितीय सप्ताह तक कर दें। रोपाई सामान्यतः 15 से 15 से.मी. कतार से कतार तथा पौध से पौध करें। यूरिया 120 किलो, सिंगलसुपर फास्फेट 370 किलो तथा 50 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति हेक्टर की दर से डालें। इसके साथ ही ध्यान रखें-
खेत में जल भराव की स्थिति बिल्कुल नहीं आये।
इसके अलावा अगेती फूल गोभी के रोपे भी प्राप्त करके उसे भी लगाया जा सकता है। रोपाई मेढ़ों के ऊपर 40 से.मी. कतार से कतार तथा 30 से.मी. पौध से पौध करें।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।