ग्रीन ग्रोथ की राह पर बढ़ रहा है देश      Publish Date : 22/10/2024

                     ग्रीन ग्रोथ की राह पर बढ़ रहा है देश

                                                                                                                                         प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी

बजट के माध्यम से वर्ष 2070 तक देश के कार्बन उत्सर्जन समाप्त करने का दिखाया है रास्ता-

वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन के नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आम बजट 2023-24 ने ग्रीन ग्रोथ का रास्ता अपनाने के दृष्टिकोण को अपनाया है। इसके लिए जिस भागीरथ प्रयास की जरूरत है उसकी कुछ बानगी बजट में दिखाई दी है। बजट को सात सबसे अहम प्राथमिकताओं में ग्रीन ग्रोथ को रखते हुए बजट में 35,000 करोड रुपए का आवंटन ऊर्जा परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा के लिए शुरुआती निवेश के उद्देश्य किया गया है। यह आवंटन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय करेगा।

                                                               

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि देश वर्ष 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन की और दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है। बजट में बताया गया है कि वर्ष 2030 तक भारत में 50 लाख टन का ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन हर वर्ष करने की क्षमता स्थापित की जाएगी। इसके लिए हाल ही में केंद्र सरकार ने 19,700 करोड रुपए की एक योजना को लागू करने की घोषणा की है। इससे देश की इकोनॉमी में कच्चे तेल से बनने वाले ईंधन की हिस्सेदारी कम होगी और साथ ही इसका एक बड़ा फायदा यह होगा कि भारत कम कच्चे तेल का आयात कर सकेगा। इससे विदेशी मुद्रा भी कम खर्च करनी पड़ेगी, हालांकि इसके लिए बड़े पैमाने पर बिजली चालित वाहनों या कम कार्बन उत्सर्जन करने वाले वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना होगा। इस क्रम में एनर्जी स्टोरेज पर भी काम करने की जरूरत है जिसको बजट में जगह दी गई है।

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम मौजूदा वक्त की जरूरत है। कई विकसित देशों में पर्यावरण अनुकूलन व्यवहार को अपनाने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम चल रहे हैं। भारत में भी इसकी शुरुआत होगी। इसके लिए पर्यावरण सुरक्षा कानून में संशोधन किया जाएगा, जो निकाय, कंपनियां या व्यक्ति ज्यादा पर्यावरण अनुकूलन संसाधनों का उपयोग करेंगे, उन्हें अतिरिक्त संसाधन जुटाने में मदद भी मिलेगी।

लद्दाख बनेगा प्रमुख हब ग्रीन ग्रोथ के लिए

                                                                          

बजट में केंद्र सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को देश के एक प्रमुख हब के तौर पर विकसित करने की अपनी मंशा को सामने रखा है। वहां 13,000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं को स्थापित किया जाएगा, जिस पर 200,700 करोड़ तक की लागत आएगी।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।