भारत में कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप की संख्या काफी काफी तेजी से बढी

     भारत में कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप की संख्या काफी काफी तेजी से बढी

                                                                                                                                                                                         डॉ0 आर. एस. सेंगर

देश मैं लगातार अनुकूल होते कारोबारी माहौल और सरकारी समर्थन की बदौलत, पिछले 9 वर्षों में किसी से जुड़े स्टार्टअप्स की संख्या कई गुना बढ़कर 7000 से भी ज्यादा हो गई है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया फार्मर्स एसोसिएशन की ओर से बुधवार 15 में 2024 को जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014-15 में कृषि और इससे संबंधित क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप्स की संख्या 50 से भी कम थी।

                                                          

पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने किसानों के हित में एक समग्र रणनीति अपनाई है। इसमें किसानों की आय कृषि बीमा योजनाओं और विस्तारित सिंचाई कवरेज को बढ़ावा देने वाले कदमों के चलते और इसके अलावा जैविक खेती को बढ़ावा देना, प्राकृतिक खेती को आगे ले जाना, महिला किसानों को सशक्त बनाना। इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना और सेवाओं को डिजिटल बनाना आदि भी शामिल है।

पिछले 9 वर्षों के दौरान कृषि के लिए बजट आवंटन में 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह 30,000 करोड रुपए से बढ़कर 1.3 लाख करोड रुपए हो गया है। व्यापक फसल बीमा नीति किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत के रूप में कार्य करती है, जो अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को सुरक्षा प्रदान करती है, इससे उनकी स्थिति सुरक्षित होती है और किसानों की वित्तीय बर्बादी को रोका जा सकता है।

संगठन के प्रेसिडेंट जवारे गोंडा का कहना है कि सरकार ने कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए सराहनीय कदम उठाए हैं। किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास किया जा रहे हैं। इससे अन्नदाता को सहायता तो मिल ही रही है और उसी का यह परिणाम है कि कृषि स्टार्टअप की संख्या 9 वर्षों में बढ़कर 7000 तक पहुंच गई है। फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया फार्मर्स एसोसिएशन के द्वारा जारी भारत के कृषि परिवर्तन शीर्षक वाली रिपोर्ट के मुताबिक सरकार का एक दशक लंबा प्रयास सराहनीय है। इसमें व्यापक दृष्टिकोण को स्वीकार किया गया है जिससे कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है।

इन योजनाओं से किसानों को मिलने वाले लाभ

                                                                     

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री किसान धन योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि और प्रधानमंत्री फसल बीमा आदि योजनाओं ने किसानों की स्थिति बदलने में अहम भूमिका निभाई है और इन योजनाओं की मदद से किसानों की वित्तीय स्थिति में सकारात्मक सुधार भी हुआ है।

जैविक खेती को बढ़ावा देने और महिला किसानों को सशक्त बनाने बुनियादी ढांचा मजबूत करने एवं सेवाओं को डिजिटल बनाने के लिए सरकार ने जो रणनीति अपनाई उसका लाभ किसानों को मिला है और भविष्य में और अधिक मिलने की संभावना है। एग्रीकल्चर के क्षेत्र में वृद्धि को देखते हुए स्टार्टअप की संख्या लगातार बढ़ रही है, क्योंकि अब युवाओं को लगने लगा है कि क्षेत्र में यदि स्टार्टअप के साथ उतर जाएगा तो किसानों की आय तो बढ़ेगी ही परन्तु इसके साथ ही साथ कंपनियों को भी लाभ होगा।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।