मूली की बंपर पैदावार के लिए सितंबर में करें मूली की बुआई      Publish Date : 24/09/2024

         मूली की बंपर पैदावार के लिए सितंबर में करें मूली की बुआई

                                                                                                                                         प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृषाणु

भारत में मूली की खेती पूरे वर्षभर ही की जाती है, जबिक इसकी बाजार मांग भी ठीक ठाक ही बनी रहती है। वहीं, यह कम समय में पककर तैयार भी हो जाती है तो ऐसे में हम आपको इसकी तीन ऐसी किस्मों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं जिन्हें आप सितंबर के महीने में लगा सकते हैं, जिससे अच्छी पैदावार होने के साथ ही किसानों को मुनाफा भी अच्छा होगा।

                                                                

मूली पोषण और स्वावद के लिहाज से एक उत्तम सब्जी है, जो बाजार में आमतौर पर सर्दियों के मौसम में ही सबसे ज्यादा बिकती है। हालांकि, इसकी खेती सालभर की जाती है और बाजार में इसकी मांग भी हमेशा ही बनी रहती है। मूली का वैज्ञानिक नाम राफानस सैटाइवस है। मूली की जड़ में पानी की मात्रा अधिक होती है, जिसके कारण यह ताजा और स्वादिष्ट रहती है। मूली में विटामिन सी, पोटैशियम और फाइबर पाया जाता है. इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद मानी जाती है।

किस्म जो देती हैं अच्छी पैदावार

आमतौर पर मूली का उपयोग सलाद, सब्जी, और अचार के रूप में अधिक किया जाता है। कई क्षेत्रों में इसके पत्तों का उपयोग सब्जी बनाने में भी किया जाता है। मूली की खेती करना बहुत आसान होता है और कम समय में इसकी फसल तैयार हो जाती है। कम समय और कम लागत में तैयार होने वाली खेती मूली किसानों के लिए एक अच्छा  विकल्प हो सकती है। मूली की खेती में अच्छा मुनाफा के कमाने के लिए इसकी सही वैरायटी का चयन बेहद जरूरी होता है। सितंबर के महीने में, नीचे दी गई इन तीन किस्मों की बुआई करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

1. पूसा रेशमी

                                                  

पूसा रेशमी मूली की एक प्रमुख किस्म है, जो अपनी उच्च गुणवत्ता और उत्पादकता के लिए जानी जाती है। इसकी जड़ें 30 से 35 सेंटीमीटर लंबी और मध्यम रूप से मोटी होती है। यह शीर्ष में हरापन लिए सफेद रंग की होती है तो वहीं, इसका स्वाद कुछ तीखा होता है। इस किस्म की फसल 55 से 60 दिन में पककर तैयार हो जाती है। यह प्रति हेक्टेयर 315 से 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार देने में सक्षम होती है।

2. रैपिड रेड व्हाईट टिप्ड

                                                                

स्वाद में कुछ चरपरी ‘‘रैपिड रेड व्हाईट टिप्ड’’ किस्म की मूली अधिक पैदावार देने वाली किस्मों में से एक है। यह बुआई के बाद 25 से 30 दिन में ही पककर तैयार हो जाती है। एक हैक्टेयर में मूली की 250 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त की जा सकती है। इस किस्म की जड़ें छोटी होती है और चमकदार लाल रंग की परत के साथ इसका गूदा सफेद रंग का होता है।

3. पंजाब पसंद

                                                                  

पंजाब पसंद मूली जल्दी पककर (45 दिन में) तैयार होने वाली एक अच्छी वैरायटी है। इस किस्म की मूली की खास बात यह है कि इसकी खेती कभी की जा सकती है। इसकी जड़ें लंबी और सफेद रंग की होती हैं और इनमें बाल नहीं होते हैं। यह मुख्य सीजन में 215-235 क्विंटल प्रति हेक्टेयर औसतन पैदावार देती है तो वहीं, ऑफ सीजन में 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर औसतन पैदावार दे देती है। यह किस्म अपनी जल्दी पककर तैयार होने की क्षमता और बेमौसम बुआई की सुविधा के कारण किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।