पत्तल की पुरानी परंपरा को पुनर्जिवित करें      Publish Date : 17/12/2024

                     पत्तल की पुरानी परंपरा को पुनर्जिवित करें

                                                                                                                                               प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

पत्तलों से होने वाले लाभः

                                                                    

1. सबसे पहले तो उसे धोना नहीं पड़ेता है और हम इनको सीधा मिटटी में ही दबा सकते है।

2. पत्तलों का प्रयोग करने से पानी खर्च नही होता है।

3. पत्तलों का प्रयोग करने से न तो कोई कामवाली रखनी पड़ेगी तथा इस पर होने वाला मासिक व्यय भी बचेगा।

4. बर्तन धोने में प्रयुक्त होने वाले केमिकल भी उपयोग नही करने पड़ेंगे।

5. केमिकल द्वारा शरीर को आंतरिक हानि भी नही होगी।

6. पत्तलों का प्रयोग करने के लिए अधिक से अधिक वृक्ष उगाये जायेंगे, जिससे हमें अधिक आक्सीजन प्राप्त हो सकेगी।

7. पत्तलों का उपयोग करने से वातावरण में व्याप्त प्रदूषण भी कम हो सकेगा।

8. सबसे महत्वपूर्ण झूठे पत्तलों को एक जगह मिट्टी में गाड़ने पर, जैविक खाद का निर्माण किया जा सकता है, एवं इससे मिटटी की उपजाऊ क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है।

9. पत्तल बनाने का काम करने वाले लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा।

10. सबसे मुख्य लाभ, नदियों को दूषित होने से बहुत बड़े स्तर पर बचाया जा सकता हैं, जैसा कि आप जानते ही हैं कि जो पानी आप बर्तन धोने में उपयोग कर रहे हैं, वह केमिकल वाला पानी, पहले नाले में जायेगा, फिर आगे जाकर नदियों में ही छोड़ दिया जायेगा, जो जल प्रदूषण में आपको सहयोगी बनाता है।

आजकल हर जगह भंडारे, विवाह शादियों, Birthday पार्टियों में डिस्पोजेबल क्रॉकरी के स्थान पर इन पत्तलों का उपयोग करना चाहिए।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।