उत्तर प्रदेश का यह गांव है खास, जहाँ कोई नहीं खरीदता सब्जी      Publish Date : 30/08/2024

      उत्तर प्रदेश का यह गांव है खास, जहाँ कोई नहीं खरीदता सब्जी

                                                                                                                                                            प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

सबने घर में बनाया किचन गार्डन और पानी बचाने का अनोखा तरीका

                                                                  

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सिकंदरपुर गांव के लोगों ने पानी की एक-एक बूंद को बचाने की अनोखी मिसाल पेश की है। गांव के लोग किचन में बर्बाद हो रहे पानी का इस्तेमाल कर घर के आंगन में ही सब्जियां उगा डाली हैं। यह गांव अब जिले एवं प्रदेश के अन्य गांवों के लिए जल संरक्षण को लेकर प्रेरणा का एक स्रोत बन चुका है। बूंद-बूंद पानी बचाकर यहां की महिलाओं ने अपने घर के आंगन में ऐसा किचन गार्डन तैयार किया, जिसकी तारीफ बड़े-बड़े अधिकारी भी कर रहे हैं।

मेरठ जिले का सबसे आखिरी गांव निकला सबसे आगे

मेरठ जिले के सबसे आखिरी गांव की ये ख़ूबसूरत तस्वीर जिसे जो भी कोई देखता है वह उसकी तारीफ किए बिना रह नहीं सकता। आंकड़ों की माने तो सिकंदपुर गांव पिछड़े गांवों की लिस्ट में आता है, लेकिन यहां की महिलाओं ने इस गांव की तस्वीर ही बदल दी है। मेरठ से तकरीबन पचास किलोमीटर दूर किला परीक्षितगढ़ क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव ने मिशन पानी को लेकर ऐसा कार्य किया है कि हर कोई इसकी तारीफ ही कर रहा है।

घर के आंगन में तैयार हुआ किचन गार्डन

                                                      

किसान डॉट कॉम की टीम ने भी इस गांव का दौरा किया तो हर घर में ऐसा लगा जैसे हम किसी पहाड़ी वादियों में आ गए हो। यहां की महिलाएं बहुत कम सब्ज़ियां बाहर से खरीदती हैं. क्योंकि सारी सब्ज़ियां उनके घर पर ही मौजूद होती हैं। बूंद-बूंद पानी बचाकर इन महिलाओं ने सारी सब्ज़ियां फल और फूल अपने घर के आंगन में ही उगा रखे हैं।. गांव में सैकड़ों घर हैं और हर घर की वही हरियाली वाली तस्वीर. हर घर में आपको गोभी, भिंडी, मिर्च, लौकी, बैंगन, पपीता, धनिया और कटहल आदि सब्जियां फल मिल जाएंगे।

अधिकारी भी कर रहे हैं गांव की तारीफ

ताज्जुब की बात तो यह है कि यह सारी सब्जियां ग्रे वाटर से के माध्यम से उगायी दी गईं हैं। इस गांव में घरों का पानी आपको किसी भी गली में इकट्टा नहीं मिलेग,. क्योंकि घर की किचन में इस्तेमाल किया गया पानी घर के बाहर जा ही नहीं पाता, जो भी इस गांव में यदा कदा आता है तो गांव की इस खूबसूरत तस्वीर देखकर दंग रह जाता है। मेरठ के किला परीक्षितगढ़ ब्लॉक के अधिकारियों का दिल भी इस गांव ने जीत लिया है। एडीओ का कहना है कि यह गांव यकीनन समूचे समाज के लिए एक उदाहरण पेश करता है।

गांव में नाली भी ना के बराबर

                                                            

हमारी टीम ने बताया कि इस गांव में नाली का भी वजूद भी न के बराबर ही है, क्योंकि घर के बाहर एक भी बूंद पानी नहीं जा पाता है। गांव की महिलाओं ने घर में ही सब्ज़ियां उगाकर आत्मनिर्भरता की एक मिसाल भी पेश की है। अगर आपको इस गांव में आना है तो बस इतना पूछ लीजिए कि साहब किचन गार्डन वाला गांव कहां पर है। लोग भले ही इस गांव के नाम से वाकिफ न हों लेकिन अगर किचन गार्डन वाला गांव या फिर आंगन में सब्जियां उगाने वाले गांव किसी से भी पूछेंगे तो वह फौरन आपको बता देगा। वाकई में यह एक गांव अऩूठा और अनोखा गांव है। बूंद-बूंद पानी बचाने वाला ये गांव वाकई में अपने आप में बेमिसाल है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।