कृषि विश्वविद्यालय में दीक्षा रंभ 2024 का हुआ आगाज      Publish Date : 07/10/2024

         कृषि विश्वविद्यालय में दीक्षा रंभ 2024 का हुआ आगाज

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज नई शिक्षा नीति को लागू करने वाला विश्वविद्यालय बन गया है। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के के सिंह के नेतृत्व में नवीन शिक्षा नीति-2020 को लागू कर दिया गया है। कृषि विश्वविद्यालय ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा जारी की गई छठी डीन कमेटी की सिफारिश को लागू कर दिया है।

विश्वविद्यालय द्वारा आज सभी कॉलेज में नव प्रवेशित विद्यार्थियों को दीक्षा का आरंभ 2024 कार्यक्रम प्रारंभ कर दिया गया है।

कुलपति प्रोफेसर के के सिंह विश्वविद्यालय में प्रवेश पाए सभी छात्रों शुभकामनाएं देते हुए कहा की कृषि विषय और अन्य विषयों में प्रथम वर्ष में प्रवेश पाने वाले नई पीढ़ी के छात्र एवं छात्राएं अब नई शिक्षा नीति के मसौदे के आलोक में नए आयाम व पाठ्यक्रम के साथ अपनी शिक्षा को पूर्ण करेंगे।

                                                              

इस अवसर पर निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, प्रोफेसर आर एस सेंगर ने कहा कि यहां पर यह बहुत ही उल्लेखनीय बात है कि भारत सरकार ने वर्ष 2021 में कमेटी का गठन की नई शिक्षा नीति को लगभग 4 वर्ष में अंजाम दिया। इसका मुख्याध्याय कृषि में उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर भारत को ज्ञान समझ में बदलना, जिसमें छात्रों को राष्ट्रीय एवं वैश्विक समस्याओं से सामना करने के लिए तैयार करना है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक कृषि शिक्षा ने अपने जारी पत्र में कहा कि छठा दिन कमेटी की सिफारिश को 1340 प्रश्नों में समाहित किया गया है। दीक्षा का आरंभ भी इन्हीं में से एक सिफारिश है, उन्होंने कहा कि शिक्षार्थियों को कभी भी तनाव में नहीं रहना चाहिए बल्कि आनंद और उल्लासित माहौल में शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए।

प्रोफेसर आर एस सेंगर ने संबोधित करते हुए कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति कहती है शिक्षा ग्रहण करते समय धन और मन दोनों का स्वस्थ होना जरूरी है। यह जरूरी नहीं है कि आपने कितनी पढ़ाई या डिग्री हासिल की है बल्कि जरूरी है आप में जुनून कितना है। कई ऐसे लोग उदाहरण भी मौजूद हैं जिन्होंने बहुत कम शिक्षा ग्रहण करने के बावजूद अपना नाम शीर्ष पर बनाया है। इनमें बिल गेट्स, स्टीव जॉब्स, उड़ीसा के पद्मश्री कवि हालदार नाग के नाम काफी चर्चित हैं। इन लोगों ने बहुत कम पढ़ाई करने के उपरांत भी दुनिया में अपने आपको स्थापित कर अपना नाम किया है, क्योंकि इन लोगों में विजन और जुनून था। आज भारत में 27 प्रतिशत युवा है, जो दुनिया के सर्वाधिक युवा भारत में होने से हम बहुत कुछ करने में सक्षम है और कृषि का आसमान तो असीम है।

अधिष्ठाता बायोटेक्नोलॉजी प्रोफेसर रविंद्र कुमार ने महाविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कोर्स और एग्जामिनेशन के बारे में विस्तार से बताया। डॉ मुकेश कुमार ने भारतीय कृषि में एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी की संभावनाओं और विकास की जानकारी प्रदान की। डॉक्टर नीलेश कपूर द्वारा बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में फिंगरप्रिंट की आवश्यकता और उसकी उपयोगिता की जानकारी दी गई वहीं डॉक्टर शालिनी गुप्ता द्वारा मॉलेक्युलर बायोलॉजी द्वारा उन्नतशील प्रजातियों के विकास की संभावनाओं पर व्यापक चर्चा की गई। डॉक्टर रेखा दीक्षित द्वारा प्रदूषण के द्वारा मानव स्वास्थ्य एवं फसलों पर पड़ने वाले कुप्रभावों तथा उनसे सचेत रहने का सुझाव मूल्वान दिया गया।

इस अवसर पर अधिष्ठाता बायोटेक्नोलॉजी प्रोफेसर रविंद्र कुमार, प्रोफेसर आर एस सेंगर, प्रोफेसर मुकेश कुमार, डॉक्टर नीलेश कपूर, प्रोफेसर शालिनी गुप्ता, प्रोफेसर रेखा दीक्षित और प्रोफेसर पुरुषोत्तम आदि शिक्षकगण उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम कॉलेज ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी के सभागार में आयोजित किया गया था। इसी प्रकार अन्य सभी कॉलेजों के सभागारों में भी छात्रों का दीक्षारंभ कार्यक्रम 2024 आयोजित किया गया।