पौधों की सुरक्षा का पाठ पढ़ाया जाए स्कूलों विद्यालयों एवं महाविद्यालय में Publish Date : 02/08/2024
पौधों की सुरक्षा का पाठ पढ़ाया जाए स्कूलों विद्यालयों एवं महाविद्यालय में
प्रोफेसर आर एस सेंगर
हर वर्ष पूरे प्रदेश में जोर-शोर से पौधारोपण अभियान चलाया जाता है और लाखों की संख्या में पौधे विभिन्न स्थानों पर रोपें जाते हैं। मंत्रियों से लेकर बड़े अधिकारी और कर्मचारियों की इस अभियान में भागीदारी रहती है। पौधे लगाने को जन अभियान बनाने के लिए इस बार इसे एक पेड़ मां के नाम से अभियान नाम दिया गया है। जिससे पौधे लगाने वाले को यह एहसास हो कि जो पौधा उसने लगाया है उसकी देखभाल व रक्षा का दायित्व भी पूरा करना है। देखने में अमूमन ऐसा नहीं होता है, यदि हर तीन लगाए गए पौधों की स्थिति का आकलन कराया जाए तो पता चल सकेगा कि कितने पौधे जीवित हैं और कितने मर चुके हैं।
शायद ही किसी विभाग की ओर से इस प्रकार का आकलन कराया जाता होगा। ऐसे में पौधों की सुरक्षा का पाठ स्कूल, कॉलेज स्तर पर पढ़ाया जाना बहुत ही जरूरी है। यह जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए कि जो पौधे स्कूल कॉलेज के परिसरों में लगाए गए हैं, उनकी देखभाल विद्यार्थियों को या विद्यालय कर्मचारियों को करनी होगी।
सोसाइटी ऑफ ग्रीन बोर्ड फॉर सस्टेनेबल एनवायरमेंट के सचिव प्रोफेसर आर. एस. सेंगर ने बताया की समिति द्वारा आसपास के स्कूलों में जाकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें बच्चों से कहा गया है कि जो पेड़ एक पेड़ मां के नाम लगाया गया है उसकी सुरक्षा के लिए सजग रहे। जिस प्रकार से मां-बाप बच्चों को पलते हैं और बड़ा करते हैं उसी प्रकार से मां के नाम लगाए गए पेड़ की रक्षा करने का संकल्प लें और उसे पर जब भी कोई आपत्ति दिखाई देती है तो उसके साथ आगे बढ़कर सहायता करें। अर्थात खाद पानी की जब भी उसकी आवश्यकता होती है तो देते रहे।
दूल्हेरा के प्रधान बाल किशन ने कहा कि समिति ऑफ़ ग्रीन वर्ल्ड फॉर सस्टेनेबल एनवायरमेंट के द्वारा जो जागृति अभियान छात्रों के बीच जाकर चलाया जा रहा है, वह काफी सराहनीय है। इससे बच्चों को प्रेरणा मिलती है कि वह जो वृक्ष लगाए उसका संरक्षण जरूर करें। खास तौर से जो पेड़ मां के नाम लगाए गए हैं उनकी देखभाल अवश्य करें। इस अभियान से छात्र-छात्राएं और ग्रामीण और किसान जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में शायद ज्यादा वृक्षों को सुरक्षित रखा जा सकेगा।
इस अवसर पर दिव्यांशु, प्रियांशु, कार्तिकेय, विशु महेश्वरी, अशोक, दिग्विजय सिंह, नरेंद्र चौधरी और कपिल बंसल आदि लोग उपस्थित रहे।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।