किसान भाईयो से अपील      Publish Date : 16/08/2024

किसान भाईयो से अपील

प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

 प्रिय किसान भाईयों

आपको अवगत कराना है कि क्षेत्र में अधिक बरसात के कारण गन्ने के जिन खेतों में अधिक दिनों तक जल भराव की स्थिति रहने के संभावना होती है ऐसे क्षेत्रों में गन्ने की फसल की जड़ में ऑक्सीजन एवं अन्य पोषक तत्वों शोषण बाधित हो जाता है। जिसके चलते गन्ने के पौधों में भौतिक परिवर्तन होने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं। इस स्थिति के निर्वाणार्थ और गन्ने की अच्छी बढ़वार के लिए निम्न कार्य करना आवश्यक होता है-

1.   खेत से तत्कालिक रूप से पानी के निकास की उचित व्यवस्था करें।

2.   जल के निकल जाने के पश्चात अपने खेत में नाईट्रोजन (यूरिया) 50 कि.ग्रा., पोटाश 30 कि.ग्रा. तथा 10 कि.ग्र. सल्फर का बुरकाव पौधों की जड़ों में प्रति एकड़ की दर से करें।

3.   फॉस्फोरस का प्रयोग अपने खेतों में किसी भी दशा में न करें।

4.   पानी के निकलने एवं उर्वरकों का प्रयोग करने के दस दिन पश्चात प्रति एकड़ 02 कि.ग्रा. एन.पी.के. (0:52:34), 03-04 कि.ग्रा. यूरिया एवं 500 ग्राम लीफ 200 लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिनों के अन्तराल पर पर्णीय छिड़काव करें।

5.   इसके अतिरिक्त यदि किसी कारण जल निकासी सम्भव न हो तो 10 कि.ग्रा./एकड़ की दर से बलींचिंग पाउडर का प्रयोग किया जा सकता है।

प्रिय कृषक बन्धुओं, जैसा कि आप सभी लोगों का ज्ञात है कि आजकल गन्ने की फसल में मिट्टी चढ़ाने के लिए बहुत ही उपयुक्त समय चल रहा है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।