भिंडी की खेती और इसकी उन्नत किस्में      Publish Date : 04/06/2025

             भिंडी की खेती और इसकी उन्नत किस्में

                                                                                                                                   प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं गरिमा शर्मा

भिंडी (Okra) की खेती उत्तर भारत में गर्मियों और बरसात के मौसम में की जाती है। मई के महीने में आप ‘ग्रीष्मकालीन भिंडी’ की बुवाई कर सकते हैं। इस समय उगाने के लिए कुछ उपयुक्त किस्में निम्नलिखित हैं:

भिंडी की उपयुक्त किस्में (मई-जून माह के लिए):

                                                     

1. अरका अनमोल (Arka Anamika)

भिंडी की यह एक जल्दी तैयार होने वाली किस्म है, जिसके फल सीधे और मुलायम होते हैं और यह 50-55 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है।

2. परभनी क्रांति (Parbhani Kranti)

भिंडी की इस किस्म की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अच्छी है और यह 55-60 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म के फल मध्यम आकार और हरे रंग के होते हैं।

3. पुसा ए-4 (Pusa A-4)

भिंडी की यह किस्म उच्च उत्पादकता देने वाली किस्म है, जो गर्मी और वर्षा दोनों मौसम में बोई जाने के लिए उपयुक्त है।

4. वीआरओ-6 (VRO-6)

भिंडी की यह किस्म भी गर्मी में अच्छा उत्पादन देती है। इसके साथ ही यह अपनी रोग प्रतिरोधक और लंबे फलों को लेकर जानी जाती है।

5. कविता, शुभराज, पंत भिंडी-1

क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्रों के द्वारा विकसित की गई भिंडी की यह किस्म अच्छी उत्पादकता प्रदान करती है।

भिंडी की बुवाई का समयः

उत्तर भारत में भिंडी की बुवाई अप्रैल से जुलाई के बीच की जाती है। मई का मध्य से जून का पहला सप्ताह बुवाई के लिए सबसे अधिक उपयुक्त माना जाता है।

भिंडी के लिए कुछ आवश्यक सुझावः

                                                     

भिंडी के बीज को बोने से पहले 6-8 घंटे तक पानी में भिगो दें, ऐसा करने से भिंडी का अंकुरण अच्छा होता है।

कतार से कतार की दूरीः 30 से 45 सेमी.।

पौधे से पौधे की दूरीः 15 से 30 सेमी.।

फसल की उचित देखभाल करने से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है जिससे किसान को बेहतर लाभ प्राप्त होता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।