कौशल, विकास व रोजगार को एक ही सूत्र में पिरोया      Publish Date : 25/07/2024

                          कौशल, विकास व रोजगार को एक ही सूत्र में पिरोया

                                                                                                                                                                                 प्रोफसर आर. एस. सेगर

हर और तकनीक शिक्षा जगत के विशेषज्ञों ने युवाओं के लिए कौशल विकास, इंटर्नशिप और रोजगार सृजन की व्यवस्था एक साथ किए जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इससे काय क्षेत्र में कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता की पूर्ति होगी और युवाओं के लिए रोजगार सृजन में भी भरपूर मदद मिलेगी। विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार के इस बजट को विकसित भारत का सोच को साकार करने वाला बजट बताया है। प्रोफेसर आर. एस. सेंगर सरदार वल्लभभाईं पटेल कृषि एव प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ के निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट ने कहा कि 5 सालों में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य सराहनीय है। विभिन्न योजनाओं के तहत शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार को एक ही सूत्र में पिरो दिया गया है और आगे की ऐसी सोच के माध्यम से ही विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। इसके सम्बन्ध में कौशल विकास पर जोर देने और रोजगार की योजनाओं से लगभग 2.5 करोड़ युवाओं को लाभ होगा।

                                                                                   

सरकार ने समग्रता की योजना से नियोक्ता और कर्मचारी दोनों को ही लाभ देने का काम किया है। महिला कार्यंबल की भागीदारी पर भी विशेष जोर दिया गया है। देश की अर्थव्यवस्था में महिलाओ की भूमिका भी अहम मानी गई है। डॉक्टर सेंगर ने कहा कि सरकार ने नौकरियों की भारी मांग की पूर्ति के लिए कुशलता में कमी और सामाजिक असमानता की समस्याओं को दूर करने का सराहनीय प्रयास किया है।

सरकार द्वारा उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक का कर्ज मान्य करने का कदम भी सराहनीय है। अगले 5 सालों में 20 लाख से अधिक युवाओं को कौशल विकास के अवसर देना और एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देना सराहनीय कदम है। इस बजट से बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में और विशेष रूप से नौकरियों का सृजन एवं क्षेत्र बढ़ सकेगा।

रोजगार के अवसर और कौशल प्रशिक्षण पर जोर

20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। 5 वर्षों में 7.5 लाख तक का कौशल रेट भी उपलब्ध कराया जाएगा तथा कंपनियों व कर्मचारियों को प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।

सभी नवनियुक्त कामगारों को एक माह का वेतन दिया जाएगा

  • ईपीएफओ में पहली बार पंजीकृत रोजगार पाने वालों को एक माह के वेतन का प्रत्यक्ष लाभ तीन किस्तों में अधिकतम ₹15000 एक से कम प्रतिमाह वेतन वालों को लाभ।
  • नियोक्ता को मदद की जाएगी। इसमें ईपीएफओ योगदान के लिए 2 साल तक प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी पर ₹3000 प्रति महीना सरकार देगी। इससे 50 लाख लोगों को अतिरिक्त रोजगार प्रोत्साहन मिलेगा।

एमएसएमई कर्ज के लिए 100 करोड़ का प्रावधान

  • लोन गारंटी योजना के अन्तर्गंत छोटे कारोबारियों के लिए नईं क्रेडिट स्कीम का प्रस्ताव।
  • 50 बहू उत्पाद रेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
  • मुद्रा ऋण सीमा को बढ़ाया गया इसके तहत 10 लाख रुपये से बढ़कर 20 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी।
  • 6 करोड़ किसानों के लिए जमीन की रजिस्ट्री।
  • 63000 जनजातीय गांव बनेंगे उन्नत।
  • 109 फसलों को बढ़ावा देगी सरकार।
  • पांच और राज्यों में किसान क्रेडिट कार्ड योजना लागू।
  • 1000 बायो रिसर्च सेंटर बनाए जाएंगे।
  • 5 करोड़ जनजातीय लोगों के लिए उन्नत ग्राम अभियान 63000 गांव हासिल होंगे।
  • युवाओं को शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप के साथ 10 लाख तक का शिक्षा ऋण दिया जाएगा।

                                                                      

देश की शीर्ष 500 कंपनियों में अगले 5 साल में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। इस दौरान हर माह ₹5000 इंटर्नशिप भता ₹6000 की एक मुफ्त सहायता भी मिल सकेगी।

देश के संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लख रुपए तक लोन दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें ब्याज पर तीन प्रतिशत की छूट भी मिलेगी।

सरकार 12 औद्योगिक पार्क विकसित करेगी

  • सरकार द्वारा शहरी गरीब व मध्यवर्गीय परिवारों के लिए एक करोड़ आवास बनाए जाएंगे।
  • सेंट्रल हाउसिंग सोसायटी योजना में 10 लाख करोड रुपए का निवेश होगा।
  • 25000 गांव को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चौथे चरण में आल वेदर सड़कें बनाई जाएंगी।

नाबालिगों के लिए माता-पिता व अभिवावक को की ओर से योगदान के लिए एनपीएस वात्सल्य की योजना है। इस योजना में बच्चो के वयस्क होने पर सामान्य एनपीएस में बदला जा सकेगा।

                                                                    

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि यह बजट समाज के हर वर्ग को शक्ति देने वाला, गांव, गरीब, किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट है। बीते 10 वर्षों में 25 करोड लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। यह नए मध्य वर्ग के सशक्तिकरण की निरंतता का बजट है। बजट का बहुत बड़ा फोकस देश के किसान पर है। इस बजट से महिलाओं की आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। आर्थिक विकास को नई गति मिल सकेगी और हम सब मिलकर भारत को वैश्विक विनिर्माण का केंद्र बनेंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय बजट को सर्व स्पर्शी, सर्वं समावेशी और विकासमुखी बताया है। मख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह बजट 140 करोड़ भारतवासियों की आशा, आकांक्षा और अमृत काल के संकल्पों को पूरा करने वाला सिद्ध होगा। यह आत्मनिर्भर एवं विकसित भारत के निर्माण का आर्थिक दस्तावेज है। इसमें अंत्योदय की पावन भावना व विकास की असीम संभावनाएं विद्यमान हैं।

समाज के हर तबके के लिए बजट में प्रावधान किया गया है तथा यह राम राज्य की अवधारणा को साकार करने वाला बजट है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अभिनंदन किया और कहा कि बजट में अन्नदाता किसानों की समृद्धि और महिला सशक्तिकरण के लिए प्रावधान किया गया है। इससे सर्वाधिक लाभान्वित उत्तर प्रदेश की आधी आबादी होगी।

मुख्यमंत्री ने युवाओं के लिए लाखों नौकरियों के साथ-साथ मध्य वर्ग के लिए इनकम टैक्स में नए टैक्स स्लैब की रियायत का स्वागत किया और कहा कि मध्य वर्ग को टैक्स में सबसे बड़ी छूट मिली है। योगी ने कहा कि यह बजट भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलने के संकल्प के साथ ही विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के आर्थिक दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत किया गया है। गांव, गरीब, किसान, नौजवान और इंडस्ट्री एमएसएमई सेक्टर के लिए किए गए प्रावधानों से नौकरियां सृजित होगी। उन्होंने कहा कि सही मायने में यह विकसित भारत के निर्माण का एक अधिकारिक दस्तावेज है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।