वानिकीय नववर्ष की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं      Publish Date : 01/10/2024

            वानिकीय नववर्ष की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं

                                                                                                                                                       प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

हर वर्ष 1 अक्टूबर को मनाया जाता है वानिकी नव वर्ष

                                                     

मानव के अनियोजित एवं अवैज्ञानिक विकास के कारण हमारे पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड व अन्य प्रदूषक गैसों की मात्रा के बढ़ने के कारण जलवायु परिवर्तन का यह दुष्प्रभाव हमें देखने को मिल रहा है। अत्यधिक मात्रा वनों के संरक्षण के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने में हम कदम आगे बढ़ेंगे तो हमें इसे रोकने में सफलता भी मिल सकती है।

हालांकि, इसके दृष्टिगत वनों का समयबद्ध प्रबंधन आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उक्त बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने शुभकामना संदेश में सभी प्रदेशवासियों के लिए कही है। वर्ष 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में व्यापक और सक्रिय जन सहभागिता के चलते 210 करोड़ वृक्षारोपण कर विश्व के समक्ष एक उदाहरण परीलक्षित किया गया है। वानिकी के क्षेत्र क्षेत्र में किए गए इन कार्यों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी मान्यता, प्रशंसा के साथ ही कुछ पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।

                                                         

प्रदेश के मुखिया ने इस अवसर पर कहा कि वानिकी के नववर्ष पर वन संरक्षण व संवर्धन की वार्षिक योजना तैयार करने तथा विगत वर्षों में वन प्रबंधन के समक्ष आई चुनौतियों की समीक्षा करने का एक बेहतरीन अवसर है। उन्होंने वानिकी नववर्ष पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों और वनों के वैज्ञानिक प्रबंधन में पारदर्शिता, समयबद्व़ता तथा वनों की गुणवत्ता बढ़ाने में उपयोगी सिद्ध हो सकें, इसके लिए सभी प्रदेश वासियों को बधाई और शुभकामनाएं भी प्रेषित की है।

सोसाइटी ऑफ़ ग्रीन वर्ल्ड फॉर सस्टेनेबल एनवायरमेंट के सेक्रेटरी प्रोफेसर आर. एस. सेंगर ने कहा समुचित वन प्रबंधन पर्यावरणीय सेवाओं की निरंतरता बनाए रखने के साथ ही निर्धन, निर्बल एवं वंचित वर्ग के सदस्यों को रोजगार उपलब्ध कराने का भी एक सशक्त एवं महत्वपूर्ण माध्यम है। हमारे जीवन में वनों की भूमिका के दक्षागत आवश्यक है ताकि वनों का प्रबंधन पारदर्शी रूप से करते हुए वानिकी की गतिविधियों का क्रियान्वयन समयबद्ध रूप से और पारदर्शी ढंग से किया जा सके।

                                                                     

वर्षाकाल के उपरांत 01 अक्टूबर से अर्थात वानिकी नववर्ष के प्रारंभ होने के साथ ही संपूर्ण वर्ष में संपादित किए जाने वाले वानिकी से सम्बन्धित कार्यों का शुभारंभ भी हो जाता है। वर्ष 2017 से अब तक 210 करोड़ से अधिक पौधें उत्तर प्रदेश में रोपित करने के साथ ही शिक्षकों को वृक्षारोपण गतिविधियों के माध्यम से रोजगार व आजिविका के संसाधन उपलब्ध करवाने तथा कार्बन क्रेडिट वित्त पोषण के माध्यम से आय में वृद्धि हेतु विशिष्ट कार्य किया जा रहे हैं। यह प्रदेश के लिए एक गौरव का विषय है कि कार्बन क्रेडिट कम करने के माध्यम से कार्बन वित्त पोषण करने वाला उत्तर प्रदेश अब देश का प्रथम राज्य बन चुका है।

प्रोफेसर आर. एस. सेंगर ने इस अवसर पर कहा कि समय के साथ वन प्रबंधन का बदलता स्वरूप एवं जैविक कर्म से वनो पर बढ़ते जैविक दबाव एवं नई तकनीक के आगमन के साथ ही पौधारोपण वृहद स्तर पर किया जा रहा है। यह समय की आवश्यकता व चुनौतियों के अंतर्गत वर्षाकाल वन विकास की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण समय होता है। विगत वर्ष से प्रदेश के वन विभाग के द्वारा 01 अक्टूबर को वानिकी नववर्ष के अवसर पर समारोह आयोजित किए जाते हैं और इसी दिन नई ऊर्जा, नए संकल्प, नई प्रेरणा एवं प्रोत्साहन के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया जाता है।

                                                              

वनों का संरक्षण अधिक से अधिक हो सके और देश में वनों के साथ-साथ फलदार वृक्षों की संख्या में बढ़ोतरी हो, इसी आशा और विश्वास के साथ मैं अपने सभी देशवासियों को वानिकी नववर्ष की शुभकामनाएं पेश करता हूं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।