बरगद का पेड़ पर्यावरण का सबसे अच्छा मित्र

                             बरगद का पेड़ पर्यावरण का सबसे अच्छा मित्र

                                                                                                                                                                                   डॉ0 आर. एस. सेंगर

बरगद का पेड़ जिसको बट वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है, यह पेड़ वातावरण में सबसे अधिक ऑक्सीजन छोड़ने वाले पेड़ों में शामिल है। इसके साथ ही इसकी पत्तियों में कार्बन डाइऑक्साइड को सोखनें की सबसे ज्यादा क्षमता होती है। यही कारण है कि पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने के लिए यह पेड़ बहुत जरूरी है और इसे पर्यावरण के सबसे अच्छे मित्रों में एक कहा जाता है। पहले प्रकृति को सुरक्षित करने वाले और चिकित्सीय गुणों वाले पेड़ पौधों को धार्मिक आस्था से जोड़ दिया जाता था, जिससे मनुष्य उन्हें नुकसान ना पहुंचाएं। देश भर में बट सावित्री का व्रत रखने वाली महिलाएं इसकी पूजा करती है।

                                                                         

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट प्रोफेसर आर एस सेंगर ने बताया बरगद के वृक्ष में इतनी ताकत होती है कि इके सानिध्य में एक पुरी की पूरी जैव विविधता पनप सकती है। पेड़ के नीचे इसमें चींटी से लेकर अलग-अलग प्रकार के पक्षी अपना बसेरा बना लेते हैं तो मनुष्यों के लिए यह पेड़ किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि यह बहुत अधिक ऑक्सीजन छोड़ता है कार्बन डाइऑक्साइड का सबसे अधिक अवशोषण कर लेता है जिससे वायु प्रदूषण काफी हद तक रोका जा सकता है।

                                                                  

इसलिए लोगों को अपने गांव के आसपास जहां खाली जगह पड़ी हो वहां पर बरगद का पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। तभी इस हीट वेव से हम अपने को तो बचा ही सकते हैं साथ ही अपने पशुओं को भी गर्मी से बचा पाएंगे।

लेखकः प्रोफेसर राकेश सिंह सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।