बढेगा गन्ने का उत्पादन गन्ने की फसल में तीन महीने में करें छह बार यह काम

बढेगा गन्ने का उत्पादन गन्ने की फसल में तीन महीने में करें छह बार यह काम

                                                                                                                                                 डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृषाणु

                                                                      

यदि आप एक गन्ना किसान हैं तो 3 महीने की कड़ी मेहनत करने के बाद आप अगले 9 महीनों तक टेंशन फ्री रह सकते हैं, और फिर आप पर रूपयों  की बरसात हो सकती है। साल में एक बार उपज देने वाली गन्ने की खेती से किसानों को साल में एक बार बंपर उत्पादन मिलता है। गन्ना किसानों के लिए अप्रैल, मई और जून का महीना बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। इन तीन महीनों में किसान अगर गन्ने की बेहतर देखभाल कर लें, तो गन्ने की फसल से बंपर उत्पादन मिलेगा और उनकी फसल रोग रहित भी रहेेगी। इस समय जरूरी है की किसान अपने गन्ने के खेत में समय पर सिंचाई करें और निराई-गुड़ाई भी निरंतर करते रहें।

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ0 आर. एस. सेंगर ने बताया कि जिन किसानों ने फरवरी और मार्च में गन्ने की बुवाई की है, उनके लिए यह समय बेहद ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि अब गन्ने का जमाव होने के बाद तेजी के साथ कल्ले निकल रहे होते हैं। मौजूदा तापमान कल्ले निकलने के लिए बेहद ही मुफीद माना जाता है और ऐसे में यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि गन्ने की जड़ों में पर्याप्त नमी बनी रहनी चाहिए।

गर्मियों में जरूरी है निराई, गुड़ाई और सिंचाई आदि कृष क्रियाएं

                                                                              

डॉ0 राकेश सिंह सेंगर ने किसानों को सलाह देते हुए कहा है कि किसान अगर मई और जून और जुलाई के तीन महीनों में गन्ने की फसल की देखभाल अच्छे से कर लें। यानी कि सिंचाई और गुड़ाई पर अतिरिक्त ध्यान दें तो किसानों को बंपर उत्पादन मिल सकेगा। अतः किसान अपने खेत में पर्याप्त नमी के स्तर को बनाए रखें और समय-समय पर सिंचाई और गुड़ाई आदि कार्य करते रहें।

3 महीने तक किसान करें यह काम

डॉ. सेंगर ने बताया कि किसान 15 से 20 दिन में अपने खेत में सिंचाई करने के बाद तीन से चार दिन बाद प्राप्त नमी रहते गन्ने की गुड़ाई कर दें। गुड़ाई करने से खरपतवार नष्ट होते हैं, इसके अलावा मिट्टी में वायु का संचार भी बेहतर होता है। जिसकी वजह से गन्ने के कल्ले तेजी के साथ निकलते हैं। यह जरूरी है कि इन 3 महीनों में किसान गन्ने की फसल में 6 बार पानी दें और 6 बार गुड़ाई भी करें।

पेड़ी भी देगी पौधे की फसल के बराबर उत्पादन

डॉ. सेंगर ने बताया कि जिन किसानों ने गन्ने की हार्वेस्टिंग की है और उसके बाद वह पेड़ी की फसल ले रहे हैं तो ऐसे में उनके लिए भी जरूरी है कि वह पेड़ी की फसल में भी सिंचाई के बाद गुड़ाई करते रहें। इससे वह पौधे की फसल के बराबर ही पेड़ी फसल से भी उत्पादन प्राप्त कर पाएंगे और किसानों को अच्छा मुनाफा मिलेगा। क्योंकि पेड़ी की फसल में किसानों को बेहद ही कम खर्च करना होता है।

गन्ने की फसल में ऐसे करें कीट नियंत्रण

डॉ. सेंगर ने बताया कि गन्ने में सिंचाई और गुड़ाई के अलावा कीट प्रबंधन करना भी बेहद जरूरी होता है। बढ़ रहे तापमान के बीच तना भेदक कीट गन्ने की फसल पर आक्रमण करते हैं। ऐसे में किसान अपनी फसल को इन कीटों से बचाने के लिए 150 एमएल कोराजन को 400 लीटर पानी में घोल बनाकर पौधे की जड़ों के पास ड्रेंचिंग कर दें। ड्रेंचिंग करने के 24 घंटे के बाद खेत में पानी छोड़कर सिंचाई कर दें। इसके अलावा अगर रस चूसक कीट फसल को प्रभावित कर रहे हैं तो प्रोफेनोफॉस 40% और साइपरमेथ्रिन 4% ईसी 750 एमएल दवा लेकर 625 लीटर पानी में घोल बनाकर एक हेक्टेयर गन्ने की फसल में छिड़काव करना चाहिए, जिससे पत्तियों का रस चूसने वाले कीटों का प्रभाव कम हो जाता है।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।