स्टार्टअप प्रोडक्ट खरीद कर प्रोत्साहित करें      Publish Date : 08/08/2024

                              स्टार्टअप प्रोडक्ट खरीद कर प्रोत्साहित करें

                                                                                                                                                                  डॉ0 आर. एस. सेंगर एव डॉ0 वर्षां रानी

शिक्षण संस्थानों में नई शुरुआत स्टार्टअप प्रोडक्ट खरीद कर प्रोत्साहित करें छात्रों को

                                                                       

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि स्टार्टअप के माध्यम से अनु उपयोगी चीजों को उपयोगी बनाए, इसके लिए राज भवन हर संभव मदद प्रदान करेगा। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजनाओं का भी लाभ छात्रों को उठाना चाहिए। स्टार्टअप समाज उपयोगी प्रदूषण रहित आय सृजन आदि उद्देश्यों की पूर्ति करने वाला होना चाहिए। विश्वविद्यालय व अन्य संस्थाएं स्टार्टअप के उत्पाद खरीद कर उसे प्रोत्साहित करने का कार्य करें।

राजपाल बुधवार राज भवन में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के इनोवेशन हब की स्टार्टअप प्रदर्शनी और उनके प्रस्तुतीकरण को देखने के बाद युवाओं को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप की दुनिया बहुत अच्छी है, इसका उद्देश्य समाज की समस्याओं को जानना तकनीकी के माध्यम से उसका उचित समाधान प्रस्तुत करना, स्वच्छता तथा आय सृजन का एक बेहतर साधन है।

उन्होंने कहा कि युवाओं के पास बुद्धि और कोशल है जिसे सही दिशा में लगाया गया है। शक्ति, बुद्धि और कौशल से आगे बढ़ाना चाहिए। राजपाल ने गंदे पानी को साफ करने की नई तकनीक और नाईंयों की दुकान में इकट्ठा होने वाले बाल की उपयोगिता आदि के नए स्टार्टअप शुरू करने के सुझाव भी दिए। एक्टू के कुलपति प्रोफेसर जे पी पांडे ने कहा कि स्टार्टअप के माध्यम से आगे आने वाले वर्षों में देश विकसित हो सकेगा।

छात्रों ने दिखाई प्रतिभा

प्रदर्शनी में स्कूली विद्यार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक्स रोबोटिक और द्रोण के प्रशिक्षण, सोलर स्मार्ट बन महिला सुरक्षा के लिए पिंक शक्ति एप, हस्त निर्मित उत्पादों के लिए हस्तकला प्रमाणिक, विद्यार्थियों के डिजिटल हेल्थ कार्ड और आत्मनिर्भर आधुनिक गौशाला आदि का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस अवसर पर राजपाल के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्यकारी शिक्षा डॉक्टर पंकज एल जानी तथा विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र भी उपस्थित रहे।

पर्यटन के क्षेत्र रोजगार की बढ़ रही है संभावनाएं

                                                                          

हमारे देश में पर्यटन की असीम संभावनाओं को देखते हुए केंद्रीय आम बजट 2024-25 में बिहार में गया के विष्णुपद मंदिर और बोधगया मंदिरों का कॉरिडोर बनाने और राजगीर के हिंदू बौद्ध, जैन मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात प्रमुखता से कही गई है। साथ ही उड़ीसा के दर्शनीय सुंदर मंदिरों स्मारकों वन जीव अभ्यारणों तथा प्राचीन समुद्र तत्वों को पर्यटन गणितज्ञ के रूप में स्थापित करने के लिए इस बजट में विशेष जोर दिया गया है।

यही कारण है कि इस बार के बजट में पर्यावरण मंत्रालय को ज्यादा धन भी आवंटित किया गया है, जो पिछले वर्ष से लगभग 800 करोड रुपए ज्यादा है। जानकारों की माने तो कृषि के बाद पर्यटन ही वह क्षेत्र है, जो युवाओं को सबसे अधिक रोजगार उपलब्ध करा सकता है। इसलिए तीसरी बार केंद्र की सत्ता में मोदी सरकार के आने के बाद से ही पर्यटन उद्योग पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है। वाराणसी में काशी धाम, उज्जैन में महाकाल धाम तथा अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद देश के पर्यटन क्षेत्र में इतना उछाल आया है, इसका उदाहरण हमारे सामने है।

कुछ माह पहले आई मेक, माय ट्रिप इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना कल के बाद अब से भारतीय घूमने फिरने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। जीवन का आनंद उठाने का ज्यादा ध्यान दे रहे हैं इसलिए अब लोग अकेले के बजाय परिवार के साथ घूमने-फिरने के लिए जा रहे हैं। रिपोर्ट की माने तो पहले की तुलना में अब ज्यादातर लोग परिवार के साथ काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या, महाकाल, वैष्णो देवी जैसे आध्यात्मिक स्थलों पर जाना अधिक पसंद कर रहे हैं।

हाल में आयी मैरियट इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में उच्च आय वर्ग के 89 प्रतिशत लोग ट्रैवल पर अधिक खर्च करने का विचार बना रहे हैं। करीब 88 प्रतिशत भारतीय तो विभिन्न किस्म के भोजन का स्वाद लेने और भारतीय खान-पान की संस्कृति का अनुभव लेने के लिए भी देश में यात्राएं कर रहे हैं। जाहिर सी बात है यदि लोग देश के विभिन्न स्थानों पर घूमने के लिए जाएंगे और इतनी अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं तो रोजगार के अवसर भी निश्चित रूप से बढ़ रहे हैं।

रोजगार के असीम अवसर

दूसरे तमाम उद्योगों की तरह अब पर्यटन उद्योग में भी काफी सेवाएं ऑनलाइन मिलने लगी है। अपने बजट और सहूलियतों को जरूर को ध्यान में रखकर, यात्रा संबंधी सभी सुविधाएं ऑनलाइन घर बैठे मिलने लगी है। इससे कई नए तरह के रोजगार भी सामने आ रहे हैं। इनमें प्रमुख है टूर प्लानर, इन दिनों टूरिज्म इंडस्ट्री में यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय करियर के रूप में उभर कर सामने आया है।

यह प्रोफेशनल आपकी जरूरत के अनुसार टूर डिस्टेंस नेशन की प्लानिंग से लेकर टिकट की बुकिंग गंतव्य तक पहुंचने, वहां रुकने तथा घूमने फिरने के सारे इंतजामात करते हैं। देश के शहरी क्षेत्रों में इस तरह की टूर सेवाओं को खूब पसंद किया जा रहा है। यदि आपकी भी कहीं घूमने फिरने में रुचि है तो इसमें अपने करियर को आगे बढ़ा सकते हैं।

ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल

टूर एंड ट्रेवल्स की सेवाएं अब ट्रैवल पोर्टल एप की ओर शिफ्ट होती जा रही है, जो किसी गंतव्य स्तर पर होटल बुकिंग से लेकर टिकट बुकिंग जैसी तमाम सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध करा रहे हैं। इस तरह के पोर्टल के माध्यम से आप भी वैश्विक स्तर पर टूर एंड ट्रेवल्स की सेवाएं लोगों को उपलब्ध करा सकते हैं।

ट्रैवल एजेंसी ऑपरेटर

पहले की तरह आज भी हर छोटे बड़े शहर में ट्रैवल एजेंसी अभी संचालित हो रही है। इन एजेंसी में ऑपरेटर समेत कई तरह के प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है। इस क्षेत्र में भी रोजगार के लिए आगे बढ़ा जा सकता है।

टूर गाइड

                                                                

पर्यटन के क्षेत्र में टूर गाइड एक सदाबहार पेशा माना जाता रहा है और इनकी जरूरत पहले की तरह आज भी है। यदि आपकी अंग्रेजी अच्छी है और आप लोगों से हिंदी, अंग्रेजी में बातचीत करने में सहज हैं तथा इसके साथ ही आपको स्थानीय इतिहास, संस्कृति और भूगोल का अच्छा ज्ञान है तो यह भी एक अच्छा करियर हो सकता है।

कोर्स एवं योग्यता क्या होनी चाहिए

देशभर में कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी इन दिनों टूरिज्म से संबंधित कोर्स संचालित कर रहे हैं, जहां से बैचलर ऑफ टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, मास्टर इन टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, एमबीए इन टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट जैसे कोर्स कर सकते हैं। यूजी डिग्री कोर्स 3 से 4 वर्ष की अवधि का है जिसमें किसी भी कोर्सं में 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद युवा प्रवेश ले सकते हैं।

प्रमुख संस्थान कौन से हैं

  • दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली।

  • जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय नई दिल्ली।

  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट नई दिल्ली।

  • आगरा विश्वविद्यालय, आगरा।

  • साहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर।

  • शोभित विश्वविद्यालय मेरठ।

आम आदमी की जीवन शैली में अब पर्यटन भी शामिल हो गया है और अब यह रुकने वाला नहीं है क्योंकि लोग कहीं ना कहीं घूमने जाएंगे ही। अब तो ट्रेन, सड़क और हवाई यात्राओं की इतनी अच्छी व्यवस्था हो गई है कि आप कुछ ही समय में देश के किसी भी कोने में पहुंच सकते हैं। इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों में हमारा घरेलू पर्यटन बहुत तेजी से बड़ा है।

सरकार की ओर से भी यह एक अच्छा प्रयास है कि नए-नए पर्यटन स्थल विकसित किया जा रहे हैं। काशी और अयोध्या के बाद बिहार और उड़ीसा में कॉरिडोर बनाने की घोषणा की गई है। इसी दिशा में एक और प्रयास है सरकार गोवा, शिमला व मसूरी जैसी जगहों से ओवर टूरिज्म को और दूसरी जगह पर ले जाने का प्रयास कर रही है, जहां पहले कम लोग पहुंच पाते थे। इसमें सिर्फ युवाओं को ही नहीं वहां के हर समुदाय और समाज को भी लाभ होगा, क्योंकि जब लोग कहीं घूमने जाएंगे तो उससे जुड़ी सेवाओं की मांग भी बढ़ेगी।

जैसे वहां भोजन करेंगे तो भोजनालय चाहिए होंगे, रहेंगे तो होटल चाहिए होंगे, वहां घूमेंगे फिरेंगे तो कैब या इसे चलाने वाले लोगों की जरूरत होगी, वहां तक ले जाने वाली टूर कंपनियों की जरूरत पड़ेगी। कुल मिलाकर देश के युवाओं के लिए यह एक अच्छा सेक्टर बनता चला जा रहा है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।