ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन को लेकर पूरे प्रदेश भर में अलर्ट      Publish Date : 07/09/2024

          ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन को लेकर पूरे प्रदेश भर में अलर्ट

उत्तर प्रदेश में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन को लेकर प्रदेश भर में अलर्ट जारी दिया गया है। अब इनकी बिक्री को प्रदेश में पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके साथ ही लखनऊ में 1.38 करोड़ रुपये के इंजेक्शन बरामद किए गए हैं।

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन को लेकर प्रदेश भर में अलर्ट जारी किया है। सभी दवा निरीक्षकों को बिहार सीमा से लगे जिलों में विशेष निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि बरामद किए गए यह इंजेक्शन बिहार के गया से लाए जा रहे थे।

                                                

एफएसडीए और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में करीब 1.38 करोड़ रुपये के ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। सहायक आयुक्त बृजेश कुमार ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में लखनऊ के बुद्धेश्वर निवासी अनमोल पाल और हरदोई के संडीला निवासी दिनेश पाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन दोनों से मिली जानकारी के आधार पर एसटीएफ व एफएसडीए की टीम जांच कर रही है। इंजेक्शन 30 एमएल की शीशी भरा हुआ था। यह इंजेक्शन स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के पर्चे पर एक एमएल में मिलता है। जबकि जानवरों पर इसका प्रयोग करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।

एफएसडीए ने सभी दवा निरीक्षकों को बिहार सीमा से सटे जिलों में विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। पकड़े गए आरोपियों ने बताया है कि यह इंजेक्शन बिहार के गया से लेकर आए थे। इनकी शीशी पर किसी कंपनी का नाम नहीं लिखा है। ऐसे में एक टीम बिहार भेजी गई है। एफएसडीए ने सोनभद्र, चंदौली, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर और श्रावस्ती आदि जिलों के औषधि निरीक्षकों को दुकानों की निरंतर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।

सेहत के लिए बेहद हानिकारक है ऑक्सीटोसिन

                                                             

गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट डॉ. अनिल गंगवार ने बताया कि ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बच्चों के जन्म के समय गर्भाशय संकुचन बढ़ाने के लिए दिया जाता है। इससे प्रसव शुरू करने में मदद मिलती है। यह दूध निकालने के प्रोसेस में प्राइमरी हार्माेन के रूप में काम करता है। इसी वजह से पशुओं को ऑक्सीटोसीन इंजेक्शन देने से दूध उत्पादन बढ़ता है लेकिन यह इंजेक्शन देने के बाद निकाला गया दूध हानिकारक होता है। इसी वजह से जानवरों पर इसका प्रयोग प्रतिबंधित है। ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाने के बाद निकाले गए दूध का लंबे समय तक सेवन करने से लिवर और किडनी पर बुरा असर पड़ता है। यह दूध पीने वाले बच्चे कम उम्र में हार्माेनल बदलाव के शिकार हो जाते हैं।

दो तस्कर धरे गए, 1.38 करोड़ के अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बरामद

                                                                                   

ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तस्करी करने वाले दो तस्करों को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) व एसटीएफ की संयुक्त टीम ने बृहस्पतिवार को पकड़ा। आरोपियों से भारी संख्या में अवैध इंजेक्शन बरामद किए हैं। बाजार में इनकी कीमत करीब 1.38 करोड़ रुपये है। इंजेक्शन सीज कर चार नमूनों को जांच के लिए भेजा है।

एफएसडीए के सहायक आयुक्त ब्रजेश कुमार के अनुसार, मुखबिर से सूचना मिली कि दो तस्कर बंगला बाजार चौराहे से तेलीबाग की तरफ जाने वाली रोड पर खड़ी एक एसयूवी में सवार है। इसके बाद दोनों को दबोच लिया गया। गाड़ी से अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन भारी मात्रा में बरामद हुए। आरोपियों की पहचान बुद्धेश्वर के मायापुरम निवासी अनमोल पाल व दिनेश पाल के रूप में हुई।

                                                                   

पूछताछ में दोनों ने बताया कि इंजेक्शन की खेप बिहार से आती थी। सड़क मार्ग से आने में पकड़े जाने का डर था। इसके चलते ट्रेन से इंजेक्शन लाते थे। उनके घर के सामने प्लॉट के अंदर बने कमरे में ऐसे ही और बहुत इंजेक्शन रखे हुए हैं।

टीम बताए पते पर पहुंची तो कमरे से कुल 30 बड़े बॉक्स और छह बोरी में इंजेक्शन बरामद हुए। कुल 267000 एंपुल दवाएं मिलीं। साथ ही 30 एमएल के 12627 वायल बरामद हुए। इसके अलावा 100 एमएल के 1260 वायल पकड़े गए। आशियाना थाने में केस दर्ज कराया गया है। पुलिस ने आरोपियों को जेल भेजा है।