
बजट में कृषि की स्थिति Publish Date : 21/02/2025
बजट में कृषि की स्थिति
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
केन्द्रीय बजट 2025-26 में कृषकों की आय बढ़ाने तथा कृषि को लाभदायक उद्यम बनाए रखने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार की घोषणाएं की गई हैं। इनमें प्रमुख तौर पर ‘कृषि स्टार्ट अप्स’ के लिए विशेष निधि का प्रावधान, ‘किसान ड्रोन’ के प्रयोग को प्रोत्साहन देने हेतु नए दिशा-निर्देशों के अलावा ‘पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के अंतर्गत कृषि में अद्यतन प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने जैसी कई योजनाएं शामिल की गई हैं। बजट में निहित इस नई संकल्पना के पीछे मूल मंत्र यह है किसानों तक डिजिटल एवं हाईटेक सेवाओं की पहुंच को बड़े पैमाने पर सुनिश्चित करवाना।
नए प्रावधानों के अनुसार इन उन्नत कृषि तकनीकों की बदौलत उत्पादन लागत में होने वाली कमी से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा की बेहतर स्थिति बन जाने से निस्संदेह कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ोतरी के लिए कटाई उपरांत प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन आधारित उद्यमों को समुचित सहायता प्रदान करने की घोषणा को भी स्वागत योग्य कदम कहा जा सकता है। इसका लाभ कदन्न उत्पादकों को घरेलू बाजार में मूल्य सवंर्धित कदन्न उत्पादों की अधिक बिक्री तथा वैश्विक स्तर पर निर्यात से होने वाली बेहतर आमदनी के रूप में मिल सकता है।
कृषि उत्पादों में बढ़ते रासायनिक अवशेषों तथा इस कारणवश मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए बजट में रसायन मुक्त खेती पर विशेष जोर दिया गया है। इसका लक्ष्य शून्य बजट प्राकृतिक खेती का देशव्यापी स्तर पर प्रसार करना है। फिलहाल इस योजना के पहले चरण में गंगा नदी के समीपवर्ती क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती पर बल दिया जाएगा। इतना ही नहीं बजट में मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के बजट में लगभग 44 प्रतिशत वृद्वि तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए पिछले बजट की तुलना में 2.25 गुना अधिक राशि की व्यवस्था की गई है।
किसान भाइयों को नए बजट में निहित प्रावधानों का लाभ उठाने का भरपूर प्रयास करना चाहिए, ताकि समय रहते वे भी उन्नत तकनीकों की मदद से कम लागत में गुणवत्तायुक्त फसल उत्पादन प्राप्त कर सकें। उम्मीद की जानी चाहिए कि नए बजट के प्रावधानों से कृषि क्षेत्रा में व्यापक प्रगति की नई बयार देखने को मिल सकेगी और कृषकों की आर्थिक स्थिति में भी यथोचित सुधार होगा।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।