निश्चित् सफलता के लिए      Publish Date : 15/06/2025

                       निश्चित् सफलता के लिए

                                                                                                                                 प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

अगर आप अपने कार्यस्थल में सफल होना चाहती है तो इसके लिए कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें, सफलता अवश्य ही मिलेगी।

एकाग्रता से करें काम

कार्यस्थल पर आपके लिए जो कार्य निर्धारित किए गए हैं उनको ईमानदारी व पूरी एकाग्रता के साथ पूरा करने की कोशिश करन चाहिए। इसके साथ ही अपने कार्य से संबंधित नवीनतम जानकारियों को भी जानने की कोशिश करते रहें। इससे आप अपने काम में और अधिक निपुण होंगी।

बेहतर संवाद

कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए बेहतर संवाद का अपना एक अलग ही महत्व है। इसलिए आपके बात करने का लहजा अच्छा होना चाहिए। आपके शब्द प्रभावपूर्ण और संतुलित होने चाहिए। याद रखें संक्षेप में और प्रभावपूर्ण तरीके से कही गयी बात का असर लंबी-चौड़ी बातों से कहीं अधिक होता है।

गपशप से रहें दूर

लगभग हर कार्यस्थल में थोड़ी-बहुत इधर-उधर की बातें होती रहती हैं। इनसे पूरी तरह दूर रहना तो संभव नहीं होता है। फिर भी जहां तक संभव हो फालतू की इन बातों से दूर रहना ही बेहतर रहता है। यदि किसी सहकर्मी से बातचीत के दौरान आप यह महसूस करती है कि वह किसी अन्य सहकर्मी की आलोचना कर रहा है तो उसे साफ-साफ मना कर दीजिए। इससे आगे चलकर कभी कोई आपसे गपशप करने की हिम्मत नहीं कर सकेगा।

आलोचना से न घबराएं

कार्यस्थल में यदि कोई सहकर्मी आपकी आलोचना कर रहा है तो पहले उसकी पूरी बात सुने बगैर उस पर नाराज न हो। हो सकता है कि उसकी बात सही हो और आपसे जाने अनजाने कोई भूल हो गई हो। यदि आपको लगता है कि बिना किसी ठोस कारण वह के ही वह आपकी आलोचना कर रहा है तो उसकी बातों को अनसुना कर दें। याद रखें कि ऑफिस का कार्य एक टीम वर्क है, जिसकी आप भी एक सदस्य हैं। इस टीम के सभी सदस्यों के साथ सहयोगपूर्ण संबंध स्थापित करना बहुत जरूरी है।

स्वभाव को जानें

अपने साथ काम करने वाले लोगों के व्यक्तित्व को समझने का प्रयास करें। कारण, कुछ लोगों का स्वभाव होता है कि वे जल्दी किसी से घुलते मिलते नहीं है। ऐसे लोगों से आप किसी कार्य के संदर्भ में सहयोग के लिए कहेंगी तो संभव है कि वे उसका जवाब न में दें, पर कुछ समय बाद ऐसे सहकर्मियों का आपके प्रति रवैया बदल सकता है।

आत्म सम्मान का जज्बा

अपने मन में आत्म सम्मान के जज्बे को विकसित करें। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि यदि आप अपने व्यक्तित्व के बारे में सकारात्मक विचार रखती हैं तो इससे आपके आत्म सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है। आत्म सम्मान का यह जज्बा आपको कार्यक्षेत्र में ही नहीं, बल्कि जीवन में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

सेहत का रखें ध्यान

अपनी चुस्ती-फुर्ती बरकरार रखने के लिए आपको अपनी सेहत पर ध्यान देना जरूरी है। कारण, सेहत अच्छी रहने पर आपकी कार्यक्षमता बढ़ जाती है। साथ ही आपकी ऊर्जा का स्तर भी बढ़ता है। स्वयं को फिट रखने के लिए सुबह और शाम के समय थोड़ी देर टहलें। साथ ही घर पर कुछ व्यायाम कर सकती है या आप चाहें तो किसी फिटनेस सेंटर पर भी जा सकती हैं।

स्वार्थ की सिलवटें

चेहरों पर मुस्कानें हैं.

पर दिलों में दूरी है।

रिश्ते हैं बस नामों के,

हर सूरत जरूरी है।

हर एक ‘कैसे हों’ के पीछे,

छुपा होता है सवाल.

‘तुमसे क्या हासिल होगा’?

नहीं दिखता कोई हल।

ईमान यहाँ बोली में है,

नीलाम हर मजबूरी है।

जो बिक न सका आज तलक,

कल उसकी मजबूरी है।

धर्म, जात, सियासत सब,

अब सौदें की आशा है

बिकते हैं आदर्श यहाँ,

जैसे रोज की आशा हैं।

माँ-बेटा, भाई-बहन,

अब संबंध नहीं भाव है,

वसीयत के दस्तखत बनकर,

टूट गए जो चाय हैं।

जब तक मतलब चलता है.

तब तक ‘तू मेरा अपना’,

जैसे ही रोड़ा बने.

कहते हैं ‘अब तू सपना।’ पर कहीं किसी कोने में

अब भी कोई रोता है।

बिना मतलब, बिना चाहत,

किसी को बस खोता है।

शायद वहीं से जन्म होगा.

फिर से रिश्तों का मौसम,

जहाँ दिल से दिल मिलेंगे,

न हो कोई सौव।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।