गरीबी को हराने में पर्याप्त भोजन की भूमिका      Publish Date : 06/12/2023

                                गरीबी को हराने में पर्याप्त भोजन की भूमिका

                                                                                                                                       डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                               

“जीवन के बेहतर स्तर के लिए प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति 2.3 टन भोजन सहित छह टन सामग्री की आवश्यकता होती है।“

पूरी दुनिया को गरीबी से मुक्त करने के लिए प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति 2.3 टन भोजन की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही जीवन के बेहतर स्तर के लिए प्रतिवर्ष तकरीबन 6 टन अन्य प्रकार की सामग्री की आवश्यकता होती है, जिसके अन्तर्गत पोषण आहार, शैक्षणिक सामग्री, कपड़ा, खनिज आदि को शामिल किया जाता हैं।

जर्मनी के फ्रीबर्ग विश्वविद्यालय में सस्टेनेबल एनर्जी एंड मैटेरियल फ्लो मैनेजमेंट चेयर के शोधकर्ताओं ने यह अनुमान व्यक्त किया है। शोधकर्ताओं के अनुसार दुनिया में 1.2 अरब लोग गरीब हैं। इस अध्ययन का प्रकाशन एनवायरनमेंटल साइंस एंड ट्रेक्नोलॉजी जर्नल में किया गया है। इस अध्ययन के अन्तर्गत 06 हजार परिदृश्यों का विशलेषण किया गया है। सिमें सामने आया कि दुनिया भर में 1.2 अरब लोग गरीबी के साए में जीवन जीने के लिए विवश हैं।

तालिकाः प्रतिदिन प्रति व्यक्ति भोजन की आवश्यकता (किलो कैलोरी में)

आयु वर्ग                        भोजन की आवश्यकता

0-4                                1234.2

5-9                                1561.2

10-14                              1849.1

15-19                              2411.7

20-49                              2348.7

50 से ऊपर                          2058.3

स्त्रोतः डायट्री गाइलाइन्स फॉर अमेरिकन 2020-2025

न्यूनतम आवश्यकताएं

एक गरीबी मुक्त जीवन जीने के लिए आवश्यक छह टन सामग्री में सबसे बड़ा हिस्सा भोजन का होता है, जो कि इसका लगभग 38 प्रतिशत या 2.3 टन प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष होता है। इसके बाद गतिशीलता की मात्रा है, 26 प्रतिशत या 1.6 टन प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष। वहीं यदि देखा जाए तो आवास, शिक्षा और कपड़ों आदि की हिस्सेदारी बहुत ही कम होती है।

संसाधनों का जीवनशैली पर प्रभाव

                                                                       

शोधकर्ताओं ने कहा कि जीवनशैली संसाधन की आवश्यकताओं को प्रभावित करती है। इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने छह हजार से अधिक परिदृश्यों का मूल्यांकन किया। शोध के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति लकड़ी से बने घर में रहता है और वह शाकाहारी भोजन करता है तो उसे बेहतर जीवन स्तर के लिए उसे प्रतिवर्ष तीन टन सामग्री की आवश्यकता ही होती है। वहीं, पक्के मकान में रहने वाले और मांस और चावल खाने वाले व्यक्ति को 14 टन सामग्री की आवश्यकता प्रतिवर्ष होती है।

ये हैं गरीबी रेखा से ऊपर रहने वाले

गरीबी की रेखा ऊपर रहने वाले व्यक्ति को प्रतिदिन लगभग 2100 किलो कैलोरी की आवश्यकता होती है। उसके पास चार व्यक्तियों के घर में 15 वर्ग मीटर रहने की जगह है, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ खेल और प्रशासनिक भवनों जैसी सेवाएं भी उन्हें उपलब्ध होती हैं।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षणए सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभागए सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।