टिंडे की फसल का डाउनी मिल्ड्यू से बचाव      Publish Date : 28/06/2025

            टिंडे की फसल का डाउनी मिल्ड्यू से बचाव

                                                                                                                                       प्रोफसर आर. एस. सेंगर एवं गरिमा शर्मा

टिंडे की पत्तियाँ अगर पड़ रही हैं पीली, तो किसान भाई हो जाएं सतर्क, यह डाउनी मिल्ड्यू रोग कर संकेत हो सकता है। ऐसे में हमारे विशेषज्ञ बता रहे हैं डाउनी मिल्ड्यू का उपचार और इससे बचाव के तरीके।

अगर आपकी टिंडे (राउण्ड गार्ड) की फसल की पत्तियाँ अचानक पीली पड़ने लगी हैं, तो यह किसी पोषक तत्व की कमी नहीं बल्कि एक फफूंद जनित रोग (Downy Mildew) का संकेत हो सकता है। यह रोग फसल की सेहत को तेजी से नुकसान पहुंचाता है और उपज पर सीधा असर डालता है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा के विशेषज्ञों ने इस रोग की पहचान और इसके उपचार से जुड़ी आसान और कारगर तकनीक साझा की है, जिससे किसान समय रहते फसल में होने वाली हानि को बचा सकते हैं।

क्या है डाउनी मिल्ड्यू रोग?

                                                      

डाउऩी मिल्ड्यू एक प्रकार की फफूंद (फंगल) बीमारी है, जो टिंडे की पत्तियों को पीला और कमजोर बना देती है। शुरुआत में फसल की पत्तियों की ऊपरी सतह पर हल्के पीले धब्बे दिखते हैं और नीचे की सतह पर भूरे या बैंगनी रंग का फफूंदनुमा जमाव नजर आता है। यदि समय के रहते इसका उपचार न किया जाए तो यह रोग पूरी फसल को अपनी चपेट में ले सकता है।

पूसा संस्थान की सलाहः रिडोमिल से करें रोग से बचाव

इस रोग पर नियंत्रण के लिए IARI पूसा के कृषि वैज्ञानिक विशेष रूप से रिडोमिल (Ridomil) नामक दवा के प्रयोग की सलाह देते हैं।

दवा का छिड़काव करने की विधिः

रिडोमिल की मात्राः 300 ग्राम।

पानी की मात्राः 200 लीटर।

यह घोल 1 एकड़ क्षेत्र में छिड़काव के लिए पर्याप्त रहता है।

छिड़काव करते समय ध्यान रखें कि दवा पत्तियों की ऊपरी और निचली सतह दोनों पर अच्छे से लगे। यह रोग अधिकतर नमी और बारिश के मौसम में फैलता है, इसलिए किसान भाईयों से अपील है कि वह अपनी फसल पर नजदीकी नजर बनाए रखें।

किसानों के लिए सुझावः

  • बारिश या सिंचाई के बाद फसल का निरीक्षण आवश्यक रूप से करें, विशेष रूप से पत्तियों की निचली सतह पर।
  • छिड़काव के बाद 7-10 दिनों तक फसल की प्रगति पर करीबी नजर बनाकर रखें।
  • आवश्यकता पड़ने पर दूसरा छिड़काव भी करें, लेकिन इसके लिए निर्धारित एवं उचित अंतराल का पालन करें।

अगर टिंडे की पत्तियाँ पीली पड़ रही हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह डाउऩी मिल्ड्यू रोग का लक्षण हो सकता है, जिसका समय पर उपचार ही आपकी उपज को बचा सकता है। पूसा संस्थान की सलाह मानकर आप अपनी मेहनत और फसल दोनों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।