कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय खाद्य एवं मशरुम उत्पादन प्रशिक्षण प्रारंभ Publish Date : 19/03/2024
कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय खाद्य एवं मशरुम उत्पादन प्रशिक्षण प्रारंभ
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र पर मशरूम निदेशालय सोलन के निर्देश पर अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत तीन दिवसीय 17 से 19 मार्च तक प्रशिक्षण एवं कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन प्रोफेसर आर एस सेंगर ने किया। इस दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर गोपाल सिंह, पादप रोग विज्ञान विभाग एवं संयुक्त निदेशक शोध भी उपस्थित रहे। उन्होंने बताया मशरूम के खाद्य एवं औषधीय प्रजातियों के उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण कार्य कराया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान खाद्य मशरूम की हॉस्टल प्रजाति पर प्रयोगात्मक कार्य भी कराया जाएगा। इसके साथ ही साथ मशरूम तथा मशरूम उत्पादन व्यवसाय के बारे में भी समस्त महत्वपर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्रोफेसर आर. एस. सेंगर ने कहा की मशरूम की मांग अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार बढ़ती जा रही है। मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में चीन पहले स्थान पर है और भारत में भी मशरूम उत्पादन की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। भारत में किसान एक सह-व्यवसाय के रूप में मशरूम उत्पादन प्रारंभ कर सकते हैं। इसके उत्पादन से कम लागत एवं कम जगह में किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व में उपलब्ध मसरूम प्रजातियों का लगभग 10 प्रतिशत मशरूम ही खाने के योग्य होते हैं। खाद्य तथा विषैला मशरूम मैं अंतर करने हेतु अभी तक किसी तकनीकी का विकास नहीं हो सका है। साधारणतया प्रयोगशाला परीक्षण से ही खाद्य एवं विषैला मशरूम के रूप की पहचान की जा सकती है। वर्तमान में हमारे देश में भी मशरूम की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है।
कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर गोपाल सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम में 50 अनुसूचित जाति के किसान एवं युवा भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण के उपरांत मशरूम के बीज भी वितरित किए जाएंगे, जिससे वह आसानी से मशरूम का उत्पादन अपने गांव में जाकर तथा घरों पर कर सकते हैं।