
रोमनेस्को ब्रोकोलीः सेहत के लिए उत्तम Publish Date : 28/04/2025
रोमनेस्को ब्रोकोलीः सेहत के लिए उत्तम
प्रोफेसर आर. एस. सेगर एवं गरिमा शर्मा
आज हम अपने इस लेख के माध्यम से किसान भाईयों को एक ऐसी विदेशी सब्जी की खेती के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहें है, जो अपने रंग, रूप और आकार के अलावा इसमें उपलब्ध पोषक तत्वों की प्रचुरता के लिए जानी जाती है। गोभी कुल की इस सब्जी का नाम रोमनेस्को ब्रोकली है, जो एक प्रकार की फूल गोभी होती है।
वर्तमान में भारत में इस सब्जी की खेती बहुत ही कम क्षेत्र में की जाती है। ऐसे में जो भी किसान भाई रोमनेस्को ब्रोकोली की खेती कर रहे हैं वह इसे या तो पॉलीहाउस में उगा रहे हैं या फिर खुले में आर्गेनिक विधि से उगाकर अपने क्षेत्र के बड़े होटलों और रेस्टोरेंट आदि में इसकी सप्लाई दे रहे हैं।
ब्रोकोली के गुणों के चलते भारतीय बाजारों में इसकी कीमत लगभग 2,000 रूपये प्रति किलोग्राम तक हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि देश में रोमनेस्को ब्रोकोली या विदेशी गोभी की खेती का रकबा बढ़ता है तो भी किसान इसे 300 रूपये से लेकर 400 रूपये प्रति किलोग्राम की दर पर आसानी से बेच सकते हैं।
पोषक तत्वों की प्रचुरता
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ के प्रोफेसर राकेश सिंह सेंगर ने गोभी की इस किस्म के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रोमनेस्को ब्रोकोली फूलगोभी की एक विदेशी किस्म है, जो सीप जैसी बनावट, पिरामिड और गुलदस्ता डिजाइन जैसी आकृति के चलते काफी चर्चाओं में रहती है।
गोभी की इस अनोखी किस्म में विटामिन्स, फोलेट, मैंगनीज, प्रोटीन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, ओमेगा-3, फैटी एसिड एवं फाइबर जैसे पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं, जो मानव शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ानें के साथ ही बढ़ते हुए वजन को कम करने और कैंसर जैसी घातक बीमारी की रोकथाम करते हैं। इस किस्म की गोभी का सेवन करने से आँखों और दिल सम्बन्धित बीमारियों के होने का खतरा भी कम रहता है, क्योंकि इसमें विटामिन ‘ए‘ और ओमेगा-3 प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहता है। इसके अतिरिक्त इसमें पाया जाने वाला सल्फर और नाइट्रोजनयुक्त यौगिक ग्लूकोसिनोलेट्स गुर्दे के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है।
रोमनेस्को ब्रोकोली में फाइबर भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध रहता है जो पाचन शक्ति को बढ़ाने के साथ ही वजन को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसमें मौजूद सेल्फोराफेन और इंडोल-3-कॉर्बिनोल जैसे यौगिक कैंसर के होने की सम्भावनाओं को कम करते हैं इसके साथ ही इसमें उपलब्ध पोटेशियम और विटामिन्स हड्डियों को मजबूती देने के साथ ही इम्यूनिटी को बढ़ाने से वायरल संक्रमण, फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के साथ ही मस्तिष्क को भी तेज करते हैं।
रोमनेस्को ब्रोकोली की प्रचलित किस्में
चूँकि रोमनेस्को ब्रोकोली, गोभी की एक विदेशी प्रजाति है, ऐसे में अभी तक इसकी अधिक किस्में विकसित नहीं हो पाई हैं, लेकिन फिलहाल इसकी जो उन्नत किस्में हैं उनमें ‘‘वैरोनिका’’ किस्म की खेती सबसे अधिक की जा रही है। रोमनेस्को ब्रोकोली की इस किस्म को अधिक तापमान में भी सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है, जो रोपण के लगभग 77 दिनों में कटने के लिए तैयार हो जाती है।
रोमनेस्को ब्रोकोली की दूसरी किस्म ‘‘नटालिनो’’ जो कि 180 दिन में पककर तैयार हो जाती है? वहीं इसकी तीरी किस्म ‘‘गिटानो’’ है। रोमनेस्को ब्रोकोली की यह प्रजाति फंफूदीरोधी होने के साथ ही ठंड़े मौसम के प्रति सहनशील भी मानी जाती है। विदेशी गोभी की यह प्रजाति लगभग 100 से 110 दिन में पककर तैयार हो जाती है। हालांकि, इन किस्मों के अलावा भी इसकी विभिन्न किस्मांें का विकास किया गया है।
अब भारत में भी रोमनेस्को ब्रोकोली की खेती की ओर किसानों की रूचि बढ़ रही है और अब इसके बीज ऑनलाइन तथा ऑफलाइन आसानी से मिल रहे हैं।
रोमनेस्को ब्रोकोली की सिंचाई
गोभी की इस प्रजाति को लगातार नमी की आवश्यकता होती है, इसलिए खेत की मिट्टी के सूखने से पहले ही इसकी सिंचाई कर देनी चाहिए। इसके लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली का उपयोग करे अथवा पौधों के चारं ओर घास डालकर उसे गीला बनाए रखें।
खाद एवं उर्वरक
खेत की मिट्टी की जांच करानेके बाद ही रोमनेस्को ब्रोकोली की फसल लगानी चाहिए, इससे खाद उर्वरकों का संतुलित प्रयोग सुनिश्चित होता है। वैसे गोभी की इस प्रजाति को भी इसकी अन्य प्रजातियों की तरह से ही खाद की आवश्यकता होती है।
रोमनेस्को ब्रोकोली की कटाई
रोमनेस्को ब्रोकोली की अधिकतर प्रजातियां 75 से 100 दिनों में ही कटाई के लिए तैयार हो जाती हैं। पूरी तरह से तैयार होने के बाद इसको तेज धार वाले चाकू की सहायता से काट लेना चाहिए। रोमनेस्को ब्रोकोली को कटाई के एक सप्ताह बाद तक भंड़ारित करके रखा जा सकता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।