टमाटर की खेती आधुनिक विधि Publish Date : 28/09/2024
टमाटर की खेती आधुनिक विधि
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, गरिमा शर्मा एवं डॉ0 वर्षा रानी
वर्तमान समय में किसान सब्जियों खेती और विशेष रूप से टमाटर की खेती के माध्यम से किसान खूब कमाई कर रहे हैं। कुछ किस्मों के टमाटर ऐसे हैं, जिनसे किसानों की अच्छी कमाई हो सकती है। यह फसल मात्र 70 दिन में तैयार हो जाती है। हमारे कृषि विशेषज्ञ सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय, मोदीपुरम मेरठ के प्रोफेसर आर. एस. सेंगर टमाटर की खेती से जुड़ी बेहद अहम जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
डॉ0 आर. एस. सेंगर ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय सब्जी शोध संस्थान, बनारस के द्वारा विकसित की गई टमाटर की किस्म ‘‘पूसा रूबी’’ किसानों को बहुत अच्छा उत्पादन देती है। टमाटर की यह किस्म 75 से 80 दिनों में किसानों को उपज देना आरम्भ कर देती है। इसकी रोपाई अक्टूबर से नवंबर महीने में की जाती है। टमाटर की इस किस्म से 40 से 45 टन प्रति हेक्टेयर की दर से टमाटर का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
पंत टमाटर-3: टमाटर की यह किस्म 80 से 85 दिनों में उपज देने लगती है। टमाटर की यह किस्म किसानों की सर्वाधिक पसंदीदा किस्मों में से एक है। किसान, पंत टमाटर-3 किस्म की खेती करके 55 से 60 टन प्रति हेक्टेयर की दर से उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। पंत टमाटर की यह किस्म को उच्च उपज के लिए जानी जाती है। यह किस्म कम समय में अधिक टमाटर देती हैं। वहीं कई पंत टमाटर की किस्में विभिन्न बीमारियों और कीटों के प्रति प्रतिरोधी भी होती हैं, जिससे किसानों को फसल नुकसान होने से बचाने में अपेक्षित मदद मिलती है।
टमाटर की किस्म काशीः- टमाटर की काशी किस्म विशेष रूप से सूखे के खराब प्रभावों को सहन करने की क्षमता से युक्त होती है। यह टमाटर अन्य किस्मों की तुलना में अधिक उपज देता है. इसके फल गहरे हरे रंग के और गोल होते हैं, जिनका वजन 80-90 ग्राम तक हो सकता है। यह टमाटर टमाटर लीफ कर्ल वायरस जैसी बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी होता है। काशी विशेष टमाटर की औसत उपज 40 से 45 टन प्रति हेक्टेयर होती है। यह टमाटर विभिन्न प्रकार के मौसम में आसानी से उगाया जा सकता है, और कम तापमान को भी सहन कर सकता है।
अर्का रक्षकः- भारत में विकसित किया गया यह एक विशेष प्रकार का टमाटर है, यह किस्म अपनी उच्च उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है। इस किस्म का एक पौधा लगभग 18 किलो तक ठोस फलों का उत्पादन कर सकता है। यह टमाटर लीफ कर्ल वायरस, बैक्टिरियल ब्लाइट और अगेती अंगमारी जैसे कई प्रमुख रोगों के प्रति प्रतिरोधी होता है। इसके फल बड़े, गहरे लाल रंग के और ठोस होते हैं, जो ताजा खाने और प्रसंस्करण दोनों के लिए सबसे अधिक उपयुक्त होते हैं।
टमाटर की इस प्रजाति की खेती करके 75 से 80 टन प्रति हेक्टेयर तक 90 से 100 ग्राम वजनी टमाटरों की उपज प्राप्त की जा सकती है। यह किस्म किसानों को 80 से 85 दिनों में ऊपज दे देती है।
अर्का सम्राटः अर्का सम्राट टमाटर की एक बेहद लोकप्रिय संकर किस्म है। यह किस्म अपनी उच्च उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है। यह किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित की गई है। यह किस्म 140 दिनों में 80-85 टन प्रति हेक्टेयर तक उपज दे सकती है। यह टमाटर पत्ती मोड़क विषाणु, जीवाणु झुलसा और अगेती अंगमारी जैसे कई प्रमुख रोगों के लिए प्रति प्रतिरोधी होती है।
इसके फल अंडाकार से उच्च गोलाकार, बड़े (वजन में 90-110 ग्राम), गहरे लाल रंग और ठोस होते हैं। इसकी अच्छी गुणवत्ता के कारण बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।