होली का इतिहास Publish Date : 03/04/2024
होली का इतिहास
डॉ0 आर. एस. सेंगर, शोध छात्रा गरिमा शर्मा
होली का पर्व हमारे देश में सदियों से मनाया जाता रहा है और इस प्रकार से होली का इतिहास काफी पुराना है। यह त्यौहार प्रह्लाद और होलिका की कहानी से जुड़ा हुआ है। प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे, होलिका को आग में नही जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका ने प्रह्लाद को आग में जलाने का प्रयास किया, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गए और होलिका जल गई। तभी से होली का त्यौहार मनाया जाता है।
होली का महत्वः
होली का त्यौहार कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्यौहार लोगों को एकजुट करता है और सामाजिक भेदभाव और जातिप्रथा को भी मिटाता है। यह त्यौहार लोगों के जीवन में खुशियों के रंग लेकर आता है।
होली का उत्सवः
होली का त्यौहार दो दिनों तक मनाया जाता है। जिसमें पहले दिन होलिका का दहन किया जाता है। लोग लकड़ी और गोबर के ढेर को जलाते हैं और भगवान विष्णु से प्रार्थना करते हैं। दूसरे दिन लोग एक दूसरे पर रंग डालते हैं, पानी की पिचकारी से खेलते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।
होली के गीतः
होली के त्यौहार पर कई लोकप्रिय गीत गाए जाते हैं। इन गीतों में होली के उत्साह और खुशियों का वर्णन किया जाता है।
होली का त्यौहार भारत की समृद्ध संस्कृति का प्रतीक है। यह त्यौहार लोगों के जीवन में खुशियां और रंग लाता है।
🔥🙏कल्याणकारी होली🙏🔥
“राम रंग की बौछार रहे, मनो में उमड़ता प्यार रहे।
इस बासंती होली में, अपनत्व का व्यवहार रहे।।
बिसरायें सारे रंग भेद, समरसता सत्कार रहे।।
सब व्यसनों का हवन करें, जीवन मूल्यों की बहार रहे।
संस्कारों की सुगंध बहे, संयुक्त सब परिवार रहें।।
छोटों पर वात्सल्य उमड़े, गुरु चरणों में श्रद्धा सार रहे।
ज्ञानी समाज हित चिंतक हों, क्षत्रिय कर में काल कुठार रहे।।“
🍁उत्साह,हर्षाेल्लास और रंगोत्सव देश,धर्म,समाज और आपको सपरिवार कल्याणकारी हो🍁
💥सबको हार्दिक शुभकामनाएं एवम आशीष💥
युवा क्षत्रियों का सांस्कृतिक संगठन
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।