
सब्जी की फसल को कीट और रोगों से बचाने के उपाय Publish Date : 03/03/2025
सब्जी की फसल को कीट और रोगों से बचाने के उपाय
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं गरिमा शर्मा
हमारे कृषि विशेषज्ञ प्रोफेसर आर. एस. सेंगर के द्वारा सब्जी की फसल को कीट और रोगों के प्रकोप से बचाने के लिए कुछ उपाय साझा किए गए हैं। किसानों द्वारा सब्जी का उत्पादन किया जाता है लेकिन कई बार यह भी शिकायत आती है कि सब्जी की फसल में कीट और रोग लगने के कारण किसानों का नुकसान हो जाता है। इसे सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश के सब्जी की खेती करने वाले किसानों को कृषि विभाग ने सलाह दी है, ताकि सब्जी उत्पादक किसान अपनी फसलों को न केवल रोगों और कीटों से बचा सकेंगे वहीं उन्हें आर्थिक नुकसान का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।
तना व फल छेदकः यह कीट सब्जियों और फलों के अंदर घुसकर पौधे, फसल को बर्बाद कर देता हैं। इस कीट से सब्जी फसल के बचाव के लिए कीट लगी फलियों-सब्जियों को एकत्रित कर जला देना चाहिए। इसके अलावा खेत में लाइट ट्रैप का उपयोग भी करना चाहिए। लाइट ट्रैप में कीटों को आग अथवा बल्ब की तेज रोशनी की तरफ आकर्षित किया जाता है और उनका निपटान किया जाता है। इसके अलावा फसल में साइपरमेथ्रिन 40 प्रतिशत ई.सी. को प्रति लीटर पानी 1.5 मिली मिलाकर छिड़काव करना चाहिए या इमामेक्टीन बेंजोएट 0.5 प्रतिशत एस.जी. की 1 ग्राम मात्रा 4 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए, ऐसा करने से फसल का कीट से प्रभावी बचाव होता है।
फल सड़न रोग होने पर पौधे की पत्तियों में धब्बे बन जाते हैं। यह रोग जमीन से सटे फलों के हिस्सों पर ज्यादा हमला करता है। इसके प्रबंधन के लिए कॉपर आक्सीक्लोराइड 50 प्रतिशत घुलनशील पाउडर का 3 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से या कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत घुलनशील पाउडर का प्रति लीटर पानी में 1 ग्राम का घोल तैयार कर छिड़काव करना चाहिए।
उकठा रोग में पौधे की निचली पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, जिसके बाद पौधा सूखने लग जाता है। इस रोग के प्रबंधन के लिए आक्रांत फसल पर कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण का प्रति लीटर पानी में 1 ग्राम मिला घोल या कासुगामाइसिन 5 प्रतिशत और कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45 प्रतिशत घुलनशील पाउडर का प्रति लीटर पानी में 4.5 ग्राम मिलाकर तैयार किया गया घोल मिट्टी पर छिड़कना चाहिए।
सब्जी का उत्पादन करने वाले किसन अपनी सब्जी रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की तलाश करते है।
दरअसल, प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों और प्रखंड मुख्यालयों में 10-10 टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज का निर्माण होगा, जहां सब्जी उत्पादक किसानों को सब्जियां संग्रहित करने की निशुल्क सुविधा मिलेगी। इसके लिए सहकारिता विभाग ने राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना के तहत कोल्ड स्टोरेज के अतिरिक्त 20 टन क्षमता के एक-एक गोदाम निर्माण की भी स्वीकृति दी है। सहकारिता विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कोल्ड स्टोरेज और गोदाम की सुविधा उन्हीं सब्जी उत्पादक किसानों को मिलेगी, जो किसान सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों के सदस्य होंगे।
इसीलिए सब्जी उत्पादक किसानों की सदस्यता बढ़ाने का निर्देश राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन फेडरेशन (वेजफेड) के अधिकारियों को दिया गया है। मार्च से सब्जी उत्पादक किसान समितियों को प्रखंडों में विस्तार किया जाएगा। सब्जियों की बर्बादी से बचाने के लिए हर प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज और गोदाम की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही जिला मुख्यालयों में बेहतर भंडारण की व्यवस्था होगी। स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए ग्रामीण मंडी का निर्माण भी कराया जा रहा है। ऐसी मंडियों में संग्रहण केंद्र, वॉशिंग ऑफिस, ग्रेडिंग और पैकिंग की व्यवस्था भी की जाएगी।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।