स्वतंत्र का अर्थ होता है अपना तंत्र      Publish Date : 25/01/2025

                         स्वतंत्र का अर्थ होता है अपना तंत्र

                                                                                                                                                  प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

एक स्वतंत्र राज्य की दृष्टि से हम 15 अगस्त, 1947 को स्वाधीन हो गए थें, लेकिन क्या हमने उसी दिन पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त की? क्या राष्ट्र के सभी तंत्र अपने हो गए थे? देश के आक्रमणकरियों को महान बताने वाले शिक्षा का तंत्र, दूसरे देशों के शस्त्रों पर निर्भर सेना का तंत्र, अपने महापुरुषों का निरादर करने वाली व्यवस्थाओं का तंत्र, अपने आराध्य के जन्म को सिद्ध करने की मांग करने वाली न्याय व्यवस्था का तंत्र, हमारे मनों में भारतीय संस्कृति को तुच्छ और पश्चिमी संस्कृति का महिमा मंडन करने वाले चलचित्रों सिनेमा का तंत्र, भारतीय भाषाओं को नीचा दिखाने और केवल अंग्रेजी पढ़े लिखों की भाषा बताने वाले तंत्र को भला किस दृष्टि से अपना तंत्र कहा जा सकता है।

अपने आराध्य भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर बनाए गए उनके मंदिर ने यह संदेश देना शुरू किया है कि भारत का तंत्र अब अपना तंत्र होने लगा है। हमारे परिवारों में अपने छोटे छोटे स्वार्थ को ले कर होने वाले विघटन अपनी परंपरा नहीं हैं, लेकिन 1000 वर्षों की पराधीनता के संघर्ष से निकलने के बाद आक्रमणकारियों के द्वारा हमारे अपने लोगों की सहायता और चालकी से स्थापित किए गए तंत्र को बदलकर अपना तंत्र स्थापित करने का समय आ गया है, अर्थात अब पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करने का समय आ गया है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।