बदलाव कैसे लाए Publish Date : 29/07/2024
बदलाव कैसे लाए
qप्रोफसर आर. एस. सेंगर
पहले खुद को बदलें क्योंकि दूसरे के भरोसे नहीं होते बदलाव के सपने साकार-
जीवन में सफलता का पहला मंत्र यही है कि पहले हम खुद में बदलाव लाएं तो आगे की श्रृंखलाएं तो अपने आप ही बदलती चली जाएगी। सबसे बड़ा परिवर्तन इस बात में आना चाहिए कि हम चीजों को किस तरह देखते हैं। चीजों को देखने का नजरिया बदलना चाहिए यह इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यही हमें सही मार्ग दिखा सकता है।
हर कोई दुनिया बदलने के बारे में तो सोचता है लेकिन कोई भी खुद को बदलने के बारे में नहीं सोचता। क्या खुद को बदलना दुनिया को बदलने की शुरुआत नहीं है। सभी लोग दूसरों के साथ प्रयोग क्यों करना चाहते हैं और खुद को आप अप्रभावित क्यों रखना चाहते हैं। यदि मैं अपना जीवन बदलना चाहता हूं तो इसकी शुरुआत मुझे स्वयं ही करनी चाहिए, ना कि किसी दूसरे व्यक्ति से। किसी बाहरी चीज या बाजार से इस बात का संकल्प हमें लेना होगा। अगर आप दुनिया में बदलाव को देखना चाहते हैं तो इसकी पहल आप ही को करनी होगी।
हम लोग दूसरों के भरोसे आप किसी तरह का बदलाव लाने का सपना साकार नहीं कर सकते। बदलाव कोई अचानक नहीं होने वाली घटना है इसमें लंबा समय लगता है। बदलाव मे वर्षों दशकों यहां तक कि सदियों का भी समय लग जाता है। लेकिन अगर आज आप इस दिशा में पहला कदम बढ़ाते हैं और जैसा बदलाव देखना चाहते हैं तो वैसा होने के लिए सबसे पहले उसे बदलाव की प्रक्रिया अपने आप से ही इसकी शुरूआत करनी होगी।
अगर हम स्वय को ही नहीं बदल सकते तो औरों से इसकी अपेक्षा कैसे कर सकते हैं। इसलिए इस दिशा में सफलता का पहला मंत्र यही है कि पहले हम खुद में बदलाव लाएं आगे की श्रृंखला तो अपने आप बदलती चली जाएगी। परिवर्तन कैसा होना चाहिए यह भी एक उतना ही महत्वपूर्ण प्रश्न है जितना कि बदलाव की जरूरत सबसे बड़ा परिवर्तन इस बात में आना चाहिए कि हम चीजों को किस तरह देखते है, उन्हें कैसे समझते हैं।
हम यह कैसे समझते हैं कि दुनिया हमारे साथ कैसा व्यवहार कर रही है, इसी से हमें पता चलता है कि जिन चीजों को हम बदलना चाहते हैं वह कितनी बदल सकती हैं और इसमें कितना सच्चाई है। वैसे यह कोई मामूली बात नहीं है, लेकिन यह असंभव तो कतई भी नहीं है। हां यह बेहद चुनौती भरा काम जरूर है और इसे लेना भी चुनौती के रूप में ही चाहिए । इसलिए बदलाव की शुरुआत अपने आप से ही करनी होगी। अगर हम खुद को बदलना सीख गए तो जीवन की बड़ी से बड़ी चुनौतियों और बाधाओ को पार कर सकते हैं।
हम खुद में बदलाव लाकर न सिर्फ अपना बल्कि दूसरों का जीवन भी श्रेष्ठ बना सकते हैं। एक व्यक्ति अपने भीतर सकारात्मक बदलाव लाकर सैकड़ो लोगों का जीवन बदल सकता है और फिर वैश्विकरण। लोग हजारों लोगों के जीवन को नई दिशा दे सकते हैं यह प्रक्रिया गणित की गुणोत्तर श्रेणी की तरह ही चलती चली जाती है।
इसलिए मजबूत व्यक्तित्व वाले इंसान के साथ लोग खुद व खुद जुड़ते चले जाते हैं और यही से सकारात्मक बदलाव की शुरुआत होती है। इसलिए समाज और दुनिया को बदलने के लिए सबसे पहले हम खुद को बदलने का प्रयास करें। अगर आप चीजों को देखने का नजरिया बदल लेंगे तो चीज भी बदलती चली जाएगी। दूसरे शुरू करेंगे इस इंतजार में न रहंे। पहले खुद को बदलें और इसके बाद दूसरों को बदलने के बारे में सोचे। निश्चित रूप से यदि आप अपने को बदल लेंगे तो आपके सपने आसानी से साकार हो सकेगे।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।