शीशम का वृक्ष है, औषधीय गुणों की खान      Publish Date : 14/12/2024

                      शीशम का वृक्ष है, औषधीय गुणों की खान

                                                                                                                                    प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 सुशील शर्मा

“शीशम की जड़ से लेकर तना तक हर हिस्सा है गुणकारी और स्किन प्रॉब्लम्स को रखता हमसे कोसों दूर-“

शीशम एक ऐसा वृक्ष है जो न सिर्फ औषधीय गुणों से भरपूर होता है, बल्कि धर्म, सेहत और पर्यावरण का भी एक अद्भुत संगम है। इसके पत्तों की चमक से लेकर इसकी लकड़ी की शक्ति तक, इसका प्रत्येक हिस्सा अपने आप में औषधीय गुणों को समेटे हुए है। ऐसे में हमारे विशेषज्ञ आपको बता रहे हैं कि यह पेड़ हमारी सेहत को किस प्रकार से संवारता है।

                                                                

शीशम के पेड़ का हर हिस्सा जैसे इसकी जड़, तना, पत्तियां और छाल आदि सभी कुछ औषधीय गुणों से भरपूर होते है। इसकी पत्तियां त्वचा संक्रमण, फोड़े-फुंसी और घावों का उपचार करने में उपयोगी होते हैं तो इनके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण स्वास्थ्य की अनेक समस्याओं को दूर करने में सहायता करते हैं।

शीशम की पत्तियों का पेस्ट त्वचा पर लगाने से त्वचा में होने वाली जलन और सूजन में राहत मिलती है। पत्तियों का रस बालों में लगाने से बालों में रूसी की समस्या दूर हो जाती है। शीशम की पत्तियों का उबला हुआ पानी संक्रमण और घाव धोने के लिए भी अच्छा काम करता है।

हमारे आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. सुशील शर्मा ने बताया कि, शीशम की पत्तियां पशुओं के लिए पोषक चारे के रूप में काम करती हैं और इसके साथ ही, भूमि की उर्वरता बढ़ाने के लिए इन्हें जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जिसके चलते हमारा पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।

                                                      

पौराणिक हिंदू परंपरा में शीशम को पवित्र और शुभ माना गया है, फलतः इसकी लकड़ी हवन और यज्ञ में उपयोग की जाती है। माना जाता है कि शीशम की लकड़ी का हवन आदि में उपयोग करने से वातावरण शुद्ध होता है और इससे नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है।

शीशम का उपयोग पर्यावरण की शुद्धि और शांति के लिए भी किया जाता रहा है। इसकी लकड़ी और पत्तियां धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ मानव के स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी अति लाभकारी रहती हैं, शीशम का यही गुण इसे एक बहुउपयोगी वृक्ष बनाता हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।