कृषि विश्वविद्यालय एवं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के बीच एम ओ यू      Publish Date : 27/05/2024

कृषि विश्वविद्यालय एवं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के बीच एम ओ यू

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के के सिंह तथा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के निदेशक डॉक्टर एके सिंह ने एम ओ यू पर हस्ताक्षर किए।

                                                                              

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के. के. सिंह ने कहा कि दोनों संस्थाओं के बीच शिक्षक शोध एवं प्रसार की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एम ओ यू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इससे कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में शोध कार्यों तथा शिक्षण के लिए छात्रों और शिक्षकों का आदान-प्रदान किया जा सकेगा, जिससे विश्वविद्यालय के छात्रों को लाभ होगा।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर ए. के. सिंह ने अपने संबोधन में कहा उनके संस्थान ने राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई तकनीकों का विकास किया है, जिसके कारण संस्थान देश में ही नहीं विदेशों में भी जाना जाता है। उन्होंने बताया की संस्थान द्वारा कई ऐसी प्रजातियां विकसित की गई हैं जिससे भारत के किसानों को लाभ मिला है।

                                                                            

धान, गेहूं और दलहनी फसलों मक्का, सरसों, सब्जियां, फल एवं फूल के अलावा कई अन्य फसलों के बीजों को विकसित किया है और इसका लाभ देश के किसानों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बासमती धान की कई प्रजातियां विकसित की गई है, जिससे बासमती धान का उत्पादन बढ़ा है और इससे भारत का निर्यात भी बढ़ा है। बासमती धान के निर्यात द्वारा भारत की आय बढ़ी है और जिसका सीधा लाभ किसानों को भी मिल रहा है।

                                                                        

इस दौरान कुलसचिव प्रोफेसर राम जी सिंह, नियंत्रक लक्ष्मी मिश्रा, निदेशक ट्रेंनिंग आफ प्लेसमेंट प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रसार डॉक्टर पीके सिंह, संयुक्त निदेशक शोध प्रोफेसर गोपाल सिंह, प्रोफेसर विवेक धामा, प्रोफेसर रविंद्र कुमार, प्रोफेसर विजेंद्र सिंह, प्रोफेसर अर्चना आर्य, प्रोफेसर मुकेश कुमार और विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभाग अध्यक्ष एवं शिक्षक आदि सब मौजूद रहे।