गन्ने के सूखा रोग रोग से बचाव कैसे करे?      Publish Date : 22/09/2024

                      गन्ने के सूखा रोग रोग से बचाव कैसे करे?

                                                                                                                                                                     प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

मुंह में मिठास भर देने वाली पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुख्य फसल गन्ना, इन दिनों संकटों से घिरा हुआ है। अचानक बदलते मौसम और अनियमित तापमान के कारण गन्ने की फसल सूख कर पीली पड़ रही है, जिसके चलते क्षेत्र के गन्ना किसानों के चेहरे पर भी मायूसी नजर आ रही है और अपनी फसल को लेकर माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ती जा रही है।

                                                            

किसान खेत में लहलहाते अपनी गन्ने की फसल को कैसे बचा सकते हैं, इस बारे में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं कृषि वैज्ञानिक डॉ0 आर. एस. सेंगर ने किसानों को कछ खास सुझाव दिया है. जिसकी मदद से किसान अपनी गन्ने की फसल को इस रोग से बचा सकते हैं।

सूखा रोग गन्ने की ग्रोथ को करता है प्रभावित

प्रोफेसर आर. एस. सेंगर ने बताया कि इस सूखे रोग में गन्ने पर जब तेज धूप पड़ती है तो उसके कारण गन्ने की फसल का ऊपरी हिस्सा सूखने लगता है और गन्ने की बढ़वार की दर कम हो जाती है। यदि समय रहते इस रोग का उपचार ना किया जाए तो पूरी फसल के खराब होने की आशंका रहती है। गन्ने की फसल को सूखा रोग से बचाने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाओं का छिड़काव किया जाता है। गन्ने की खेती से यदि आपको अच्छा मुनाफा कमाना है तो इसके लिए बेहतर उपज का प्राप्त करना बहुत ही जरूरी होता है। इसलिए, गन्ने का पूर्ण विकास और उसकी मोटाई का ज्यादा होना जरूरी है।

                                                               

डॉ0 सेंगर ने बताया कि जब गन्ने की फसल में सूखे रोग के लक्षण दिखाई देने लगे, तब किसान भाईयों को बिना किसी देरी के इस रोग के निवारण के लिए कृषि विशेषज्ञ के पास जाकर सलाह लेनी चाहिए और इसके निराकरण हेतु आवश्यक उपाय करने चाहिए।

सूखा रोग लगने पर इमिडाक्लोप्रिड नामक दवा का करें छिड़काव

डॉ0 सेंगर ने बताया कि जब गन्ने में सूखा रोग लग जाता है तो गन्ने की लंबाई और मोटाई में उसकी बढ़ोतरी बंद हो जाती है और कुछ समय बाद फसल सूखने लग जाती है। इस स्थिति में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। गन्ने को इस रोग से बचाने के लिए फसल की नियमित देखभाल करना बेहद आवश्यक होता है।

डॉ0 सेंगर ने बताया कि गन्ने के ऊपरी भाग में यह रोग लगता हुआ दिखाई देने लगे तो गन्ने की सिंचाई दिन के स्थान पर शाम के समय करनी चाहिए और इसके साथ ही इमिडाक्लोप्रिड का 200 लीटर पानी में घोल बनाकर गन्ने की फसल पर शाम को सिंचाई के साथ कम से कम दो बार छिड़काव अवश्य ही करना चाहिए। इससे फसल में लगने वाला सूखा रोग समाप्त हो जाएगा और गन्ना सही तरीके से विकास करेगा।


लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।