फ्रेंड थेरेपी से डिप्रेशन और तनाव की समस्या कम होती है Publish Date : 04/04/2024
फ्रेंड थेरेपी से डिप्रेशन और तनाव की समस्या कम होती है
डॉ0 आर. एस. सेंगर, डॉ0 रेशु चौधरी एवं मुकेश शर्मा
प्राय: देखा गया है कि अधिकांश लोग अपने जीवन में दोस्तों को सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं। सुख और दुख में उनकी उपस्थिति स्ट्रेस बस्टर का काम करती है। चिकित्सक इस फ्रेंडली दिल कहते हैं। दोस्त के पास होना ही न केवल हिम्मत बढ़ता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है।
अकेलेपन से होती है दिक्कत
अकेलापन और सामाजिक अलगाव मनुष्य के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं, जबकि दोस्त आपके अकेलेपन को दूर करने में मदद करते हैं। जब कभी भी आप अकेलापन महसूस करें तो अपने दोस्तों से बात करके या उनके साथ कुछ समय व्यतीत कर आप इसका प्रभावी समाधान ढूंढ सकते हैं।
तनाव से कैसे बचे
वर्तमान समय में हर किसी के जीवन में तनाव है, चिंता अवसाद या चिड़चिड़ापन जैसी मनोदशा संबंधी लक्षण दिखाई देना भी इसमें एक आम बात है और अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो खराब इम्यून हेल्थ, अनिद्रा, कब्ज, हृदय से सम्बन्धित समस्याएं, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं हो सकती है। ऐसे में अगर आपके पास कुछ सच्चे दोस्त हैं, जो आपकी परवाह करते हैं और वह आपकी मदद करना चाहते हैं तो आप संभावित तनाव से भी सुरक्षित बच सकते हैं।
दोस्त को दे भावनात्मक समर्थन
भावनात्मक समर्थन दोस्ती का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। दोस्त आपकी बात ध्यान से सुनते हैं आपकी भावनाओं की कद्र करते हैं और जब आप स्वयं को उदास या परेशान महसूस करते हैं तो वह आपका इससे ध्यान भटकने में मदद करते हैं। यदि आपसे कोई गलती हो भी गई है तो भी वह आपका समर्थन ही करते हैं।
आत्मविश्वास को मिलता है बढ़ावा
यदि आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं या फिर कोई ऐसी आदत, जिसे आप छोड़ना चाहते हैं तो आपके दोस्त आपको अच्छी आदतें अपनाने में मदद भी कर सकते हैं। ध्यान रहे की एक मजबूत दोस्ती आपके जीवन को खुशी और क्षमतावान बना सकती है। अच्छे एवं सच्चे दोस्त आपकी पसंद का समर्थन कर सकते हैं, उदाहरण के लिए यदि आप जिम जाना चाहते हैं या दौड़ना शुरू करना चाहते हैं तो सच्चे दोस्त व्यायाम करने के लिए आपको प्रोत्साहित कर सकते हैं। यदि आप किसी कंपटीशन की तैयारी करना चाहते हैं आपका कोई अच्छा दोस्त है, जो पढ़ने लिखने में अच्छा है तो वह आपको सही रास्ता दिखाकर आपको आगे बढ़ाने में हेल्प कर सकता है। इसके लिए केवल ध्यान इस बात का रखना है कि आपने अपना दोस्त कैसा चुना है।
एक स्वस्थ फ्रेंडशिप के लिए सही दोस्त चुनाव करें
इस सम्बन्ध में प्रायः देखा गया है कि लोग दोस्ती तो करते हैं लेकिन एक सही दोस्त जीवन में मिल पाना बहुत कठिन होता है, इसलिए हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि जो व्यक्ति अच्छा है और वह आपके लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग कर सकता है, उस व्यक्ति से ही दोस्ती करनी चाहिए। क्योंकि कुछ लोगों की संगत करने से आप गलत आदतों की तरफ भी बढ़ सकते हैं और जिससे आपके साथ खिलवाड़ हो सकता है। इसलिए सोच समझकर अच्छे लोगों का ही आपको चुनाव करना चाहिए, जिससे आप अपने जीवन में आगे बढ़ सके और अपने समक्ष आने वाली चुनौतियों का साहस के साथ सामना कर सके।
चुनोतियों का कैसे करेंगे सामना
जीवन में कभी भी और किसी भी समय आपको अपने जीवन में दर्दनाक या कठिन घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है और इसके चलते आपकी भावनाएं भी प्रभावित हो सकती हैं, जैसे तलाक, बेरोजगारी या पारिवारिक समस्याएं आदि। लेकिन यदि आपकी दोस्ती मजबूत है तो संभवत इसके लिए जीवन में आने वाली हर परिस्थिति या चुनौती का सामना कर आसान हो जाता है। आप दोस्त से वह बातें भी कर सकते हैं जो परिवार से करना संभव नहीं हो पाती है।
इसलिए दोस्त का चुनाव करना आपके ऊपर डिपेंड करता है कि आप किसको दोस्त बना रहे हैं और उसकी संगत करने से आपको क्या लाभ हो सकता है। इसलिए जीवन में सदैव ऐसे लोगों का चुनाव करें जो भविष्य में आने वाली चुनोतियों का सामना करने के लिए आपका मार्गदर्शक और एक सहारा बन सके।
दोस्तों से सप्ताह में एक बार बात जरूर करें
मानवीय संबंधों का सबसे खूबसूरत और मूलभूत पहलू है दोस्त, जो हमारे जीवन में सहयोग समर्थन और खुशी प्रदान करता है। दोस्तों के साथ बिताया गया एक-एक पल किसी प्रकार की थेरेपी के रूप में कार्य करता है। इससे आपका मन हल्का होता है, आप अपने मन में छिपी भावनाओं को एक सच्चे दोस्त के साथ साझा कर सकते हैं। आप उनके साथ समय व्यतीत करें जिन लोगों पर आपको विश्वास हो।
यदि कोई विश्वासघात करता है तो उसे सदैव ही दूरी बनाकर रखें और आप एक दूसरे की भावनाओं को समझें तभी फ्रेंड थेरेपी ठीक से काम कर पाती है। आप उनको सुझाव दें तथा उनकी बात सुनें और सप्ताह में एक बार दोस्तों से बातचीत जरूर करें, क्योंकि ऐसा करने से आपसी सम्बन्धों में नयापन एवं मधुरता रहती है। यदि संभव हो तो महीने दो महीने में दोस्तों के साथ बाहर घूमने की भी योजना बनाई जा सकती है, लेकिन आपको अपने पारिवारिक जीवन को ध्यान में रखते हुए ही इस तरह का कदम उठाना चाहिए।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।