प्राप्त करें जीवन की पूर्णता Publish Date : 30/12/2024
प्राप्त करें जीवन की पूर्णता
प्रोफसर आर. एस. सेंगर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार जी संघ के उद्देश्य को एक छोटे लेकिन सार्थक वाक्य में समझाते थे। वह वाक्य इस प्रकार थाः “हमें हिंदू समाज को संगठित करना है और उसे इतना मजबूत बनाना है कि दुनिया की कोई भी ताकत उस पर बुरी नज़र डालने की हिम्मत न कर सके।” उस लक्ष्य को पूरा करना इस महान राष्ट्र के सभी महान सपूतों का प्रमुख कर्तव्य बनता है।
हम इस बात पर क्यों जोर देते हैं कि समाज को संगठित करने के पवित्र कार्य के लिए खुद को समर्पित करना हमारा पहला कर्तव्य है? इसका पहला कारण यह है कि हम इसी समाज में जन्मे हैं और इसी में पले-बढ़े हैं। इसी समाज की वजह से हम अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में प्रसन्नता और सुरक्षा का अनुभव करते हैं।
एक और महत्वपूर्ण कारण है, हमारा समाज एक प्राचीन और सनातन समाज है। इसने जीवन के सभी क्षेत्रों में महान व्यक्तित्वों को जन्म दिया है। इसमें जीवन का सबसे महान दर्शन और सबसे महान नैतिक आदर्श विकसित हुए हैं। इस महानता की छाप आज भी दुनिया में बनी हुई है। आज भी दूसरे लोग इस धरती के बेटों को श्री राम, श्री कृष्ण, महात्मा बुद्ध, गुरू नानक, महावीर और शंकराचार्य आदि के वंशज के रूप में उल्लेखित करते हैं। वे जानते हैं कि हमारी रगों में हमारे महान पूर्वजों का खून बहता है जो ज्ञान और सांसारिक उपलब्धियों के हर क्षेत्र में दुनिया के गुरु थे।
संक्षेप में कहें तो इसका मतलब यह है कि चूंकि हम इस समाज में पैदा हुए हैं, इसलिए हमारी शारीरिक ज़रूरतें यहाँ अच्छी तरह से पूरी होती हैं। लेकिन इसके अलावा, हम एक असाधारण सम्मान के लाभार्थी भी हैं। उन महापुरुषों द्वारा खोजा गया सर्वाेच्च शिखर तक जाने वाला मार्ग स्वतः ही हमारी विरासत बन गया है।
यह समाज के प्रति हमारा विविध और भारी ऋण है। इस पृष्ठभूमि में, क्या हमें अपने समाज के प्रति अपने कर्तव्य को भूलकर उसके द्वारा दिए गए लाभों का आनंद लेना चाहिए? हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि राष्ट्र को उसका हक देने के बाद जो कुछ बचता है, उसी से अपना जीवन-यापन करना चाहिए। दूसरे शब्दों में, समाज के ऋण से खुद को मुक्त करना हमारा पहला कर्तव्य है। इसी में हमारे जीवन की पूर्णता निहित है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।