अब कंप्यूटर नहीं करेगा गलती Publish Date : 10/05/2024
अब कंप्यूटर नहीं करेगा गलती
डॉ0 आर. एस. सेंगर
वैज्ञानिकों के द्वारा एक ऐसी सिलिकॉन चिप तैयार की गई है, जो कंप्यूटर की गुणवत्ता और गति बढ़ाने के साथ-साथ गलत कमांड से होने वाले एरर्स को खुद ही खत्म कर देगी।
अब तो हम सब यही चाहते हैं कि हमारा कंप्यूटर हमारे विचारों के समान उतनी ही तेज गति से काम करे। ऐसे में काम करने के दौरान कंप्यूटर से गलती होने की संभावना भी बनी रहती है। लेकिन अब ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी सिलिकॉन तकनीक विकसित की है, जो शक्तिशाली क्वांटम कंप्यूटरों को अधिक सटीक बनाएगी। क्वांटम कंप्यूटर एक ऐसा उपकरण है, जो इनपुट डेटा को लेकर उसे आपके लिए सरल भाषा में बदल देता है।
अपनी इस नई तकनीक के माध्यम से वैज्ञानिकों ने एक चिप तैयार की है, जो क्वांटम कंप्यूटर की गति को न सिर्फ तेज करेगी, बल्कि वे अधिक सटीक नतीजे भी देंगे। मेलबर्न और मैनचेस्टर विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने इस चिप को ‘‘अल्ट्रा प्योर सिलिकॉन’’ नाम दिया है।
मेलबोर्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेविड जैमिसन के अनुसार, शुद्ध स्थिर सिलिकॉन के क्रिस्टल में मौजूद फॉस्फोरस परमाणुओं के क्यूबिट का उपयोग कर कंप्यूटर में पाई जाने वाली त्रुटियों पर बहुत जल्द काबू पाया जा सकता है। अब हम इस नई तकनीक द्वारा दी जाने वाली मजबूत चिप प्रणाली से क्वांटम कंप्यूटर की त्रुटियों को कुछ घंटों या मिनटों में ही दूर कर सकते हैं, जिन्हें दूर करने के लिए पारंपरिक या सुपर कंप्यूटर को भी काफी समय लगता है।
वैज्ञानिकों की मानें तो अल्ट्रा प्योर सिलिकॉन, क्वांटम कंप्यूटर को एक साथ लाने वाला एक महत्वपूर्ण घटक है और इसकी मदद से एक ऐसी तकनीक विकसित की जा सकती है, जो मानव जाति के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। मौजूदा समय में हम जो कंप्यूटर उपयोग कर रहे हैं, उनमें मौजूद इलेक्ट्रॉनिक चिप्स में अरबों ट्रांजिस्टर्स होते हैं। इनका उपयोग सिलिकॉन आधारित क्वांटम उपकरणों के क्यूबिट बनाने के लिए भी किया जा सकता है। अभी तक जो सिलिकॉन चिप इस्तेमाल हो रही थी, उसके नतीजे अधिक सटीक नहीं थे, लेकिन उच्च गुणवत्ता वाले सिलिकॉन क्यूबिट से क्वांटम कंप्यूटर अधिक सटीकता से कार्य कर सकेंगे।
वैज्ञानिकों के अनुसार, नई शुद्ध सिलिकॉन कंप्यूटर चिप्स, क्यूबिट को सुरक्षित रखती हैं, ताकि क्वांटम कंप्यूटर के त्रुटि सुधार लंबे समय तक स्टोर रह सकें और त्रुटि सुधार की आवश्यकता बहुत कम पड़े, साथ ही जटिल गणना भी संभव हो सके।
भविष्य की संभावनाएं और प्रभाव विषय पर क्वांटम कम्प्यूटेशन और संचार प्रौद्योगिकी के लिए मेलबर्न विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक पहले भी कम शुद्ध सिलिकॉन का उपयोग करके विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं, जो अभी भी कायम है। उम्मीद की जा रही है कि इस ‘‘अल्ट्रा प्योर सिलिकॉन’’ चिप के विकसित होने से दुनियाभर में हजारों की संख्या में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।