कृषि श्रमिकों और चालकों की अब बढ़ेगी मांग Publish Date : 09/01/2025
कृषि श्रमिकों और चालकों की अब बढ़ेगी मांग
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
आगामी 5 वर्षों में कृषि श्रमिकों और वाहन चालकों अर्थात ड्राइवर्स की मांग तेजी से बढ़ेगी और यह क्षेत्र तेजी से बढ़ती नौकरियों में शामिल होंगे। वहीं कैशियर और क्लर्क की भूमिकाओं में कमी आएगी। विश्व आर्थिक मंच व ई एफ ने भविष्य की नौकरी रिपोर्ट 2025 में यह भी कहा है कि 2030 तक 17 करोड़ नई नौकरियां सूचित होगी। जबकि 9.02 करोड़ लोगों को अपनी नौकरियां खोनी पड़ सकती हैं। यानी शुद्ध रूप से 7.8 करोड़ नई नौकरियां सूचित होगी।
स्विट्जरलैंड के दाबोस में 20 से 25 जनवरी तक होने वाले डफ की सारा नाम बैठक से कुछ दिन पहले जारी की गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है की नए-नए पदो के आने के साथ 2030 तक नौकरियों में व्यापक स्तर पर बदलाव आने की संभावना है। तकनीकी प्रगति के अतिरिक्त, जनसंख्या संबंधी बदलाव, भू-आर्थिक तनाव और आर्थिक दबाव इसके मुख्य कारण है। ऐसे में अब दुनिया भर में उद्योग और पैसा एक नया आकर ले रहा है।
अध्ययन में शामिल किए गए 1000 से अधिक कंपनियों के आंकड़ों के आधार पर पाया गया है कि कौशल का अंतर आज भी व्यवसाय में बदलाव को लेकर सबसे महत्वपूर्ण बाधा बनी हुई है। नौकरी के लिए आवश्यक लगभग 40 प्रतिशत कौशल में बदलाव होना तय है और लगभग 63 प्रतिशत नियोक्ता पहले से ही इसे अपने सामने आने वाली प्रमुख बाधाओं के रूप में प्रकट कर रहे हैं।
दुकानों पर सेल्स मेन्स की मांग में होगी बढ़ोतरी
प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की पांच सबसे तेजी से बढ़ती नौकरियों की सूची में सबसे ऊपर कृषि श्रमिक, मजदूर और अन्य कृषि श्रमिक शामिल होंगे। वहीं इसके बाद हल्के ट्रक या डिलीवरी से जुड़े वाहन चालक, सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन डेवलपर, दुकानों पर काम करने वाले सेल्समैन आदि की मांग में काफी बढ़ोत्तरी होगी।
स्टॉक की देखरेख से जुड़े क्लर्क की नौकरियों में आएगी कमी
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दूसरी और पांच सबसे तेजी से कम होती नौकरियों की सूची में सबसे ऊपर कैशियर और टिकट क्लर्क है। इसके बाद प्रशासनिक सहायक और कार्यकारी सचिव हैं। इमारतों की देखभाल करने वाले स्थाई कर्मी, सामग्री का रिकॉर्ड और स्टाफ की देखरेख से जुड़े क्लर्क और मुद्रण तथा संबंधित क्षेत्र में काम करने वाले अन्य लोग शामिल हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।