क्या ऑर्गेनिक खाद्य में ज्यादा पोषक तत्व होते हैं Publish Date : 22/11/2024
क्या ऑर्गेनिक खाद्य में ज्यादा पोषक तत्व होते हैं
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी
ऑर्गेनिक या जैविक अनाज और फल-सब्जियां वे होती हैं, जिन्हें उगाने के लिए रासायनिक खादों और कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। मांस, अंडे, पोल्ट्री और डेयरी उत्पाद भी ऑर्गेनिक होते हैं, बशर्ते कि पशुओं को बाहर चराया जाता रहा हो और उत्पाद तैयार करने के लिए ग्रोथ हॉर्मोंस, एंटीबायोटिक्स या जेनेटिक इंजीनियरिंग की मदद न ली गई हो।
जैविक खाद्य पदार्थ महंगे इसलिए होते हैं कि उनके उत्पादन में ज्यादा श्रम लगता है। ऑर्गेनिक खेती करने वाले चूंकि खतरनाक असरकारी रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है इसलिए खेतों से खर-पतवारों को साफ करने के लिए किसान को अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है। लेकिन महंगे होने का मतलब यह कतई नहीं है कि जैविक उत्पादों में अधिक पोषक तत्व होते हैं।
बर्मिंघम स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ अलबामा में न्यूट्रिशन साइंस की सहायक प्रोफेसर लिजी डेविस कहती हैं कि जैविक और गैर-जैविक खाद्य पदार्थों में प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट समान मात्रा में ही होते हैं। जबकि कुछ अध्ययनों के अनुसार, जैविक रूप से उपजाए गए मक्के और बेर जैसे फलों में विटामिन्स, खनिज, लवण और कुछ एंटीऑक्सीडेंट्स तुलनात्मक रूप से अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
लेकिन विशेषज्ञों के के अनुसार, जैविक और गैर जैविक उत्पादों के बीच का फर्क अधिक नहीं होता है। वर्ष 2018 में फ्रांस में 70,000 लोगों पर किए गए सर्वेक्षण से यह तथ्य सामने आया था कि जो लोग जैविक उत्पादों का सेवन करते हैं, उनमें जैविक उत्पादों का बिल्कुल ही सेवन न करने वाले लोगों की तुलना में कैंसर का खतरा 25 फीसदी कम था।
यह भी कहा जाता है कि जैविक उत्पादों के सेवन से मधुमेह, मोटापा और दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है। लेकिन अभी तक इसे पूरी तरह साबित नहीं किया जा सका है कि जैविक उत्पाद स्वास्थ्य के लिए अच्छे ही होते हैं। एक तर्क यह भी दिया जाता है कि जैविक उत्पादों के सेवन से स्वास्थ्य पर अगर कमोबेश अच्छा असर पड़ता है, तो वह इसलिए कि इनका इस्तेमाल करने वाले उच्च आय वर्ग के और स्वास्थ्य के प्रति सजग लोग होते हैं।
सामान्यतः कीटनाशकों के असर से बचने के लिए लोग जैविक उत्पादों को तरजीह देते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए जैविक उत्पादों का सेवन करना आवश्यक कतई नहीं है, क्योंकि कीटनाशकों का खतरा तो फल-सब्जियों को अच्छी तरह धोकर भी किसी हद तक कम किया जा सकता है।
मांस, अंडे, पोल्ट्री और डेयरी उत्पाद भी ऑर्गेनिक होते हैं, बशर्ते कि पशुओं को बाहर चराया जाता रहा हो और उत्पाद तैयार करने के लिए ग्रोथ हार्माेन्स, एंटीबायोटिक्स या जेनेटिक इंजीनियरिंग आदि विधियों की मदद न ली गई हो।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।