पौधे जो आपके घर में जरूर होने चाहिए Publish Date : 23/06/2024
पौधे जो आपके घर में जरूर होने चाहिए
डॉ0 आर. एस. सेंगर, रेशु चौधरी एवं गरिमा शर्मा
आज के अपने इस लेख के माध्यम से हम घरेलू बागवानी के लिए उन सात पौधो के बारे में जानेंगे जो केवल सुंदरता को ही नहीं बढ़ाते है, बल्कि ये आपकी सेहत को ठीक रखने में भी सहायक सिद्ध होते हैं। घरेलू बागवानी में यह पौधे अवश्य रखने चाहिए, जो बागवानी की इच्छा को पूर्ण करने के साथ-साथ आपके लिए उपयोगी भी सिद्ध हो।
लेमन ग्रास:
यह एक बहु वर्षीय ग्रास (घास) है जो नियमित देखभाल करने पर 3 साल तक तो आराम से चल जाती है। अपने दैनिक जीवन में आप लेमन टी में इसका उपयोग कर सकते है। इसके पौधे आपको नर्सरी से मिल सकते है या स्लिप्स मंगवाकर आप अपने गमलो या बगीचे में लगा सकते है। लगाने का सही समय वैसे तो वर्षा ऋतु होती है लेकिन आप जुलाई से मार्च तक कभी भी लगा सकते है।
पुदीना:
पुदीना से तो आप सभी लोग भली भाँति परिचित है, औषधीय उपयोग के अतिरिक्त आप चटनी या शीतल पेय बनाने में इसका उपयोग आसानी से कर सकते है। पुदीने को आप अपने घर में बारिश में लगाएं, बहुत अच्छे से चलेगा। लेकिन इसे किसी भी समय लगा सकते है। इसके लिए आपको ज्यादा प्रयास की जरुरत भी नहीं है। बाजार से खाने वाला पुदीना खरीदकर लाइए पत्तियां हटाकर उपयोग कर लीजिये और टहनियों को 2-3 इंच मिटटी में दबा दीजिये। 10-15 दिन में आपको नए अंकुर दिखाई देने लगेंगे और धीरे धीरे यह आपके पुरे गमले में फैल जाएगा। किसी परिचित के गमले से भी जड़ सहित टहनी को लाकर अपने घर के गमले में लगाया जा सकता है।
स्टीविया:
यह आपके लिए चीनी का विकल्प होता है, अतः पौधा तो आपके घर में होना ही चाहिए। स्टीविया का पौधा देखने में भी अच्छा लगता है और चीनी के विकल्प के रूप में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। स्टीविया के पौधे आजकल नर्सरी में मिल जाते है। यह एक बड़े जीवट वाला पौधा होता है। इसकी जड़ सहित टहनी मंगवाकर आप अपने घर में लगा सकते है। अथवा यदि यह किसी परिचित के यहाँ पर लगा है तो आप इसकी टहनी वहाँ लाकर भी इसकी पत्तियां हटाकर बारिश में लगा दे तो पौधा बन जाता है।
अपराजिता:
यह खूबसूरत बेल हमेशा हरी भरी बनी रहती है जो खूबसूरत सफेद या नीले रंग फूल देती है। इन नीले फूलो का उपयोग आप ब्लू टी बनाने में भी उपयोग कर सकते है। जो वैसे आप बाजार से नही खरीदेंगे। इसके स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए इसे आपको अपने घर में लगाना चाहिए। इसके सूखे फूल सहेज कर भी रखे जा सकते है।
करी पत्ता या मीठा नीम:
मीठा नीम लगभग प्रत्येक किचन की जरुरत है। आपके घर में लगा हुआ इसका पौधा आपको हमेशा ताजा पत्तिया आपके भोजन के लिए देता रहता है। नर्सरी से पौधा लाकर लगा लीजिये। करी पत्ते का पौधा सामान्य रूप से प्रत्येक नर्सरी से आपको मिल सकता है। यदि किसी परिचित के यहाँ पहले से लगा है तो आप इसके बीज लाकर भी इसे अपने घर में लगा सकते है।
एलोवेरा:
इसके गुणों से आप पूर्व परिचित है ऐसे में यदि यह पौधा आपके घर में रहेगा तो आप ताजा जेल का उपयोग कर सकते है। इसके पौधे बड़ी आसानी से आपको नर्सरी से मिल जाएंगे एक ले आइये। बाद में इसके पास से सकर निकालेंगे जिन्हे आप निकल कर दूसरे गमलो या दूसरी जगह लगा सकते है।
कैमोमाइल:
खूबसूरत सफेद फूलो वाला यह पौधा आप अपने घर में जरूर लगाएं और इसके फूलो से बनी ताजा कैमोमाइल चाय का आनंद लें। इसके सूखे फूल बाद में भी उपयोग किये जा सकते है। अक्टूबर से अप्रेल तक आप इसे लगा सकते है। इसका बीज बहुत बारीक होता है इसलिए पहले आपको पौधे तैयार करने होंगे फिर इसको मुख्य गमले में लगाया जाता है।
लेमन तुलसी:
तुलसी का यह प्रकार आपको नीम्बू और तुलसी दोनों का फ्लेवर देता है अतः इसे आपको अपने घर में जरूर लगाना चाहिए। यह बीज से लगाई जाती है। इसका बीज बहुत बारीक होता है, जिसे सावधानी से उगाया जाता है और पौधे के 4-6 पत्ती का होने पर मूल गमले में लगाया जाता है।
गिलोय:
गिलोय, जिसे आयुर्वेद में अमृता भी कहते है। एक खूबसूरत हरे पत्तो वाली बेल जिसके लाभ देखते हुए जरूर आप अपने घर में लगाएं। किसी औषधीय नर्सरी से इसका पौधा लाकर लगा सकते है, नहीं तो जहाँ लगी हो वहां से आप इसकी छोटी उंगली की मोटाई की एक फीट लम्बी कलम लाकर अपने घर में लगा दीजिये। इसकी कलम लगाने के लिए बारिश का मौसम सबसे अच्छा होता है क्योंकि इस समय इसकी सफलता की सम्भावना ज्यादा होती है।
अडूसा:
खांसी की दवाओं में यह बहुत उपयोगी रहती है। खांसी जुखाम में इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर सेवन जा सकता है। एक आध पौधा लगा रहे तो कोई बुराई नहीं है। पत्तियां खूबसूरत दिखती है अपने गहरे हरे रंग में। बीज से लगता है जिन्हे एक बार मंगवाकर आपको लगाना है, या किसी औषधीय पौधों की नर्सरी से इसे सीधे ही प्राप्त किया जा सकता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।