देशभक्ति आसान नहीं      Publish Date : 07/04/2025

                      देशभक्ति आसान नहीं

                                                                                                                                     प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

मनुष्य को शॉर्टकट का प्रयोग करना पसंद है। इस लिए प्रत्येक कार्य का शॉर्टकट क्या हो सकता है इसकी खोज में ही हम अपनी बहुत बड़ी शक्ति और समय व्यय कर देते हैं। हमें ऐसा लगता है कि शारीरिक और आर्थिक शक्ति प्राप्त करने से हमारी सारी समस्याएं हल हो जाएंगी। इसलिए सत्ता की भूख दिखाई देती है, इसके अलावा हमें यह भी समझना होगा कि सत्ता का स्वरूप भिन्न भिन्न स्थानों पर भिन्न रूप में होता है। अतः हमें स्वयं को एक ऐसी शक्ति में परिवर्तित करना होगा, जो सत्ता पर शासन करे और यदि आवश्यक हो तो उसे ध्वस्त भी कर दे।

यह बातें कहने और सुनने में सरल प्रतीत होती हैं लेकिन व्यवहार में पूरे विश्व में इसका अनुभव बहुत ही कड़वा रहा है, हालांकि यह असंभव भी नहीं है। व्यक्ति को थोड़ी से शक्ति प्राप्त हो जाय तो वह सब कुछ बदलने का विचार पालना प्रारंभ कर देता है। केवल यही नहीं उसे अन्य सभी व्यवस्थाएं दोषयुक्त लगने लगती हैं और यहीं से उसको प्राप्त शक्ति की सत्ता के प्रति आशक्ति प्रारंभ हो जाती है। अब इस शक्ति को बचाए रखना उसका उद्देश्य हो जाता है और इसके लिए वह फिर शॉर्टकट की दुनिया में पहुंच जाता है। भारत के वैभव के लक्षण आज जो दिखाई दे रहे हैं यह अनेकों वर्षों में अपनी अनेक पीढ़ियों ने पूरे जीवन का बलिदान दे कर प्राप्त किया है, क्योंकि इसके लिए कोई शॉर्टकट सफल नहीं हो सकता था और न ही आगे ऐसा हो सकेगा।

इसके लिए तो प्रत्येक व्यक्ति को हमे देशभक्ति की कठोरता से युक्त जीवन जीने वाला बनाना होगा और यह कतई आसान नहीं है, लेकिन यह असंभव भी नहीं है। महान संतो ऋषियों से लेकर महान क्रांतिकारियों और समाज सुधारकों के जीवन इस बात के प्रमाण हैं कि उन लोगों ने जो मानव निर्माण की प्रेरणा जगाई थी आज के समय में उस प्रकार के मनुष्य समाज में दिखाई देने लगे हैं, यही हमारी पीढ़ी की शक्ति है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।