कृषि निर्यात को बढ़ानें में गैर-अनाज खाद्य उत्पादों की भूमिका Publish Date : 19/02/2024
कृषि निर्यात को बढ़ानें में गैर-अनाज खाद्य उत्पादों की भूमिका
डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी
एपीडा ने फल-सब्जी और अन्य प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के लिए अब तक 20 आइटम्स की पहचान की है-
सरकार अनाज से इतर अन्य प्रकार के खाद्य उत्पादों की मदद से कृषि निर्यात बढ़ाने के लिए जुट गई है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के अधीन काम करने वाला कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के द्वारा फल-सब्जी, प्रोसेस्ड फूड्स व अन्य जीव-जन्तु की मदद से बने, ऐसे 20 प्रकार के खाद्य उत्पादों की पहचान की है, जिनकी निर्यात में बढ़ोतरी की बड़ी गुंजाइश है।
इस काम के लिए एपीडा किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की मदद भी ले रहा है। अब तक 119 एफपीओ निर्यातक बन चुके हैं। कृषि निर्यात को बढ़ाने के लिए अनाजों से हटकर अन्य खाद्य पदार्थों की जरूरत इसलिए पड़ रही है, क्योंकि चावल व गेहूं जैसे अनाज देश के प्रमुख भोजन में शामिल है। घरेलू स्तर पर इनकी आपूर्ति सुनिश्चित करने से सरकार कोई समझौता नहीं करना चाहती है।
तभी पिछले एक साल से भी अधिक समय से गेहूं के निर्यात पर रोक लगी है और इसके बाद सरकार ने चावल, चीनी और प्याज जैसे खाद्य पदार्थों पर भी रोक लगा दी है। इसका प्रभाव यह रहा है कि चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान अप्रैल से दिसम्बर में कृषि निर्यात 34.99 अरब डॉलर का रहा, जो कि गत वर्ष 2022-23 की तुलना में 9 प्रतिशत कम है। अनुमान लगाया जा रहा है कि कमोवेश यही रूख् इस वर्ष भी कायम रहेगा। वैसे कुल कृषि निर्यात की बात करें तो उसमें अनाज निर्यात की हिस्सेदारी लगभग 50 प्रतिशत है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 खाद्य पदार्थ जिनका पहली बार निर्यात किया गया
उत्पाद |
उत्पादन का स्थान |
देश जिसको निर्यात किया गया |
अमरूद |
बारामती |
यूएई |
केला |
बारामती |
रूस, नीदरलैण्ड एवं सऊदी अरब |
आलू |
पूर्वांचल |
यूएई |
खासी सन्तरा |
मेघालय |
दुबई |
आलुंकी |
पाकुर (झारखण्ड़) |
सिंगापुर |
बींस एवं नींबू |
असोम |
लंदन |
सिंघाड़ा |
वाराणसी |
यूएई |
गेंदा |
वाराणसी |
यूएई |
काजू |
ओडिशा |
बांग्लादेश, कतर, मलेशिया |
ताजा सब्जियाँ |
उत्तराखण्ड़ |
बहरीन |
पोंगल हैपर |
नीलाकोट्टि |
आबुधाबी |
मिक्सड अचार |
कर्नाटक |
यूएई |
श्री अन्न |
पंजाब |
ऑस्ट्रेलिया |
दशहरी आम के निर्यात में 140 प्रतिशत का इजाफा
निर्यात बढ़ाने के लिए जिन 20 उत्पादों की पहचान की गई है, उनमें केला, आम, अनार, अंगूर, तरबूज, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, आलू व ओकरा, अल्कोहलिक पेय पदार्थ, गुड़ व संबंधित आइटम, बिस्कुट, पापड़ व सूखा पास्ता, प्राकृतिक मधु व घी आदि शामिल हैं।
इनमें से कई पदार्थों का निर्यात शुरू भी हो चुका है, लेकिन अभी इनमें बढ़ोतरी की जबरदस्त गुंजाइश है। रूस में भारतीय केले की काफी मांग है और चालू वित्त वर्ष में केले के निर्यात में 63 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। इसी प्रकार ही दशहरी आम व केसर के निर्यात में 140 व 120 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
‘‘यूरोप के बाजार में हमारे खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी सिर्फ 0.35 प्रतिशत व एशिया में 4.3 प्रतिशत है। लुलु व अल माया के जैसे वैश्विक सुपरमार्केट्स में भारतीय खाद्य उत्पादों की सप्लाई को बढ़ाने के लिए उनसे बातचीत की जा रही है।’’ -अभिषेक देव, चेयरमैन, एपीडा
- किसान उत्पादक संगठनों को कृषि निर्यात के लिए आगे लाकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- चावल, चीनी, गेंहूँ तथा प्याज जैसे उत्पादों पर केन्द्र सरकार के द्वारा प्रतिबन्ध लगाया है।
- अभी तक 119 एफपीओ एपीडा की मदद से निर्यातक बन चुके हैं।
- 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी है अनाज की सम्पूर्ण कृषि निर्यात में।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।