मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइलः आओ लौट चलें सादगी की ओर      Publish Date : 10/02/2025

मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइलः आओ लौट चलें सादगी की ओर

प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

अनुजा अभी-अभी सोसाइटी की सेक्रेटरी चुनी गई है। उसे अपनी इस उपलब्धि की बेहद खुशी है, जिसके कारण उसने अपने घर पर एक छोटी-सी पार्टी भी रखी है। पार्टी में उसने सोसाइटी में रहने वाले सभी लोगों को बुलाया है। अनुजा की सोसाइटी की कई सहेलियां पहली बार ही उसके घर पर आई थी। सान्या भी उन्हीं में से एक है, लेकिन जैसे ही सान्या ने अनुजा का किचन देखा, तो वह हैरान रह गई। उसने देखा कि अनुजा का भरा-पूरा परिवार होने के बाद भी उसका किचन बहुत खाली है।

अनुजा की किचन में केवल उत्तने ही बर्तन हैं, जितने कि घर लोग हैं। कोई भी बेफिजूल की चीज उसकी किचन में नहीं है, जबकि सान्या के किचन में सब कुछ है, जैसे कि ब्लेंडर, आटागूंथने के लिए मिक्सर, माइक्रोवेव ओवन ग्रिलर, टीस्टर, कोंट्री मसाला ग्राइंडर, कॉफी मेकर, इलेक्ट्रिक केतली, स्मूदी मेकर, काटने-छीलने-पीसने के लिए फूड प्रोसेसर, वैक्यूम सीलर, आयरन ग्रिल, एया, स्लो कुकर और प्रेशर कुकर, साथ ही छोटे से लेकर बड़े तक हर साइज के बर्तन आदि।

अनुजा का किचन देख सान्या से रहा नहीं जा रहा था कि कोई कैसे इतने कम सामान के साथ जीवन निर्वाह कर सकता है। इसलिए जैसे ही पार्टी खत्म हुई, सान्या ने अनुजा से पूछ ही लिया। सान्या के इस प्रश्न पर अनुजा ने कहा, ‘‘पहले मैं भी तुम्हारी जैसी ही थी, लेकिन फिर मैंने मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल को अपना लिया।’’ सान्या अचरज में पड़ गई और धीमें से बोली, ‘‘आखिर यह मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल है क्या?’’

क्या है मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल

                                                                  

मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल का अर्थ है- कम चीजें, कम खर्च, कम काम, कम बोझ और आरामदायक जीवन। यह जीवन-शैली आपको जिंदगी में केवल आवश्यक और महत्वपूर्ण चीजों का यूज करना सिखाती है, जिससे अव्यवस्था कम हो और आपको मानसिक शांति मिले। इसमें अनावश्यक भौतिक वस्तुओं से बचते हुए अच्छे अनुभवी और रिश्तों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। यह स्थिति आपके जीवन को सरल, तनावमुक्त और संतुलित बनाती है। मिनिमलिज्म यानी कम-से-कम का उद्देश्य केवल भौतिक वस्तुओं से ही नहीं, बल्कि यह विचार, समय और ऊर्जा का भी समझदारी से प्रबंधन करना है। यह सुरक्षा, व्यक्तिगत संतोष और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने में मदद करता है, जिससे आपको अपना जीवन अर्थपूर्ण लगने लगता है।

जब जागो, तभी सवेरा

प्रदर्शन प्रियता और फिजूलखर्ची से होने वाले मुकसान के कारण अब लोग धीरे-धीरे यह समझने लगे हैं कि अनावश्यक वस्तुओं का संग्रह करना समय और धन की बर्बादी है। आजकल लोग सस्टेनेबल लाइफस्टाइल की ओर बढ़ रहे हैं। वे महंगी और आकर्षक दिखने वाली चीजों से दूर होने लगे हैं और सादगीपूर्ण जीवन जीने के लिए इको फ्रेंडली बस्तुओं का इस्तेमाल करने लगे हैं। अक्सर ऐसी खबरें सुनने को मिलती हैं कि कोई व्यक्ति लाखों के सेलरी पैकेज और महानगर के विलासितापूर्ण जीवन को छोड़कर गांव में जाकर बिना किसी खाद और कीटनाशक के ऑर्गेनिक खेती कर रहा है। यहां तक कि कुछ लोग पर्यावरण के अनुकूल मिट्टी के घर भी बना हैं, जहां गर्मियों में एसी जैसे उपकरणों की जरूरत महसूस नहीं होती। लोग अब यह बात समझने लगे हैं कि पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए सादगीपूर्ण जीवन-शैली अपनाना बहुत जरूरी है।

इसलिए कुछ जागरूक लोग विवाह जैसे सामाजिक समारोहों में भोजन परोसने के लिए प्लास्टिक की डिस्पोजेबल प्लेट और ग्लास का इस्तेमाल करने के बजाय पत्तलों और मिट्टी के कुल्हड़ का इस्तेमाल करते हैं। आजकल शहरों के अधिकतर मध्यमवर्गीय परिवारों में एक के बजाय दो गाडियां होती हैं, लेकिन सेहत के प्रति जागरूक लोग अब छोटी दूरी के लिए साइकिल का इस्तेमाल करने लगे हैं। इससे प्रदूषण नहीं होता और साथ ही ऊर्जा के संसाधनों को भी बचत होती है।

बदलती आदतें

                                                                

पहले महिलाएं किसी विवाह या पार्टी में एक दौर था कि दो बार पहनी गई ड्रेस को दोबारा पहनने से कतराती थीं, लेकिन अब नए तरीके से, नए स्टाइल के साथ उन्हें कई बार पहन रही है। यहां तक कि बॉलीवुड की कुछ सेलिब्रिटीज भी एक बार पहनी हुई ड्रेस को दोबारा पहनकर लोगों के सामने सादगी को मिसाल पेश कर रही हैं। हाल ही में अभिनेत्री आलिया भट्ट ने मनीष मल्होत्रा की दिवाली पार्टी में मेहंदी का लहंगा दोबारा पहना तो लोगों ने न केवल उनको इस पहल की प्रशंसा की, बल्कि निजी जीवन में भी इस अच्छी आदत को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं। महानगरों में अधिकतर लोग फ्लैट्स में रहते हैं। उनके पास इतनी जगह नहीं होती कि वे एक साथ ज्यादा चीजें रख सकें।

ऐसे में वे कपड़े, बर्तन और घरेलू उपकरण जरूरतमंदों के बीच बांट देते हैं। कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं भी इस नेक कार्य में ऐसे लोगों की सहायता करती हैं। हम कह सकते हैं कि अब जमाना धीरे-धीरे बदलता जा रहा है, जहां केवल दिखावे के लिए घर में अनावश्यक वस्तुओं का संग्रह कर लिया जाता था। आज के समय में अधिकतर लोग ऐसी चीजें खरीदने लगे हैं, जिनकी उन्हें वाकई जरूरत होती है। यहां तक कि आज की नई पीढ़ी ब्राइडल ड्रेस से लेकर ज्वेलरी और सैंडल तक किराए पर लेने लगी है। वह माता-पिता की जीवन-शैली से सीख लेकर आगे बढ़ रही है और एक शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करना चाहती है।

कैसे करें अपने आपको तैयार

मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल को अपनाने के लिए अपने आपको तैयार करें और सबसे पहले अपनी प्राथमिकताओं को समझें। अनावश्यक चीजों और भावनाओं से मुक्त होकर सिर्फ यही रखें, जो आपको सच में जरूरी और उपयोगी लगे। सामान को कम करने के लिए मानसिक रूप से अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें और अव्यवस्था से दूर रहें। साधारण और शांत जीवन-शैली अपनाने की कोशिश करें, जिसमें कम चीजों के बावजूद खुशी और संतोष मिले। अपने समय को सही दिशा में निवेश करें और हर दिन की शुरुआत सकारात्मकता से करें। इसके अलावा शॉपिंग से पहले हमेशा जरूपी सामानों की एक सूची बनाएं और उसके अनुसार ही खरीदारी करें, ताकि आप बेफिजूल की चीजें न खरीदें।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।