कृषि विश्वविद्यालय में एकदिवसीय व्याख्यान का समापन

              कृषि विश्वविद्यालय में एकदिवसीय व्याख्यान का समापन

                                                                                                                                                                                     डॉ0 आर. एस. सेंगर

जीन थेरेपी तकनीक, कैंसर रोगियों के लिए होगी अति लाभकारी दीपक शर्मा-

                                                                

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के सभागार में सेल एवं जीन थेरेपी में बायोटेक्नोलॉजी के उपयोगिता एवं भविष्य के विषय पर बायोकॉन इंडिया बैंगलोर के गुणवत्ता विशेषज्ञ दीपक शर्मा द्वारा व्याख्यान दिया गया।

कॉलेज ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा आजकल पूरे विश्व में कैंसर के शोध पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है, क्योंकि पूरे विश्व में कैंसर रोगियों की संख्या में बेहतहाशा वृद्धि हो रही है। श्री शर्मा ने बताया कि ब्लड कैंसर के रोगियों में जीन थेरेपी बहुत कारगर साबित हो रही है और शीघ्र ही यह तकनीकी भारत के रोगियों के लिए भी उपलब्ध हो जाएगी। इस क्षेत्र के बारें में उन्होंने बताया कि बायोटेक्नोलॉजी के छात्रों के लिए इस क्षेत्र में रोजगार एवं शोध की असीम संभावनाएं विद्यमान हैं।

दीपक शर्मा ने कहा कि इस थेरेपी में रोगी का रक्त लेकर उसे जेनेटिकली मोडिफाइड करके रोगी को फिर से देते हैं, जिससे कैंसर कोशिकाएं मरने लगती हैं और रोगी को बहुत जल्दी कैंसर से राहत मिल जाती है। इस दिशा में विश्व स्तर पर काफी तेजी से कार्य किया जा रहा है और यह तकनीकी जल्दी ही भारत में भी आम लोगों तक पहुंच जाएगी।

                                                                               

निदेशक ट्रेंनिंग ऑफ प्लेसमेंट प्रोफेसर आर. एस. सेंगर  ने कहा विश्वविद्यालय द्वारा कुलपति प्रोफेसर के के सिंह के दिशा निर्देशन में छात्रों की नॉलेज को इंडस्ट्री के साथ कार्य करते हुए अपग्रेडेशन के लिए इस तरह के प्रोग्राम और व्याख्यान चलाई जा रही है। उन्होंने बताया दीपक शर्मा इसी विश्वविद्यालय के अलमणाई से हैं और 2006 के बायोटेक्नोलॉजी महाविद्यालय के पास आउट छात्र हैं और आजकल बॉयकॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बैंगलोर कंपनी में एक गुणवत्ता विशेषज्ञ के रूप में कार्य कर रहे हैं।

डॉ सेंगर ने कहा कि विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट को एक नई दिशा प्रदान की गई है ताकि छात्र-छात्राओं का यहां से पास आउट होने के बाद कंपनियों में अधिक से अधिक चयन हो सके। इसके लिए विशेष कार्यक्रम चलाकर छात्रों को आगे ले जाने का और उनको प्लेसमेंट दिलाने का कार्य विश्वविद्यालय स्तर पर लगातार किया जा रहा है।

डॉ नीलेश कपूर ने कहा कि अकादमी इंडस्ट्री के बीच रिसर्च को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है।

                                                                       

प्रोफेसर शालिनी गुप्ता ने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र का दायरा काफी बड़ा है और शोध के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है, क्योंकि आने वाले वर्षों में बायोटेक्नोलॉजी का महत्व और अधिक बढ़ेगा। कार्यक्रम का संचालन तथा तथा धन्यवाद प्रस्ताव प्रोफेसर पंकज चौहान द्वारा किया गया।

इस अवसर पर अधिष्ठाता कॉलेज ऑफ बायोटैक्नोलॉजी, प्रोफेसर रविंद्र कुमार, प्रोफेसर डी बी सिंह, प्रोफेसर आकाश तोमर, प्रोफेसर पुरुषोत्तम, प्रोफेसर शालिनी गुप्ता और डॉक्टर देश दीपक के अलावा छात्र अभिषेक पाठक, अनुभव, चिनमय मिश्रा, जतिन, अमरीश तथा प्रियंका आदि का सहयोग रहा।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।