बैंगन की खेती से कम लागत में अच्छी कमाई Publish Date : 04/10/2024
बैंगन की खेती से कम लागत में अच्छी कमाई
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 वर्षा रानी
आमतौर पर बोई जाने सब्जी की फसलें आलू-प्याज और ऐसी ही कुछ अन्य सब्जियों की खेती के किसान भाई कुछ नया भी ट्राई कर सकते हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में किसान बैंगन की खेती करके जमकर मुनाफा कमा रहे हैं।
ऐसे ही बुलंदशहर जिले के धनौरी गांव के किसान विजय कुमार ने कृषि के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। हालांकि, वैसे तो प्रदेश के हरदोई जिले में बैंगन की खेती सबसे अधिक की जाती है, लेकिन विजय कुमार ने इस फसल में नई संभावनाओं को पहचाना और अब उन्होंने पहले से कहीं अधिक कमाई करना शुरू कर दिया है।
बैंगन की खेती होती है बहुत लाभदायक
हालांकि किसान विजय कुमार ने पहले कई प्रकार की फसलों की खेती की, लेकिन उनकी खंती करने में उन्हें बार-बार नुकसान का सामना करना पड रहा था।. ऐसे में एक बार उन्होंने हरदोई जिले के एक किसान को बैंगन की खेती करते देखा और उसके बाद उन्होंने इस फसल के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की। इस जानकारी के आधार पर, उन्होंने अपने गांव में वापस आकर बैंगन की खेती करने का फैसला किया। विजय कुमार का कहना है कि यह फैसला उनके लिए बेहद लाभकारी साबित हुआ और अब वह इससे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
बैंगन की खेती का समय और तरीका
बैंगन की खेती साल में दो बार की जाती है। बैंगन की पहली फसल जनवरी-फरवरी में बोई जाती है, जबकि दूसरी अप्रैल में. अप्रैल में बोई गई फसल से बरसात के मौसम में बेहतरीन क्वालिटी के बैंगन मिलते हैं। बैंगन की खेती के लिए खेतों की गहरी जुताई की जाती है, जिसमें गोबर की सड़ी हुई खाद या कम्पोस्ट का उपयोग किया जाता है।
खेतों में मेड़बंदी कर बैंगन के बीजों को बोया जाता है। एक एकड़ में लगभग 3,500 बैंगन के पौधे लगाए जा सकते हैं। पौधों की रोपाई 6×3 फीट की दूरी पर की जाती है, जिससे कि उन्हें पर्याप्त स्थनएवं पोषण मिल सके।
बैंगन की खेती से होने वाला मुनाफा
किसान विजय कुमार बताते हैं कि बैंगन की फसल से उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है। पहले उन्हें कई बार नुकसान का सामना करना पड़ा था, लेकिन बैंगन की खेती के अनुभव ने उनकी तकदीर को ही बदल दिया। बैंगन की खेती से किसान कम समय में अधिक उत्पादन हासिल कर रहे हैं और इससे उन्हें लाखों का मुनाफा मिल भी रहा है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।