World Lafter Day (विश्व हास्य दिवस) पर विशेष

                    World Lafter Day (विश्व हास्य दिवस) पर विशेष

                                                                                                                                                        डॉ0 आर. एस. सेंगर

प्रत्येक वर्ष 5 मई को मनाया जाता है विश्व हास्य दिवस

10 मिनट तक हंसी है दिल के साथ दिमाग भी रहेगा स्वस्थ

                                                              

हंसने से सिर्फ मूड ही बेहतर नहीं होता बल्कि यह थैरेपी एक का काम करता है। तमाम अध्ययन बताते हैं कि अगर आप खुलकर हंसते हैं तो अपने आपको कई बीमारियों से दूर रख सकते हैं। 5 मई को विश्व हास्य दिवस मनाया जाता है, इस मौके पर लिए जानते हैं कि जिंदगी में खुलकर हंसना क्यों जरूरी है और उसके क्या-क्या लाभ है।

शरीर के हार्मोंस और खुशी के बीच में है एक अच्छा संबंध

शरीर में चार हारमोंस सेरोटोनिन, एंडोफन, ऑक्सीटोसिन और डोपाम  को हैप्पी हार्माेन कहते हैं। इनकी शरीर शरीर में कमी होने से मानसिक सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे मूड और शरीर दोनों को ही नुकसान होता है। हंसने और खुश रहने से हारमोंस का स्तर शरीर में बढ़ जाता है। आज की इस भागमभाग वाली जिंदगी में तनाव के कारण लोग हंसना लगभग भूलते ही जा रहे हैं। एकल परिवार मोबाइल फोन भी अवसाद बढ़ाने का एक अहम कारण बन रहा हैं।

मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां होती है दूर

यदि खुलकर हंसा जाता है तो मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह किसी दवा से कम नहीं है। यदि आप रोजाना 10 मिनट दिल खोलकर हंस पाते हैं तो इससे अंडोफेन हार्माेन अधिक मात्रा में रिलीज होता है, जो आपके स्वास्थ्य को ठीक रखता है। हंसने से शरीर के सभी महत्वपूर्ण हिस्सों, खासकर हृदय, मस्तिष्क, एंडोक्राइन सिस्टम, मांसपेशियों और हड्डियों में नए सेल्स बनते हैं जो न केवल अधिक उम्र की ओर ले जाते हैं बल्कि अधिक उम्र में आपको जवां बनाए रखने में भी मदद करते हैं। हंसने से चेहरे की 15 मांसपेशियां एक्टिव हो जाती हैं और इससे चेहरे को निखार मिलता है। क्योंकि इससे चेहरे का व्यायाम हो जाता है इससे शरीर को फायदा मिलता है।

हंस कर घटा सकते हैं अपना वजन

                                                       

हंसते समय हमारे हृदय की धड़कन 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ जाती है और यह कैलोरी खत्म करने में मदद करती है। अतः प्रतिदिन 15 मिनट हंसने पर आपकी 10 से 40 कैलोरी खत्म होती है। कहने का अर्थ है कि हंसकर आप अपने वजन को भी कम कर सकते हैं।

हंसने के यह भी है लाभ

  • बीपी और हार्ट की समस्याओं से बचाव।
  • बेहतर नींद आती है गुस्सा कम होता है।
  • ऑक्सीजन का प्रभाव बेहतर होता है।
  • मेंटल हेल्थ से जुड़ी तमाम समस्याएं दूर हो जाती हैं।
  • तनाव कम होता है और याददाश्त में भी सुधार होता है।
  • हंसने से रक्त संचार ठीक रहता है।
  • हंसने से प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है।

हंसना हुआ कम

जर्मन वैज्ञानिक डॉक्टर माइकल स्टेटस के अनुसार 50 के दशक में लोग रोज औसतन 18 मिनट हंसते थे जबकि आज इस वर्तमान दशक में घटकर रोजाना चार से 6 मिनट ही रह गया है। जो कि एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है, मुस्कुराहट है हुस्न का जेवर मुस्कुराना न भूल जाया करो अब्दुल हमीद अहमद के लिखे शेर की इन पंक्तियों में उस शह की बात हो रही है जो हर मर्ज की दवा समान है। किसी ने यहां तक कहा है कि रोजाना एक सेब खाना ही नहीं रोजाना अपने चेहरे पर हंसी सजना भी आपको डॉक्टर से दूर रखता है।

आज वर्ड लॉफ्टर डे के बहाने जिंदगी में खुशी के लिए आपको हंसते रहने की जरूरत है। इस पर ध्यान दें और हंसते रहें कम से कम प्रत्येक दिन 10 से 15 मिनट का समय निकालकर।

ऐसे बढ़ाएं अपनी खुशी

हंसी सिर्फ मनोरंजन नहीं है यह आपके शरीर का सबसे अच्छा इलाज भी है। इंस्टीट्यूट ऑफ हैप्पीनेस स्टडीज के प्रमुख डॉक्टर जैन स्मिथ कहते हैं की हंसी सिर्फ आपके चेहरे को चमकाती नहीं है बल्कि यह आपके मस्तिष्क को अच्छा महसूस करने वाले एंडोफ्रेंड से भी भर देती है और खुशी का स्वागत करती है, हालांकि हर स्थिति में हंसना संभव नहीं हो सकता। लेकिन कई तरीके हैं जिनसे आप अपने हर दिन को और अधिक हंसी से भर सकते हैं, जैसे कॉमेडी शो देखने से लेकर जानवरों के मजेदार वीडियो देखने, कॉमिक्स पढ़ने से लेकर लाफिंग क्लब में भाग लेने तक हंसने का अभ्यास अच्छा है। क्योंकि 15 मिनट की हंसी 2 घंटे की नींद के बराबर आराम देती है।

अपने अनुभवों में निवेश करें जो अच्छी यादें बनाएं जैसे घूमने जाना, कुछ नया सीखना, दूसरों के लिए कुछ करना या किसी और की खुशी का समर्थन करना आदि। यह हमें खुद को खुश करने की कोशिश करने से ज्यादा खुशी देता है। मतलब जीवन में अधिक खुशी के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक अच्छे सहायक सामाजिक रिश्ते हैं और जब आपके चेहरे पर मुस्कान रहती हो तो सामाजिक रिश्ते खुद व खुद बनने भी लगते हैं।

अपने जीवन की छोटी बड़ी अच्छी चीजों की सराहना करें और कृतिका का अभ्यास करें।

प्रकृति की सराहना करें इस तरह वर्तमान क्षण में मौजूद रहकर आप जीवन की साधारण खुशियों का आनंद ले सकते हैं।

यह हैं खुशी के चार रसायन

एंडोफॉन

अधिकांश दोनों में काम से कम 30 मिनट की मध्यम तीव्रता वाले व्यायाम करने का लक्ष्य रखें मजेदार लोगों के साथ समय बिताए या कॉमेडी फिल्में देखें।

ऑक्सीटोसिन

विश्व जुड़ाव और सहानुभूति की भावनाओं को बढ़ाने वाले इस हार्माेंस के लिए अपने प्रियजनों के साथ समय बिताए। मजबूत सामाजिक सम्बन्ध बनाएं और दूसरों की मदद करें और आभार प्रकट करते रहें।

सेरोटोनिन

भलाई और संतुष्टि की भावनाओं से जुड़ा हार्माेन है जिसका स्राव सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से बढ़ जाता है। इसलिए रोजाना कम से कम 15 से 20 मिनट धूप में रहने का लक्ष्य बनाएं और नियमित व्यायाम करें या टहलने जाएं।

डोपमाइन

जिन चीजों को करने में आपको मजा आता है उससे डोपामाइन हार्माेन का स्त्राव बढ़ता है जिससे आपको खुशी का अनुभव होता है जैसे कि खेल में भाग लेना, किसी शौक को पूरा करना आदि, तो हर दिन इस हार्माेन को कुछ रखने की कोशिश करें।

आखिर खुशी हमसे दूर क्यों

                                                              

एक शोध की माने तो आजकल 50 करोड़ से भी ज्यादा लोग खुशी को ढूंढ रहे हैं और वह किसी भी कीमत पर खुशी खरीदना चाहते हैं। मगर क्यों इस पर जर्मन कवि हार्दिक वन लिस्ट कि यह बात समझना जरूरी है, जिसके अनुसार खुशी को घटती है। सिद्धांत की तरह सिद्ध नहीं किया जा सकता, बल्कि इसे अस्तित्व में रखना है तो इसे महसूस किया जाना चाहिए।

दरअसल कम से संबंधित तनाव युवाओं के बीच आज के दौर में चिंता और अवसाद की वजह बन रहा है, इससे बाहर निकालने के लिए यह पीढ़ी हंसने के तरीके ढूंढ रही है ताकि खुशी बढ़ाई जा सके और इस बात की पुष्टि यह शोध भी कर रहे हैं। जिनमें पाया गया है कि पिछले कुछ सालों में जेनरेशन और  मिलेनियल घूमने को प्राथमिकता दे रहे हैं और अपने अनुभवों पर अधिक खर्च कर रहे हैं क्योंकि वह वहां खुलापन महसूस करना चाहते हैं।

काफी लोग ऐसे हैं जो प्रतिवर्ष लगभग 60 लाख तक का वेतन पा रहे हैं लेकिन जीवन में खुशी नहीं है। एक बड़ी कंपनी में काम कर रहे हैं 24 वर्षीय युवा का यह विलाप सुर्खियों में आया ही था कि इंटरनेट के एक और ताजा आंकड़े ने अपनी ओर ध्यान आकर्षित किया। इसके मुताबिक लोग इन दिनों इंटरनेट पर खुशी क्या है खुश रहने के लिए क्या जरूरी है जैसी सर्च खूब कर रहे हैं या यूं कहें कि तनाव से परेशान लोग खुश रहने के लिए फिर चिंता व तनाव में है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि जापान में महामारी के बाद मुस्कुराना भूल चुके युवाओं को हंसना सीखने के लिए स्माइल कोच की मांग बढ़ गई है। हर कोई खुश रहने को परेशान है लेकिन उसका सही तरीका नहीं मिलता। अब आलम यह है कि अब कंपनियों ने खुशी को ही अपना एक प्रोडक्ट बना लिया है। आज बाजारों में खुशी बिक रही है और इसके खरीदार भी मिल रहे है। इस बात की पुष्टि यह आंकड़े भी कर रहे हैं।

एक खुश चेहरा आपका खराब मूड को भी अच्छा कर सकता है क्योंकि शोध में पाया गया है कि चेहरे पर 500 मिली सेकंड यानी आधा सेकंड की मुस्कान पैदा करना भी खुशी के लिए अंदर से प्रेरित करने में पर्याप्त होता है।

खुशियों की खातिर मिनिमम मंडे

लोग खुश रहने के लिए काम करने के तरीके में बदलाव ला रहे हैं और इसी का एक प्रयास है, बेयर मिनिमम मंडे जो इन दिनों कुछ देशों में खूब ट्रेंड में है। इसमें दुनिया के बहुत सारे कामकाजी लोगों ने संकल्प लिया कि वह हफ्ते में पहले दिन अपने घर और दफ्तर में ज्यादा काम नहीं करेंगे और अपनी पूरी ताकत व अपनी ऊर्जा को पूरे हफ्ते के लिए बचा कर रखेंगे, ताकि उनकी खुशी बरकरार रहे। इसी तरह कुछ समय पहले क्वाइट क्विटिंग का ट्रेंड भी आया था, जिसमें लोग जरूर भर ही काम कर रहे थे।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।