डा. वार्ष्णेय ने सीसीएसयू में कृषि के लिए जीनोमिक नवाचार के माध्यम से प्राप्त लाभों के बारे में बताया Publish Date : 10/01/2024
डा. वार्ष्णेय ने सीसीएसयू में कृषि के लिए जीनोमिक नवाचार के माध्यम से प्राप्त लाभों के बारे में बताया
रायल सोसायटी लंदन का फेलो चुने जाने पर सीसीएसयू ने किया डा. राजीव वार्ष्णेय का अभिनंदन
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग की ओर से अटल सभागार में विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र डा. राजीव वार्ष्णेय के सम्मान मे एक अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। डा0 वाष्णेय का अभिनंदन रॉयल सोसायटी लंदन में फेलो के रूप में चयनित होने पर किया गया। यह शोध क्षेत्र में कार्य करने वाले वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि होती है।
डा. वार्ष्णेय वैश्विक स्तर पर जानी - मानी एग्रीकल्चरल आरएंडडी इंस्टीट्यूट, इंटरनेशनल क्रॉप रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी- एरिड ट्रोपिक्स में 16 वर्ष सेवाएं देने के बाद वर्तमान में आस्ट्रेलिया के पर्थ स्थिति मर्डोक यूनिवर्सिटी में फूड फ्यूचर इंस्टीट्यूट के निदेशक पद पर कार्यरत हैं। सीसीएसयू में ही कार्यरत प्रोफेसर पी. के. गुप्ता के मार्गदर्शन में पीएचडी करने वाले प्रोफेसर राजीव कुमार का नाम कृषि व जैव प्रौद्योगिकी के वर्तमान के शीर्ष वैज्ञानिकों में शुमार किया जाता है।
डा. वार्ष्णेय की खोज भारत के अलावा चीन, केन्या, यूथोपिया, तंजानिया, नाइजीरिया, घाना, माली और सेनेगल आदि देशों के किसानों के लिए लाभकारी रही हैं। कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला और महाराज सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ के कुलपति प्रोफेसर पी. के. शर्मा ने उन्हें सम्मानित किया।
अभिनंदन समारोह में डा. वार्ष्णेय ने, कृषि के लिए जीनोमिक नवाचार की उपलब्धियां और संभावनाएं, विषय पर एक विशेष व्याख्यान भी दिया, जिसमें उन्होंने अपने शोध में मिली कामयाबियों से किसानों को हुए लाभ के सफर का विस्तार से वर्णन किया।
इस दौरान विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राहुल कुमार ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। प्रोफेसर एस. एस. गौरव ने प्रोफेसर राजीव वार्ष्णेय का जीवन परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन डा. डी. प्रताप व धन्यवाद ज्ञापन कृषि संकाय के डीन प्रोफेसर शैलेंद्र शर्मा ने दिया।