धान की फसल में नमक का छिड़काव करना सही या गलत? Publish Date : 13/08/2024
धान की फसल में नमक का छिड़काव करना सही या गलत?
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर कृषि विशेषज्ञ
देश में किसानों द्वारा धान की रोपाई का चरण अब लगभग पूरा कर लिया गया है। फसल की रोपाई करने के बाद उसकी बढ़ोतरी के लिए खाद का छिड़काव करना होता है। कीटो तथा जलवायु परिवर्तंन के प्रकोप आदि से बचाने के लिए 30 दिनों तक धान कि कड़ी निगरानी करनी पड़ती है।
इस समय तक लगभग सभी किसानों ने धान की रोपाई की प्रक्रिया को कंप्लीट कर लिया गया है और अब फसल की बढ़ोतरी के लिए उसकी देखभाल करने का दौर जारी है। इस दौर में किसानों को अपनी फसल को बीमारी से बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। उन्हें फसल पर 30 दिनों तक लगातार निगरानी करनी पड़ती है जिससे कि फसल को कीट और जलवायु परिवर्तंन के प्रकोप से बचाया जा सके। अधिक पैदावार के लिए समय पर खाद और पानी देना भी आवश्यक होता है।
धान की फसल में रोग लगने का खतरा अधिक रहता है। किस बीमारी के बचाव के लिए अनेक प्रकार के जैविक तथा रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करते हैं। जिससे उनकी फसल रोग मुक्त रहती है। फसल के उत्पादन में वृद्धि होती है। कुछ किसान ऐसे भी हैं जो अपनी फसल में कीट तथा रोगों का बचाव करने के लिए उस पर नमक का छिड़काव करते हैं।
एक्सपर्ट की राय के अनुसार नमक में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो धान की फसल को बीमारी से बचने के लिए अहम भूमिका निभाते हैं। सरदार वल्लभभाईं पटेल कृषि एवं प्रौशेगिक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर. एस. सेंगर ने बताया की किसान अपनी धान की फसल में रोगों की रोकथाम कर उत्पादन बढ़ाने के लिए तरह तरह के रासायनिक और जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं। साथ ही अनेक तरह की उर्वरकों का प्रयोग भी करते हैं। जिसकी वजह से उनकी फसल रोग मुक्त रहती है और उसके उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है।
डॉ0 सेंगर ने बताया कि धान के फसल में नमक का छिड़काव करने पर फसल में जड़ गलन रोग तथा खैरा रोग से बचाव होता है। नमक जमीन में नमी बनाए रखने का काम करता है। क्योंकि धन की फसल में अधिक पानी की जरूरत होती है।
खेत में नमक का छिड़काव करने पर फसल को रोगों से बताया जा सकता है। हालांकि लगातार इसका छिड़काव करने से यह जमीन के लिए घातक भी साबित होता है। यह उपजाऊ मिट्टी को बंजारा बनने लगता है और इसका सीधा कर हमारी फसल उत्पादन पर पडता है। मिट्टी का पीएच लेवल बढ़ जाता तथा जमीन में लवणीय तत्वों की मात्रा अधिक हो जाती है।
इसलिए आवश्यक है की फसल में किसी भी तरह का रसायन या कीटनाशक प्रयोग करने से पहले कृषि वैज्ञानिक से परामर्श जरूर कर लेना चाहिए। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी गई मात्रा के अनुसार ही सभी खाद और कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहिए।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।