घालमेलः स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा के साथ धोखा Publish Date : 28/10/2024
घालमेलः स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा के साथ धोखा
बरतें सतर्कता, बाजार में नए आलू के नाम पर बिक रहा है जहरीला आलू
नया आलू तैयार करने का तरीका- आलू को पले 12 घंटे तक अमोनिया के घोल मे रखा जाजा है उसके बाद इस आलू को मिट्टी में रगड़कर नया आलू तैयार कर लेते हैं बेइमान लोग और इस तरीके से तैयार किया गया यह आलू स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होता है।
30 रूपये किलो वाला बिक रहा है 50 रूपये किलो
यदि आप बाजार से आलू खरीद रहे हैं तो सावधान! क्योंकि आजकल बाजार में नए आलू के नाम पर जहरीला आलू खुलेआम बिक रहा है। झारखंड़ के रांची में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, रांची के लगभग सभी बाजारों में ऐसा आलू 50 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से खुलेआम बिक रहा है और मुनाफाखोर इस प्रकार 20 रूपये प्रति किलोग्राम का मुनाफा कमा रहे हैं।
एक रिपोर्ट में इस प्रकार के चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। असल में लोग छिलका हटा हुआ देखकर समझ रहे हैं कि यह नया आलू है और वह इसे महंगे रेट पर खरीद रहे हैं। जबकि वास्तव में केमिकल्स का प्रयोग कर पुराने आलू को ही नए आलू बताकर बेचा जा रहा है। केमीकल से तैयार किया गया यह नया आलू दो दिनों में ही सड़ने लगता है और इसका रंग बदलने लगता है।
यदि डॉक्टरों की माने तो केमिकल से तैयार किया गया यह आलू स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित होता है। इस आलू को तैयार करने में जिस केमिकल का प्रयोग किया जा रहा है उससे व्यक्ति के लीवर और किडनी को नुकसान पहुँच सकता है।
नया आलू तो अभी बाजार में आया ही नही
रांची के नागाबाबा खटाल में आल और प्याज के थोक विक्रेता बताते हैं कि नया आलू तो अभी तक बाजार में आया ही नही है। असल में जिस आलू को नया आलू बताकर बेचा जा रहा है वह केमिकलयुक्त पुराना आलू ही है। बाजार के पुराने आलू विक्रेा तो इस आलू को बेच ही नही रहे हैं इस आलू को केवल ऐसे ही दुकानदार बेच रहे हैं जो बाजार में कभी कभार ही आकर बैठते हैं।
नया आलू तैयार करने की विधि
दरअसल, पुराने आलू को नय बनाने के लिए मुनाफाखोरी करने वाले लोग पहले पुराने आलू को 12 घंटे तक अमोनिया के घोल में रख देते है और फिर आलू को मिट्टी में रगड़कर इसे नया आलू बना दिया जाता है। नया आलू बनाने के लिए अमोनिया का पानी में घोल बनाकर इस घोल में आलू को 12 घंटे तक रखा जाता है, इससे आलू का छिलका पतला हो जाता है।
इसके बाद आलू को इस घोल से निकाल कर लाल मिट्टी में रगड़ लिया जाता है। इससे आलू का छिलका मिट्टी में चिपक जाता है और छिल्का उतरा हुआ देखकर उपभोक्ता को लगता है कि यह नया आलू है। उपभोक्ताओं को भ्रमित करने के लिए बाजार में बेचने के लिए इसे रामगढ़ और इसके आसपास के इलाके का बताकर बेचा जा रहा है और लोग भी भ्रम में आकर इस आलू को खरीद रहे हैं।
आँख, नाक एव गले आदि भी होते हैं प्रभावित
आलू को अमानिया के घोल में रखने पर यह जहरीला हो जाता है। यदि इस आलू का नियमित रूप से उपयोग किया जाता है तो इससे आँख, नाक एव गले आदि अंग कुप्रभावित होते हैं। अमोनिया से पेट में दर्द और जलन की शिकायत भी हो सकती है। इस केमिकलयुक्त आलू का नियमित रूप से सेवन करने से व्यक्ति के लीवर एवं किडनी आदि पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है।