धन और ज्ञान में सम्बन्ध Publish Date : 10/12/2024
धन और ज्ञान में सम्बन्ध
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
धन का महत्व आज के समय में ही नहीं, बल्कि प्राचीन प्राचीन काल से ही रहा है। धन के बिना न तो कोई यज्ञ होता है और न ही कोई अनुष्ठान। जीवन निर्वाह धन के बिना नहीं हो सकता। राष्ट्र की उन्नति एवं समृद्धि का परिचायक भी धन ही है। प्राचीन समय में कहा जाता था कि लक्ष्मी और सरस्वती का आपस में वैर है। अर्थात ये दोनों एक स्थान पर इकट्ठे नहीं रह सकते, लेकिन आधुनिक युग में यह सिद्धांत बदल गया है।
आज धन और विद्या दोनों साथ-साथ चलते हैं। धनवान व्यक्ति ही अच्छे विद्यालय में अपने बच्चों को शिक्षा दिलवा पाता है। परीक्षा में अच्छे अंक दिलवाने के लिए ट्यूशन लगा देता है। धन की महिमा दिन-प्रतिदिन इसी तरह बढ़ती रही तो वह दिन दूर नहीं जब शिक्षा केवल धनाढय लोगों के लिए ही रह जाएगी और निर्धन और योग्य छात्र यदि उच्च शिक्षा प्राप्त कर लें तो उन्हें केवल अपवाद कहा जाएगा।
न केवलम् अद्यतनकाले, अपितु प्राचीनकालात् एव धनस्य महत्त्वम् अस्ति। धनं विना न कश्चित् यज्ञो न कश्चित् संस्कारः भवति । धनं विना जीवनं न स्थातुं शक्यते। धनं राष्ट्रस्य प्रगतेः समृद्धेः च चिह्नम् अस्ति। पुरा काले धनस्य सरस्वत्या च वैरम् इति उक्तम्। अर्थात् उभौ एकस्मिन् स्थाने एकत्र वसितुं न शक्नुवन्ति, परन्तु आधुनिकयुगे एषः सिद्धान्तः परिवर्तितः अस्ति। अद्य धनं ज्ञानं च द्वौ अपि मिलित्वा गच्छतः। केवलं धनिकः एव स्वसन्ततिं सुविद्यालये शिक्षितं कर्तुं समर्थः भवति। परीक्षायां उत्तमं अंकं प्राप्तुं सः शिक्षणं ददाति। यदि धनस्य वैभवः दिने दिने वर्धते तर्हि सः दिवसः दूरं नास्ति यदा केवलं धनिक-दरिद्राणां कृते एव शिक्षा अवशिष्यते तथा च योग्याः छात्राः उच्च शिक्षां प्राप्नुयुः चेत् अपवादमात्रं उच्यन्ते।
Wealth is important not only in today's time but since ancient times. Without money, neither any yagya is performed nor any ritual. Life cannot be sustained without money. Wealth is also the symbol of the progress and prosperity of the nation. In ancient times, it was said that wealth and Saraswati are inimical. That is, both of them cannot stay together at one place, but in the modern era, this principle has changed. Today, both wealth and education go together. Only a rich person can get his children educated in a good school. He gives tuitions to get good marks in the examination. If the glory of wealth keeps increasing day by day like this, then the day is not far when education will remain only for the rich people and if poor and deserving students get higher education, they will be called an exception. Thanks.
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।