व्यावसायिक कोचिंग का विशाल धंधा, शिक्षा व्यवस्था को बदहाल बनाने का कारण      Publish Date : 02/08/2024

व्यावसायिक कोचिंग का विशाल धंधा, शिक्षा व्यवस्था को बदहाल बनाने का कारण

                                                                                                                                                     प्रोफेसर राकेश सिंह सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी

                                                                                 

नई दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में पिछले दिनों एक आईएएस के कोचिंग सेंटर में दर्दनाक हादसा हुआ, जिसकी चर्चाएं आज भी पूरे देश में ही नहीं बल्कि विश्व में भी हो रही है। आईंएएस की तैयारी कराने वाले एक नामचीन कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में अचानक भरे पानी में डूब कर वहाँ के तीन छात्रों की मौत हो गई। यह दुर्घटना प्रथमदृष्टया आपराधिक लापरवाही का परिणाम ही दिखाई देती है, क्योंकि यह हादसा गैर कानूनी ढंग से चलने वाले कोचिंग सेंटर की निजी व्यवस्था के तहत हुआ है।

                                                              

अक्सर यह देखा जाता है कि देश में जब भी कोई गंभीर घटना होती है और जनता की आवाज उठाती है तो जांच कमेटी बैठा दी जाती है और कहा जाता है कि इस पर सख्त कार्रवाई होगी। कानून अपना काम करेगा और दोषी को बक्सा नहीं जाएगा। जैसी घोषणाएं करते हुए सरकार थोड़ी देर के लिए जाती है और उसके बाद वह कमेटी और कोर्ट पर निर्भर हो जाती है। जैसे कि इस दर्दनाक हादसे में भी देखा जा रहा है। लेकिन कुछ दिनों बाद घटनाओं को और उनके आगोश में अपनी मौत मरने के लिए छोड़ दिया जाता है।

                                                                  

समय बीतने के साथ लोग भी इन घटनाओं को भूल जाते हैं और वह अपनी जिंदगी में आगे बढ़ जाते हैं। इस बीच राजनीति और राजनेता भी बदल जाते हैं फिर हम अक्सर खद को वहीं खड़े पाते हैं जहां पहले खड़े हुए थे। उम्मीद है कि यह घटना इस यथा स्थिति वाद को तोड़ेगी और दोषियों को सजा मिल सकेगी।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।