सब्जियों में कीटनाशकों के अवशेष      Publish Date : 22/12/2024

                       सब्जियों में कीटनाशकों के अवशेष

                                                                                                                        प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, डॉ0 वर्षा रानी एवं गरिमा शर्मा

भारत में हरित क्राँति अपार सफलता से देश जहाँ एक ओर सब्जी, अन्न और अन्य लगभग सभी प्रकार के उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर हुआ तो वहीं दूसरी ओर अब अपनी तीव्र गति से निरंतर बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्व आपूर्ति करने के साथ ही साथ विभिन्न कृषि उत्पादों का निर्यत भी किया जा रहा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में उन्नत किस्म के बीज, खाद, उर्वरकों एवं कीटनाशक रसायनों के ोगदान को भी कम करके नहीं आंका जा सकता।

                                                              

भारत में कृषि कार्य में उपयोग किए जाने वाले 241 कीटनाशक एवं उनके संयोजन पंजीकृत किए गए हैं। इन सबमें से 62 कीटनाशकों, 40 फंफूँदनाशकों और 07 पौधों के विकास को बढ़ावा पा्रदान करने के लिए केवल सब्जी की फसल में उपयोग के लिए ही पंजीकृत किया गया है।

वर्तमान में देश में कीटनाशकों के प्रयोग करने की दर 0.29 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर है, जो कि विकसित देशों जैसे- अमेरिका (3.59 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर) और जापान (12.00 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर) की अपेक्षा कई गुना कम है। इस स्थिति के उपरांत भी देश में खाद्य पदार्थों में कीटनाशक रसायनों के अवशेष की मात्रा निर्धारित सुरक्षित मानकों से अधिक पाया जाना अपने आप में एक गम्भीर चिंता का विषय है। जिस समय से भारत विश्व व्यापार सेगठन में सम्मिलत हुआ है, उस समय से खाद्य पदार्थों में उपलब्ध कीटनाशकों की यह मात्रा प्रमुखता से देखी जा रही है।

                                                           

इस सम्बन्ध में कीटनाशकों का अधिक मात्रा एवं अविवेकपूर्ण प्रयोग करना है, चूँकि, कीटनाशक कम समय में विघटित नही हो पाते हैं, अतः इनका कम मात्रा में प्रयोग करने की आवश्यकता है। इसका एक प्रमुख कारण इन रसायनों का प्रयोग करने का पूरा ज्ञान किसानों को नही होना और प्रयोग के सुरक्षित अंतराल का पालन नही करना एक चिंता का विषय है।

कीटनाशकः- कीटनाशकों का उपयोग प्रायः दो तरीकों से किया जा सकता है, इनमें पहला तो यह है कि ऐसे उपयों को अपनाने को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिससे कि इन कीटनाशकों के अवशेष सब्जियों के ऊपर रह ही नही पाए और दूसरा ऐसे उपाय आपनाए जाने चाहिए जिनके माध्यम से इनकी उपस्थिति को कम किया जा सके।

सब्जियों में कीटनाशकों के अवशेष कम करने के उपायः-

किसानों को चाहिए कि वह कीटनाशकों का प्रयोग तब ही करें जब कीटों की वास्तविक स्थिति (इकोनॉमिक थ्रेश होल्ड लेवल अर्थात ईटीएल) प्रभावित हो, इससे किसानों के खेत में कीटों के प्राकृतिक शत्रुओं की संख्या भी उचित बनी रहती है और इसके साथ ही कीटनाशकों का कम प्रयोग किए जाने के चलते खाद्य पदार्थों के ऊपर इनके अवशेष की समस्या भी कम होती है।

प्रयोग करने के सुरक्षित अंतराल को अपनाना भी आवश्यकः-

कीटनाशकों के हानिकारक अवशेषों के दुष्प्रभावों के बचाव के लिए विभिन्न सब्जियों के लिए निर्धारित किए गए सुरक्षित अंतराल का पालन करना भी आवश्यक है। सुरक्षित अंतराल को अपनाने से सब्जियों के ऊपर रसायनों के अवशेषों की मात्रा में कमी आती है।

केवल संस्तु कीटनाशकों का ही उपयोगः- किसान भाई अपने खेतों में केवल ऐसे ही कीटनाशकों का प्रयोग करना सुनिश्चित करे जो कि स्थानीय कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा प्रयोग हेतु संस्तुत किया गया हो।

सब्जियों में कीटनाशकों के अवशेष को कम करने के उपायः-

                                                 

सब्जियों की धुलाई करनाः- कच्ची सब्जियों को खाने से पहले उन्हें स्वच्छ पानी से अच्छी तरह से धोकर ही प्रयोग करना चाहिए। सादे एवं स्वच्छ पानी से धो लेने पर 20-44 प्रतिशत आर्गेनो क्लोरीन, 26-31 प्रतिशत तक सिंथेटिक प्यरेथ्रोइड्स एवं 50-77 प्रतिशत तक आर्गेनोफॉस्फेट आदि रसायनों की मात्रा को बैंगन, भिण्ड़ी तथा गोभी आदि सब्जियों के ऊपर से कम किया जा सकता है।

अच्छी तरह से पकाने परः- जहाँ तक सम्भव हो सके कच्ची सब्जियों का प्रयोग न करें और उनका प्रयोग अच्छी तरह से पकाने के बाद ही करें। ऐसा करने से सब्जियों पर से कीटनाशकों के अवशेषों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। सब्जियों को पकाने से 32-61 प्रतिशत तक ऑर्गेनो क्लोरीन, 37-42 प्रतिशत तक सिंथेटिक प्यरेथ्रोइड्स एवं 100 प्रतिशत तक ऑर्गेनोफॉस्फेट के जैसे रसायनों की मात्रा को हटाया जा सकता है।

सब्जियों को छीलनाः- सब्जियों को छीलना, सब्जियों से कीटनाशकों के अंश से मुक्त करने के लिए सबसे अधिक उचित रहता है। इस विधि से सब्जियों को 35 से 100 प्रतिशत तक कीटनाशकों के अवशेष को हटाया जा सकता है।

                                                

अंततः यह कहना सर्वर्था उचितहोगा कि सब्जियों में कीटनाशक रसायनों का प्रयोग उचित एवं सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए औश्र इनका सेवन करने से पूर्व अक्ष्छी तरह से धोने, छीलने और पकाने की उचित प्रक्रिया को प्रयोग करना चाहिए। ऐसा करने से जहाँ एक ओर पर्यावरण को हानिकारक रसायनों के होने वाले दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है तो वहीं दूसरी ओर भरपूर स्वस्थ एवं उत्तम जीवन व्यतीत किया जा सकता है। 

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।