राष्ट्रीय विकास का मार्ग      Publish Date : 28/10/2024

                             राष्ट्रीय विकास का मार्ग

                                                                                                                                                          प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

वर्तमान में कई संगठन समाजिक काम कर रहे हैं। वे वाकई बहुत अच्छा सामाजिक कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिंदुओं के प्रभावी और अविभाज्य संगठन के निर्माण का काम अपने हाथ में लिया है और सामाजिक जरूरतों के लिए सभी काम ऐसे कई संगठनों को सौंप दिए हैं।

                                                                        

संघ को देश के गौरवशाली भविष्य पर दृढ़ विश्वास है, साथ ही उसे देश के समृद्ध इतिहास पर गर्व भी है। पूरे भारत के विभिन्न भागों में प्रकट हुई हिंदुओं की भावनात्मक एकता को बहुत निकट से अनुभव किया जा सकता है। हिंदुओं में बाह्य रूप से भले ही अनेक मतभेद हों, लेकिन आंतरिक एकता का एक मजबूत बंधन है।

हमारा दृढ़ विश्वास है कि संगठित हिंदू समाज ही देश का कायाकल्प कर सकता है। इसलिए एक निश्चित दिशा के साथ पूर्व निर्धारित मार्ग पर चलने का कार्य हम कर रहे हैं ।

संघ को अर्धसैनिक संगठन माना जाता है। सामान्य दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि पारंपरिक मान्यताओं के अर्थ में संघ एक सैन्य संगठन है। जब तक कोई व्यक्ति क्षात्रतेज (वीरता) को आत्मसात नहीं करता और जीवन के अंतिम लक्ष्य के साथ एकाकार होने के लिए व्यक्तिगत जीवन को समाज जीवन में समर्पित नहीं करता, तब तक वह समाज के प्रति अपने दायित्व को पूरा नहीं कर सकता।

                                                        

हम संस्कृति के विकास और समाज की सेवा के अपने संकल्प को प्राप्त करना चाहते हैं। हमने नागरिकों में राष्ट्रीय भावना को जगाने का मुख्य रूप से निर्णय लिया है। बेशक हम शारीरिक शक्ति और सैन्य अनुशासन के निर्माण को भी उचित महत्व देते हैं। संघ का कार्यक्रम एकता की भावना को मजबूत करना और पूरे हिंदू समाज को संगठित करना है। हमें हिंदुओं के पराक्रम और प्रदर्शन पर पूरा भरोसा है। हिंदू संस्कृति आज कई आघात सहने के बाद भी जीवित है। संघ हिंदू समाज में सांस्कृतिक एकता लाने में सफल हो रहा है, इसलिए देश को परम वैभव तक ले जाने का हमारा लक्ष्य अब बहुत अधिक दूर नहीं है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।