
उकठा रोग व जड़ बेधक कीट के प्रबन्धन हेतु सुझाव Publish Date : 06/10/2024
उकठा रोग व जड़ बेधक कीट के प्रबन्धन हेतु सुझाव
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
गन्ने की खड़ी फसल में जड़ के पास सिस्टेमिक फफूँदनाशी थायोफेनेट मिथाईल 70 डब्ल पी. का 1.3 ग्राम प्रति लीटर पानी (520 ग्राम $ 400 लीटर पानी प्रति एकड़) अथवा कार्बेन्डाजिम 50 डब्लू.पी. का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी (800 ग्राम $ 400 लीटर पानी प्रति एकड़) की दर से घोल बनाकर 15 से 20 दिनों के अन्तराल पर दो बार ड्रेचिंग करें और इसका प्रयोग के बाद हल्की सिंचाई कर दें।
जड़ों के पास मृदा के वातावरण में उपलब्ध लाभदायक सूक्ष्म जीवों की क्रियाशीलता सुनिश्चित करने हेतु ब्लीचिंग पाउडर का प्रयागे न करें।
जड़ बेधक के नियन्त्रण हेतु पर्याप्त नमी की अवस्था में फिप्रोनिल 0.3 जी 10-12 किलो ग्राम अथवा क्लोरपाइरीफॉस 20 प्रतिशत ई. सी. 2 लीटर अथवा क्लारे पाइरीफॉस 50 प्रतिशत ई.सी. 1 लीटर अथवा इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस. एल. 200 मिली. अथवा बाइफेन्थ्रिन 10 ई. सी. का 400 मिली प्रति एकड़ की दर से 750 लीटर पानी के साथ मिलाकर ड्रेन्चिग करें।
आगामी फसल में रोग से बचाव के उपाय
स्वस्थ बीज का अनिवार्य रूप से बुआई करके रोग के प्राथमिक संक्रमण से बचा जा सकता है।
रोग से प्रभावित खेतों में फसल चक्र के अन्तर्गत अन्य फसलों की अनिवार्य रूप बुआई करें।
उत्तर प्रदेश के लिए स्वीकृत रोग - रोधी गन्ना किस्मों की ही बुआई करें। गन्ने के बीज के टुकड़ों को 0.1 प्रतिशत कार्बेन्डाजिम 50 डब्लू.पी. अथवा थायोफेनेट मिथाईल 70 डब्लू. .पी. तथा इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस. एल. (0.5 मिली $ 1 लीटर पानी) कीटनाशक के साथ पारम्परिक विधि द्वारा 10-30 मिनट तक शोधन या भिगोकर अवश्य बुआई करें।
एक या दो आँख के टुकड़ों 0.1 प्रतिशत कार्बेन्डाजिम 50 डब्लू. पी. अथवा थायोफेनेट मिथाईल 70 डब्लू. पी. के साथ सेट ट्रीटमेन्ट डिवाइस में 30 शुगर टाइम्स ।
गन्ने में जड़ बेधक के लक्षण मिनट तक से उपचारित अवश्य करें। उकठा रोग से बचाव हेतु मृदा में बोरेक्स (बोरिक एसिड) की 6 किलोग्राम तथा जिंक सल्फेट की 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से प्रयोग अवश्य करें। मृदा के जैविक उपचार हेतु बुआई के समय जैव- नियन्त्रक ट्राइकोडर्मा हारजिएनम को 4 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से 40-80 किलोग्राम कम्पोस्ट खाद के साथ मिलाकर खेत की तैयारी अथवा गन्ना बुआई के समय नालियों में तथा व्यांत व ग्रोथ अवस्था में अवश्य प्रयोग करें। ट्राइकोडर्मा किसी अधिकृत स्रोत से ही प्राप्त करें और इसके वैधता तिथि का विशेष रूप से ध्यान करें।
जड़ बेधक और उकठा रोग के लक्षण भी ध्यान रखें
जड़ बेधक तथा अन्य कीट के नियन्त्रण हेतु बुआई के समय गन्ने के टुकड़ों पर प्रति एकड़ की दर से फिप्रोनिल 0.3 जी 8 किलोग्राम अथवा क्लोरपाइरीफॉस 20 प्रतिशत ई. सी. 2 लीटर अथवा क्लोरपाइरीफॉस 50 प्रतिशत ई. सी. 1 लीटर अथवा इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस. एल. 200 मिली. अथवा बाइफेन्थ्रिन 10 ई.सी. का 400 मिली को 750 लीटर पानी के साथ मिलाकर ड्रेन्चिंग करें। एक निश्चित समय अन्तराल पर खेतों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।